पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति-
पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति-
माघ मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से मनुष्य का तन-मन पवित्र हो जाता है.. माघी पूर्णिमा में किसी नदी, सरोवर, कुण्ड अथवा जलाशय में सूर्य के उदित होने से पहले स्नान करने मात्र से ही पाप धुल जाते हैं और हृदय शुद्ध होता है… शास्त्रों में भी कहा गया है कि व्रत, दान और तप से भगवान विष्णु को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघी पूर्णिमा में स्नान करने मात्र से होती है… यह स्नान समस्त रोगों को शांत करने वाला है… इस समय ओम नमः भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करते हुए स्नान व दान करना चाहिए…धार्मिक मान्यता है कि माघ पूर्णिमा में स्नान करने से सूर्य और चन्द्रमा युक्त दोषों से मुक्ति प्राप्त होती है… यह महीना जप-तप व संयम का महीना माना गया है इस महीने तामसी प्रवृत्ति के लोगो में भी सात्विकता आ जाती है, मंगल को पुष्य नक्षत्र होना भी श्रेष्ठ है… इस वर्ष माघमाह की पूर्णिमा पर पुष्य नक्षत्र योग रहेगा… यह आयुष्मान योग है… सर्वार्थसिद्धि योग भी दिन भर रहेगा… पुष्य नक्षत्र 3 फरवरी को रात 7.57 मिनट तक रहेगा… इसी दिन माघी पूर्णिमा है, जो इस योग की शुभता में वृद्धि करेगी… अतः इस वर्ष जिन भी जातक की कुंडली में सूर्य या चंद्रमा राहु युक्त अथवा कमजोर हों, ऐसे जातक को माघी स्नान द्वारा अपने ग्रहीय दोषों की निवृत्ति हेतु इस स्नान से लाभ प्राप्त करना चाहिए….