
हनुमान जी की पूजा के नियम ?
श्रीरामदूत हनुमान” भारतीय संस्कृति में शक्ति, साहस, बुद्धि, भक्ति और संकटमोचन का प्रतीक माने जाते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से न सिर्फ भय, बाधाएँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं, बल्कि जीवन में आत्मविश्वास, साहस और स्थिरता भी आती है। हनुमान जी की कृपा से शनि, राहु, केतु और मंगल संबंधी दोष भी शांत होते हैं।
परंतु हनुमान जी की पूजा के लिए कुछ विशेष नियम और मर्यादाएँ बताई गई हैं। इन नियमों का पालन न करने पर पूजा का पूर्ण लाभ नहीं मिलता। इसी के साथ कुछ लोगों को हनुमान पूजा न करने या संभलकर करने की सलाह दी गई है।
1. हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी की भक्ति इतनी शक्तिशाली मानी गई है कि उन्हें सजीव देवता कहा गया है। मान्यता है कि वह आज भी पृथ्वी पर विद्यमान हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
हनुमान पूजा से—
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भय और असुरक्षित भाव दूर होता है
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आत्मबल और मानसिक शक्ति बढ़ती है
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ग्रह दोष शान्त होते हैं
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बाधाएँ और संकट दूर होते हैं
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शत्रु बाधा खत्म होती है
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धन, कार्य में रुकावट और तनाव कम होता है
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जीवन में स्थिरता और सफलता मिलती है
इसलिए हनुमान पूजा को विशेष फलदायी माना गया है।

2. हनुमान जी की पूजा के प्रमुख नियम
(1) शुद्धता और स्वच्छता अनिवार्य है
हनुमान जी ब्रह्मचारी देवता हैं, इसलिए पूजा करने वाला व्यक्ति—
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शारीरिक रूप से स्वच्छ
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मन से पवित्र
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घर साफ-सुथरा
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पूजा स्थान शुद्ध
रखे, तभी पूजा का फल मिलता है।
सुबह स्नान के बाद ही हनुमान पूजा करनी चाहिए।
(2) मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजन
हनुमान जी की विशेष पूजा मंगलवार और शनिवार को की जाती है। इन दिनों—
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हनुमान चालीसा
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सुंदरकांड
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बजरंग बाण
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हनुमानाष्टक
का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है।
(3) लाल या नारंगी वस्त्र पहनना शुभ माना गया है
भक्त चाहें तो—
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लाल
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केसरी
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नारंगी
रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करें। यह रंग शक्ति और उत्साह का प्रतीक है।
(4) हनुमान जी को तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाना
हनुमान जी को—
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चमेली का तेल
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लाल सिंदूर
से चोला चढ़ाने की परंपरा है।
मान्यता है कि यह मंगल दोष, शनि बाधा और नज़र दोष को दूर करता है
(5) भूले से भी टांके वाले या अशुद्ध स्थान से सिंदूर न लें
हनुमान जी का सिंदूर मंदिर के विग्रह से ही लेना चाहिए।
बाजार का सिंदूर या नकली सिंदूर चढ़ाना मना है।
(6) हनुमान जी की पूजा में तामसिक वस्तुओं का प्रयोग वर्जित
पूजा में कभी भी—
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शराब
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मांस
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अंडा
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सिगरेट
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प्याज़-लहसुन
का स्पर्श नहीं होना चाहिए।
इनका सेवन करने वाला व्यक्ति पूजा से पहले स्नान और शुद्धिकरण करे।
(7) श्रीराम का नाम अवश्य लें
हनुमान जी “रामभक्त” हैं।
उनकी पूजा में हमेशा—
“जय श्रीराम”
का स्मरण जरूरी माना गया है।
हनुमान जी की आरती के साथ श्रीराम की आरती करने से पूजा पूर्ण होती है।
(8) दीपक बाएँ ओर और धूप दाएँ ओर
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार—
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दीपक: भगवान के बाएँ
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धूप: भगवान के दाएँ
रखना चाहिए।
इससे पूजा ऊर्जा संतुलित रहती है।
(9) पूजा रात में न करें—संभव हो तो शाम की संध्या पूजा करें
शाम को दीपक या हनुमान चालीसा पढ़ना शुभ माना गया है।
रात 9 बजे के बाद हनुमान पूजा वर्जित मानी जाती है।
(10) स्त्रियाँ मासिक धर्म में पूजा न करें
सनातन परंपरा के अनुसार माहवारी के दिनों में पूजा करना निषेध है।
इन दिनों हनुमान चालीसा सुन सकती हैं, परंतु पूजन नहीं करना चाहिए।
(11) हनुमान मंदिर में प्रवेश से पहले लौंग-इलायची का सेवन न करें
कुछ परंपराओं के अनुसार—
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पान
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तंबाकू
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इलायची
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गुटखा
का सेवन करके मंदिर जाना वर्जित है।
मुँह साफ करके ही मंदिर में प्रवेश करें।
(12) हनुमान जी के सामने कभी झूठ, छल या अपवित्र विचार न लाएँ
हनुमान जी “सत्य और पवित्रता” के देवता हैं।
अशुद्ध विचार और छल-कपट पूजा का प्रभाव कम कर देते हैं।
3. हनुमान जी की पूजा में क्या-क्या चढ़ाएँ?
