Other Articles

पार्टनर से दुख क्यूॅ जाने कुंडली से –

186views

प्रत्येक व्यक्ति की यह कामना होती है कि उसका साथी उसके लिए लाभकारी तथा सुखकारी हो, किंतु कई बार सभी प्रकार से अच्छा करने के बाद भी साथ वाला व्यक्ति आपके लिए दुख का कारक बन जाता है। ज्योतिष से जाने कि आपके साथी के साथ व्यवहार कैसा होगा। किसी कुंडली के सप्तम भाव, सप्तमेष तथा सप्तमस्त ग्रह तथा नवांश के अध्ययन से मूलभूत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सप्तमभाव या सप्तमेष का किसी से भी प्रकार से मंगल, शनि या केतु से संबंध होने पर रिश्तों में बाधा, सुख में कमी का कारण बनता है वहीं शुक्र से संबंधित हो तो रिश्तों में आकर्षक तथा लगाव होगा तथा उसकी आर्थिक स्थिति तथा भौतिक सुख भी अच्छी होगी, जिसका लाभ साथी को भी मिलेगा। सप्तम स्थान पर गुरू, बुध हेाने पर साथी बुद्धिमान, उच्च पद में हो सकता है किसी भी प्रकार से राहु से संबंध बनने पर व्यसनी, काल्पनिक व्यक्तित्व हो सकता है वहीं चंद्रमा के होने पर भावुक किंतु आलसी होगा। सूर्य या राहु से संबंधित होने पर राजनीति या प्रशासन से संबंधित होने के साथ अहंकार के कारण रिश्तों में तनाव दिखाई दे सकता है ऐसी स्थिति सप्तम या सप्तमेष का किसी भी प्रकार का संबंध 6,8 या 12 वे भाव से बनने पर भी दिखाई देता है। वहीं पर लग्नेश, पंचमेश, सप्तमेश या द्वादशेष की युक्ति किसी भी प्रकार से शनि के साथ बनने पर लगाव के साथ अधिकार का भाव ज्यादा होता है। अतः इन ग्रहों के विपरीत फलकारी होने पर या कू्रर ग्रहों से आक्रांत होेने पर सर्वप्रथम इन ग्रहों से संबंधित निदान कराने के उपरांत ही साथी के साथ रिश्ता निभाना ज्यादा आसान होता है साथ ही कुंडली मिलान में नौ ग्रहों के मिलान कर भी आपसी समझ तथा लगाव को बढ़ाने के ज्योतिष उपाय करना चाहिए।

ALSO READ  Finest Casinos on the internet Inside the 2024 Which have 100percent Local casino Bonus

Pt.P.S.Tripathi
Mobile No.- 9424225005,9893363928
Landline No. 0771-4035992,4050500
Feel free to ask any questions