
किडनी स्टोन क्या है?
किडनी हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जिसका मुख्य कार्य रक्त को साफ करना, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना और शरीर में पानी-लवण का संतुलन बनाए रखना है। जब इसी प्रक्रिया में किसी कारणवश किडनी के अंदर मौजूद अपशिष्ट पदार्थ क्रिस्टल का रूप लेकर जमा होने लगते हैं, तो वे धीरे-धीरे पथरी का रूप ले लेते हैं। इसी को हम किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी कहते हैं। यह समस्या भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है और आज हर आयु के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।
किडनी के अंदर बनने वाले छोटे-छोटे पत्थर जैसे कठोर ठोस पदार्थों को किडनी स्टोन कहा जाता है। ये आकार में कुछ मिलीमीटर से लेकर कई सेंटीमीटर तक हो सकते हैं। कभी-कभी ये किडनी के अंदर ही रहते हैं, तो कभी मूत्रमार्ग में फंसकर तेज दर्द का कारण बन जाते हैं।
पथरी बनने का मुख्य कारण मूत्र में मौजूद रसायनों का असंतुलन है — जैसे कैल्शियम, ऑक्जेलेट, यूरिक एसिड, फॉस्फेट आदि। जब ये तत्व अधिक मात्रा में एकत्र होते हैं और मूत्र में पर्याप्त पानी नहीं होता, तो क्रिस्टल बनते हैं जो आगे चलकर पथरी का रूप ले लेते हैं।
किडनी स्टोन होने के मुख्य कारण
किडनी स्टोन बनने के कई कारण हैं। इनमें से कुछ जीवनशैली से जुड़े हैं, तो कुछ आहार या अनुवांशिक होते हैं।
1. पानी कम पीना / शरीर में डिहाइड्रेशन
अगर आप दिनभर पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो किडनी में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ ठीक से बाहर नहीं निकलते। परिणामस्वरूप ये पदार्थ जमा होकर पथरी बना लेते हैं।
गर्म क्षेत्रों में रहने वालों को यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
2. नमक का अधिक सेवन
अधिक नमक खाने से शरीर में सोडियम बढ़ता है, जिससे मूत्र में कैल्शियम बढ़ जाता है और पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
3. अधिक प्रोटीन वाला भोजन
बहुत ज्यादा नॉन-वेज, अंडे, प्रोटीन शेक या दालों का अत्यधिक सेवन यूरिक एसिड बढ़ाता है, जिससे यूरिक एसिड स्टोन बन सकता है।
4. ऑक्जेलेट वाले भोजन का ज्यादा सेवन
पालक, चॉकलेट, नट्स, चाय, कॉफी, बीट, काजू आदि में ऑक्जेलेट अधिक होता है। इनका अत्यधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है।
5. अनुवांशिकता (Genetics)
अगर परिवार में किसी को किडनी स्टोन हुआ है, तो अन्य सदस्यों में भी इसका जोखिम अधिक होता है।
6. मोटापा और मेटाबॉलिक समस्याएँ
मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, यूरिक एसिड की समस्या — ये सभी स्टोन बनने की संभावना बढ़ाते हैं।
7. दवाइयों का प्रभाव
कुछ दवाइयाँ जैसे कैल्शियम सप्लीमेंट, विटामिन-D का अत्यधिक सेवन, कुछ एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड आदि भी पथरी बनने का कारण हो सकती हैं।
8. मूत्र संबंधित संक्रमण (UTI)
बार-बार होने वाले संक्रमण भी स्ट्रूवाइट स्टोन बनने का कारण बन सकते हैं।
किडनी स्टोन के प्रमुख प्रकार
1. कैल्शियम ऑक्जेलेट स्टोन
यह सबसे आम प्रकार है। लगभग 70–80% पथरियाँ इसी प्रकार की होती हैं।
कारण: ऑक्जेलेट-समृद्ध भोजन और कम पानी पीना।
2. यूरिक एसिड स्टोन
ज्यादातर लोगों में हाई यूरिक एसिड, अधिक नॉन-वेज और प्रोटीन सेवन से बनते हैं।
3. स्ट्रूवाइट स्टोन
यह UTI (मूत्र संक्रमण) के कारण बनते हैं।
ये महिलाओ में अधिक देखे जाते हैं।
4. सिस्टिन स्टोन
यह दुर्लभ हैं और अनुवांशिक कारणों से बनते हैं।

किडनी स्टोन के लक्षण
कई बार पथरी किडनी में होते हुए भी कोई लक्षण नहीं देती, पर जब पथरी मूत्रनली में फंस जाती है, तो दर्द असहनीय हो जाता है
मुख्य लक्षण:
1. कमर, पीठ या पेट के एक तरफ तेज दर्द
यह दर्द अचानक शुरू होता है और लहरों की तरह आता-जाता है। इसे Renal Colic कहा जाता है।
2. मूत्र करते समय जलन या दर्द
3. पेशाब का रुक-रुककर आना या कम आना
4. मूत्र का रंग लाल, भूरा या धुंधला होना
5. उल्टी, मितली, चक्कर आना
6. बार-बार पेशाब आने की इच्छा
7. बुखार और ठंड लगना
जो संक्रमण का संकेत है।
यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
किडनी स्टोन कैसे बनते हैं? (प्रक्रिया समझें)
-
शरीर में पानी की कमी से मूत्र गाढ़ा हो जाता है।
