Other Articles

187views

पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय –

पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय –
भारतीय सामाजिक परंपरा में जीव को अमर माना गया है तथा मान्यता है कि जीवन में किए गए कर्मो के शुभ-अषुभ, नैतिक-अनैतिक तथा पाप-पुण्य के आधार पर संचित प्रारब्ध के अनुसार जीवन में सुख-दुख का सामना करना पड़ता है। हिंदु रिवाज है कि पूर्वजो के किसी प्रकार के अषुभ या नीति विरूद्ध आचरण का दुष्परिणाम उनके वंषजो को भोगना पड़ता हैं। पितृदोष का प्रत्यक्ष कुंडली में जानकारी प्राप्त करने हेतु जातक के जन्म कुंडली के द्वितीय, तृतीय, अष्टम या भाग्य स्थान में प्रमुख ग्रहों का राहु से पापाक्रांत होना पितृदोष का कारण माना जाता हैं माना जाता है कि प्रमुख ग्रह जिसमें विषेषकर शनि यदि राहु से आक्रांत होकर इन स्थानों पर हो तो जीवन में कष्ट का सामना जरूर करना पड़ सकता हैं। इसके निवारण के लिए किसी नदी के किनारे स्थित देवता के मंदिर में किसी भी माह के शुक्लपक्ष की पंचमी अथवा एकादषी अथवा श्रवण नक्षत्र में विद्वान आचार्य के निर्देष में अज्ञात पितृदोषों की निवृत्ति के लिए पलाष विधि के द्वारा नारायणबलि, नागबलि तथा रूद्राभिषेक कराना चाहिए।

Pt.P.S.Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in
ALSO READ  Finest Casinos on the internet Inside the 2024 Which have 100percent Local casino Bonus