1. लाल पुष्प (गेंदा, गुड़हल)
2. चमेली का तेल
3. लाल सिंदूर या चोला
4. बेसन का लड्डू या बूंदी का प्रसाद
5. तुलसी अवश्य चढ़ाएँ (पर गुलाब जल नहीं)
6. नींबू, नारियल, लाल चने, गुड़ भी चढ़ाए जाते हैं
4. हनुमान जी की पूजा का सही तरीका (Step-by-Step)
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प्रातः स्नान करके ताजे कपड़े पहनें
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मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें
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दीपक जलाएँ — तिल का या सरसों का तेल
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हनुमान जी को सिंदूर, तेल और फूल अर्पित करें
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लाल चोला हो तो चढ़ाएँ
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पान का बीड़ा चढ़ाएं (अगर स्थानीय परंपरा में मान्यता हो)
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हनुमान चालीसा पढ़ें
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बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करें
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श्रीराम का सुमिरन करें
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प्रसाद और जल अर्पित करें
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अंत में आरती करें
5. कौन-कौन हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकता?
धर्मग्रंथों में कुछ लोगों को हनुमान पूजा नहीं करने की सलाह दी गई है, विशेष कारणों से।
(1) मासिक धर्म में महिलाएँ
सनातन परंपरा के अनुसार—
मासिक धर्म के दौरान पूजन या मंदिर जाना वर्जित है।
इन दिनों केवल मन से स्मरण कर सकती हैं।
(2) नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले लोग
जो लोग—
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शराब
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तंबाकू
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गुटखा
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सिगरेट
का सेवन करते हैं, वे तुरंत हनुमान पूजा न करें।
पहले स्नान करके शुद्ध हों, फिर पूजा करें।
(3) अपवित्र या व्यभिचारी आचरण वाले लोग
हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं।
इसलिए जिनका जीवन—
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अपवित्र
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अनैतिक
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दुष्ट
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छल-कपट
से भरा हो, उन्हें पहले अपने आचरण में सुधार करना चाहिए।]
(4) वैवाहिक दंपति ब्रह्मचर्य नियम न निभा पाने पर
हनुमान पूजा में शुद्धता सर्वोत्तम मानी गई है।
कुछ परंपराओं में यह भी माना गया है कि—
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जो लोग दांपत्य जीवन में अत्यधिक आसक्ति रखते हैं
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या ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर पाते
वे हनुमान साधना या कठिन व्रत न करें।
साधारण पूजा कर सकते हैं, पर विशेष अनुष्ठान नहीं।
(5) जिन लोगों को तामसिक भोजन से दूरी संभव नहीं
हनुमान पूजा में तामसिक भोजन (मांस, अंडा, शराब) का सेवन वर्जित है।
जो लोग रोज़ाना ऐसे आहार लेते हैं, उन्हें—
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पहले मन-विचार शुद्ध
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फिर हनुमान पूजा करनी चाहिए।
(6) क्रोधित स्वभाव वाले लोग
हनुमान भक्ति में—
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संयम
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धैर्य
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विनम्रता
होनी आवश्यक है।
अत्यधिक क्रोधित लोग पूजा से लाभ नहीं उठा पाते।
उन्हें पहले अपना स्वभाव शांत करना चाहिए।
(7) गलत नीयत वाले लोग
हनुमान जी के सामने—
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किसी को नुकसान पहुँचाने
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तंत्र-मंत्र
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बुरी नीयत
से कुछ माँगना निषिद्ध है।
ऐसे व्यक्ति उनकी कृपा नहीं प्राप्त कर पाते।

6. हनुमान जी की पूजा में होने वाली सामान्य भूलें
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पूजा से पहले स्नान न करना
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पूजा में सफेद या काले कपड़े पहनना
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हनुमान चालीसा जल्दी-जल्दी पढ़ना
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पूजा के तुरंत बाद तामसिक भोजन करना
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हनुमान जी के सामने झूठ बोलना
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सिंदूर, तेल माला का गलत प्रयोग
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दीपक बुझा छोड़ देना
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मूर्ति को बार-बार हाथ लगाना
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लाल फूल के साथ काँटेदार फूल चढ़ाना
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पूजा के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल
इन गलतियों से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता।
7. हनुमान जी की पूजा से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
1. शनि दोष शांत होता है
शनिवार को पूजा से शनि संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।
2. ग्रह बाधा और नज़र दोष समाप्त
हनुमान जी को नज़र दोष का नाशक माना गया है।
3. आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है
हनुमान भक्ति से मन में उत्साह आता है।
4. डर, भूत-प्रेत बाधा समाप्त
हनुमान जी की पूजा से नकारात्मक शक्तियाँ पास नहीं आतीं।
5. घर में शांति आती है
हनुमान चालीसा पढ़ने से घर का वातावरण पवित्र होता है।
6. सफलता और साहस मिलता है
शत्रु बाधा खत्म होती है और भक्ति से मन मजबूत होता है।
निष्कर्ष हनुमान जी की पूजा अत्यंत शक्तिशाली, पवित्र और फलदायी मानी गई है।
परंतु इस पूजा से पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब व्यक्ति—
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शुद्ध मन
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पवित्र आचरण
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सही नियम
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उचित मर्यादाओं
का पालन करे।
कुछ लोग, जैसे मासिक धर्म में महिलाएँ, नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले, या अपवित्र आचरण वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हनुमान जी की कृपा सरल और सहज है—
बस भक्ति सच्ची होनी चाहिए।