-
मूत्र में कैल्शियम, ऑक्जेलेट, फॉस्फेट जैसे तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
-
जब यह मात्रा एक सीमा से अधिक हो जाती है, तो ये तत्व जमा होकर क्रिस्टल बनाने लगते हैं।
-
ये क्रिस्टल धीरे-धीरे बड़े होते जाते हैं और पथरी का रूप ले लेते हैं।
-
पथरी छोटी हो तो निकल जाती है, लेकिन बड़ी हो तो फंस जाती है, जिससे दर्द, रुकावट और संक्रमण पैदा होता है।
किडनी स्टोन की जांचें
डॉक्टर निम्न परीक्षणों द्वारा पथरी का पता लगाते हैं—
1. अल्ट्रासाउंड
सबसे सामान्य और आसान परीक्षण।
2. CT स्कैन
छोटी से छोटी पथरी भी पकड़ लेता है।
3. एक्स-रे (KUB X-Ray)
हर पथरी इसमें नहीं दिखती, लेकिन कैल्शियम वाली पथरी दिख जाती है।
4. मूत्र जांच (Urine Test)
इन्फेक्शन, ब्लड या क्रिस्टल की मौजूदगी की पहचान।
5. खून की जांच
कैल्शियम, यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन आदि की जांच।
किडनी स्टोन का उपचार
किडनी स्टोन का इलाज उसके आकार, प्रकार, स्थान और लक्षणों पर निर्भर करता है।
1. छोटा स्टोन (2–5 mm)
अक्सर यह प्राकृतिक रूप से निकल जाता है।
उपचार:
-
खूब पानी पीना (3–4 लीटर प्रतिदिन)
-
दर्द कम करने की दवा
-
एंटी-स्पास्मोडिक दवाएँ
-
स्टोन पास कराने की दवाई (जैसे पोटेशियम साइट्रेट)
2. मीडियम साइज स्टोन (5–10 mm)
कई बार दवाइयों से निकल जाता है।
अगर न निकले तो—
ESWL (Shock Wave Therapy)
ध्वनि तरंगों से स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ना।
3. बड़ा स्टोन (10–20 mm या उससे अधिक)
इसके लिए सर्जिकल तकनीकें जरूरी होती हैं:
PCNL (Percutaneous Nephrolithotomy)
पीठ में छोटा चीरा लगाकर पथरी निकालना।
URS (Ureteroscopy)
एक पतली ट्यूब मूत्रमार्ग से डालकर पथरी निकालना या लेज़र से तोड़ना।
RIRS (Retrograde Intrarenal Surgery)
लेजर तकनीक से किडनी के अंदर पथरी तोड़कर निकालना।
यह आधुनिक और दर्द-रहित तरीका है।
किडनी स्टोन से बचाव कैसे करें?
1. दिनभर भरपूर पानी पिएं
-
कम से कम 3–4 लीटर
-
मूत्र हल्का और साफ दिखना चाहिए।
2. नमक का सेवन कम करें
बहुत ज्यादा नमक सीधे पथरी बनाता है।
3. प्रोटीन का संतुलित सेवन
अत्यधिक नॉन-वेज या प्रोटीन सप्लीमेंट्स से बचें।
4. ऑक्जेलेट वाले खाद्य पदार्थ सीमित करें
जैसे:
-
पालक
-
चॉकलेट
-
काजू
-
चाय
-
कॉफी
-
चुकंदर
5. खट्टे फल खाएं
नींबू, संत्रा आदि से बनने वाला सिट्रेट पथरी बनने से रोकता है।
6. चीनी और कोल्ड-ड्रिंक से दूरी
इनमें हाई फ्रक्टोज होता है, जो पथरी का बड़ा कारण है।
7. वजन नियंत्रित रखें
मोटापा सीधे स्टोन बनने का जोखिम बढ़ाता है।
8. तनाव कम करें और नियमित व्यायाम करें
किडनी स्टोन में तुरंत क्या करें?
-
तेज दर्द हो तो आराम करें
-
गर्म पानी वाली बोतल से सिकाई कर सकते हैं
-
खूब पानी पिएं
-
खुद से दर्द की तेज दवा न लें
-
अगर पेशाब बंद हो जाए या खून आए, तो तुरंत डॉक्टर जाएं
किडनी स्टोन के घरेलू उपाय (सावधानी के साथ)
ये उपाय छोटे स्टोन को निकलने में मदद कर सकते हैं:
✔ नारियल पानी
किडनी को साफ रखता है और स्टोन को पिघलाने में मदद करता है।
✔ नींबू और शहद
सिट्रेट स्टोन बनने से रोकता है।
✔ अजवाइन का पानी
मूत्र का प्रवाह बढ़ाता है।
✔ सेब का सिरका
यूरिक एसिड और कैल्शियम की पथरी में उपयोगी।
ध्यान रहे — बड़े स्टोन या तेज दर्द होने पर केवल घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें।
किडनी स्टोन कब खतरनाक हो सकता है?
-
अगर स्टोन मूत्रनली को पूरी तरह ब्लॉक कर दे
-
पेशाब आना बंद हो जाए
-
तेज बुखार और कंपकंपी हो
-
खून आने लगे
-
गुर्दे में संक्रमण हो
ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें, यह जानलेवा हो सकता है।

निष्कर्ष किडनी स्टोन एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसके कारणों में पानी की कमी, गलत खानपान, जीवनशैली, अनुवांशिकता और संक्रमण शामिल हैं। यदि समय रहते ध्यान दिया जाए — जैसे पर्याप्त पानी पीना, नमक और प्रोटीन कम करना, स्वस्थ भोजन लेना — तो पथरी बनने की संभावना काफी कम हो जाती है।
स्टोन छोटा हो तो दवाइयों और पानी से निकल सकता है, लेकिन बड़ा स्टोन आधुनिक उपचारों (लेजर, ESWL, PCNL, RIRS) से आसानी से हटाया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली ही इसका सबसे अच्छा उपचार और बचाव है।





