आज की युवा पीढ़ी को प्रदान की जा रही सुविधाओं के सद्पयोग के बजाय उनका दुरूपयोग कर ये बच्चे भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। बहुत अच्छा प्रदर्षन करने वाला अचानक अपने एजुकेषन में गिरावट ले आता है, घर तक सीमित रहने वाला बच्चा दोस्तों तथा बाहरी दुनिया में रहना चाहता है। माॅ की बातें लेक्चर लगती है तथा लगातार रोकटोक को बरदास्त नहीं करता, विरोध स्वरूप बाहर रहने का प्रयास करता है। पिता के सामने आने से बचना चाहता है। विभिन्न प्रकार के शौक शुरू हो गए हों अथवा मोबाईल या कम्प्यूटर की लत लग जाए तथा इससे कैरियर में तो प्रभाव पड़ता ही है साथ ही मनोबल भी प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति दिखाई दे तथा बच्चा आपके लिए परेशानी का सबब बनने लगे तो सर्वप्रथम व्यवहार तथा अपने दैनिक रूटिन पर नजर डालें। इसमें क्या अंतर आया है, उसका निरीक्षण करने के साथ ही अपनी कुंडली किसी विद्धान ज्योतिष से दिखा कर यह पता करें कि क्या कुंडली में राहु या शुक्र प्रभावकारी है। यदि कुंडली में राहु या शुक्र दूसरे, तीसरे, अष्टम या भाग्यस्थान में हो साथ ही इनकी दषा, अंतरदषा या प्रत्यंतरदषा चल रही हो तो गणित या फिजिक्स जैसे विषय की पढ़ाई प्रभावित होती है साथ ही ऐसे लोगों के जीवन में कल्पनाषक्ति प्रधान हो जाती है। पहली उम्र का असर उस के साथ ही राहु शुक्र का प्रभावकारी होना एजुकेषन या कैरियर में बाधक हो सकता है। यदि इस प्रकार की बाधा दिखाइ्र दे तो शांति के लिए भृगु-कालेंद्र पूजन के साथ काउंसिलिंग कराने से कैरियर की बाधाएॅ समाप्त होकर अच्छी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
Pt.P.S.Tripathi
Mobile No.- 9893363928,9424225005
Landline No.- 0771-4050500
Feel free to ask any questions