अगर आप भी हैं पितृ दोष से पीड़ित, तो नाग पंचमी पर जरूर करें ये उपाय
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। नाग पंचमी का पर्व नाग देवता को समर्पित है। सावन माह में मनाए जाने वाले इस त्योहार में भगवान भोलेनाथ के साथ नाग देवता की भी पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। महाभारत, नारद पुराण और स्कन्द पुराण आदि में नाग देवता की पूजा के विधान का उल्लेख मिलता है। नाग पंचमी का पर्व साल 2024 में 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। ये तिथि 9 अगस्त को सुबह 8.15 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 10 अगस्त को सुबह 06.09 समाप्त होगी। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष या पितृदोष है तो नागपंचमी पर कुछ विशेष उपाय करके इसके दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।15,16 ,17 अगस्त को कालसर्प पूजा के लिए उपर BOOK NOW पर क्लिक करें
जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प योग या पितृ दोष होता है उनका जीवन परेशानियों से भरा होता है। इन परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ,अमलेश्वर श्री महाकाल धाम के मंदिर में कालसर्प दोष या पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा किया जाता है. जो 3 दिनों तक चलती है .इसके आलावा नारायण बलि , नागबली , पितृ दोष ,शनि शांति ,अर्क & कुम्भ विवाह इन तरह की सभी कर्मकांडी पूजा भी कराएं जा रहे है , सावन माह में इस पूजा को करने का ज्यादा महत्व है. आम दिनों में ये पूजा हवन 3 दिन तक करवाया जाता है, आप भी इस पूजा में सामिल होना चाहते है तो इस महीने 15 ,16 ,17 अगस्त 2024 को पूजा में सामिल हो सकते है और अपनी हर दोषों से मुक्ति पाएं , संपर्क करें पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जी से कांटेक्ट नंबर +91 9893363928 ,9753039055
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जरूर करें ये उपाय
- अगर आपकी कुंडली में भी कालसर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाएं और उसका पूजन करें. नाग-नागिन के जोड़े को कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करें. इससे कालसर्प दोष का प्रभाव काफी कम होता है.
- नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नाग देवता की विधि अनुसार पूजा करें। सबसे पहले उनकी प्रतिमा को गंगाजल से साफ करें। फिर उनके सामने घी का दीपक जलाएं। रोली का तिलक लगाएं। फूलों की माला अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली से कालसर्प दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा।
- ज्योतिषियों की मानें तो अगर कोई जातक कालसर्प दोष से पीड़ित है, तो इसका निवारण अनिवार्य है। इसके लिए निकटतम प्राचीन शिव मंदिर में भी निवारण करा सकते हैं। इसके अलावा, सावन सोमवार समेत शुभ तिथियों पर गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना उत्तम माना जाता है।
- नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। यदि आप इस दिन घर में रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं या शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, तो इससे आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। यह उपाय आपकी कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष को भी दूर करने में सहायक होता
- नागपंचमी के दिन श्रीमद भगवद पुराण और श्री हरिवंश पुराण का पाठ करना चाहिए इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और पूरे विधि विधान से इसकी पूजा करें। इस उपाय से आर्थिक लाभ होगा और साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
- नागपंचमी के दिन चांदी का बना नाग नागिन का जोड़ा किसी मंदिर में दान करना शुभ होता है। इससे धनलाभ होने की संभावना है।
- नाग पंचमी के दिन शाम को सूर्यास्त होते ही नाग देवता के नाम पर मंदिरों और घर के कोनों में मिट्टी के कच्चे दिए में गाय का दूध रखें।
- पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन नाग की पूजा प्रत्यक्ष मूर्ति या चित्र के रुप में की जाती है। इस दिन सर्पों का दूध से स्नान कर उनकी पूजा करने का विधान है।
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इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य – 9753039055 / 9893363928