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कुंडली में कैसे बनता है कर्ज योग, कैसे मिलेगी मुक्ति

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कुंडली में कैसे बनता है कर्ज योग, कैसे मिलेगी मुक्ति

आज के दौर में कर्ज आधी से ज्यादा आबादी की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बन गई है। नई कार, नया घर खरीदना, बच्चों के शैक्षणिक कार्य आदि चीजों के लिए कई बार कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। लेकिन कई बार ऐसी भी स्थिति बन जाती है कि कर्ज का समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं। वहीं महंगाई के इस दौर में आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया हो गया है, जिसकी वजह से कर्ज में रखी गिरवी चीजों को खोना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई बार कुंडली में ऐसी स्थिति बन जाती है, जिनकी वजह से कर्ज लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है।

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क्यों बनता है कर्ज योग ?

  • यदि छठे भाव में ग्रहण हो और दूसरे भाव का स्वामी और एकादश भाव पीड़ित हो तो व्यक्ति हमेशा कर्ज में डूबा रहता है. परंतु सूर्य के साथ राहु हो या शनि राहु के साथ हो, सूर्य के साथ मंगल हो, सूर्य के साथ केतु हो तो आपके शुभ फलों में कमी आएगी. इस अवस्था में धन और लाभ का स्वामी कमजोर हो जाता है. इन सभी ग्रहों की महादशा में व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है.
  • यदि आपकी कुंडली के छठे घर का स्वामी कमजोर है या छठे घर में सूर्य- राहु, मंगल-शनि, शनि-केतु और शनि -राहु की युति है, तो व्यक्ति के कर्ज में वृद्धि होती है. वहीं, छठे भाव का स्वामी नीच स्थान पर बैठा हो. तो, इस स्थिति में व्यक्ति पर कर्ज बढ़ जाता है, छठे भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति के लिए कष्टकारी होती है.
  • यदि आपके धन का स्वामी बृहस्पति है. वह छठे घर में राहु के साथ बैठे हैं. लग्नेश कमजोर है. गुरु और राहु की युति होने पर चांडाल दोष बनता है. चांडाल दोष कुंडली के किसी भी भाव में बनता है. इससे उस भाव से संबंधित प्रभाव खत्म हो जाते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है.
  • यदि जन्म कुंडली में लग्नेश छठे भाव में स्थित हो तो व्यक्ति जीवन भर कर्ज से परेशान रहता है.
  • यदि छठे भाव में मंगल के साथ शनि स्थित हो तो व्यक्ति जन्म से ही कर्जदार होता है.
  • यदि राहु और केतु के साथ बुध नीच का हो तो व्यक्ति जीवन में कर्ज में डूब जाता है
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ऋण मुक्ति के लिए पिली पूजा
रिण मुक्ति पूजा ऋण से राहत पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पूजाओं में से एक है। ऋण का अर्थ है ऋण और मुक्ति का अर्थ है स्वतंत्रता। प्रामाणिक विधि के अनुसार ऋण मुक्ति पूजा करने से भक्तों को कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। प्रामाणिक विधि के अनुसार ऋण मुक्ति पूजा करने के कई लाभ हो सकते हैं। श्री महाकाल धाम अमलेश्वर मंदिर में भक्त ऋण मुक्ति पूजा करते हुए। शनिवार को विशेष ऋण मुक्ति पूजा श्री महाकाल धाम अमलेश्वर मंदिर में करते हैं। इस विशेष पूजा को पीली पूजा के नाम से भी जाना जाता है । इस पूजा को प्रामाणिक विधि-विधान से करने से भक्त कर्ज से शीघ्र मुक्ति पा सकते हैं। वे पीली पूजा में केवल पीले रंग की सामग्री का उपयोग कर सकते हैं।

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हर रोज करें ये काम
हर दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें और उनको दूर्वा अर्पित करें और बुधवार के दिन गणेशअथर्वशीर्ष का पाठ करें। इसके साथ ही हर रोज शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करें और लाल व सफेद वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से भगवान शिव और गणेशजी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे कर्ज की समस्या से धीरे धीरे मुक्ति मिलती है।

सूर्यदेव की इस तरह करें पूजा
अगर आपने किसी को उधार दिया है और वह वापस नहीं मिल रहा है तो हर दिन सूर्यदेव को जल में लाल मिर्च के 11 बीज डालकर अर्पित करें। फिर भगवान सूर्य से प्रार्थना करें और ॐ आदित्याय नम: और ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से रुके धन की प्राप्ति होती है।

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मंगलवार का व्रत रखें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार के दिन का व्रत रखें और मंगल ग्रह के मंत्रों का जप करें। साथ ही इस दिन अपनी स्थिति के अनुसार लाल चीजों का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होगी और हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी। साथ ही नौकरी व व्यापार में उन्नति के योग बनेंगे और कर्ज के जाल से भी बाहर निकल आएंगे।

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इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – 9753039055 / 9893363928