astrologerHealth AstrologyOther Articles

ज्योतिष और आयुर्वेद में कस्तूरी के उपाय

Your paragraph text - 6
10views

 

 

Kasturi Ke Fayde

**कस्तूरी (Kasturi)** – जिसे *deer musk* कहा जाता है – आयुर्वेद और ज्योतिष (तांत्रिक उपायों सहित) दोनों में अत्यंत मूल्यवान मानी जाती है। यह दुर्लभ, सुगंधित और ऊर्जा-संवर्धक पदार्थ है, जो प्राकृतिक रूप से नर कस्तूरी मृग की नाभि से प्राप्त होता है।

आइए देखें कस्तूरी के **ज्योतिष** और **आयुर्वेद** में उपयोग:

## 🪐 **ज्योतिष और तंत्रशास्त्र में कस्तूरी के उपाय**

### 🔹 1. **नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा**

* कस्तूरी को ताबीज़ में भरकर बच्चों या कमजोर व्यक्तियों के गले में बांधना नज़र दोष, भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।
* विशेषकर ग्रहण, अमावस्या या पितृपक्ष में यह उपाय किया जाता है।

### 🔹 2. **ग्रह दोष निवारण**

* *शनिदोष*, *मंगलदोष* और *राहु-केतु दोष* से मुक्ति के लिए तांत्रिक अनुष्ठानों में कस्तूरी का प्रयोग हवन सामग्री के रूप में किया जाता है।
* *नवग्रह शांति यज्ञ* में इसे घी व चंदन के साथ मिलाकर अग्नि में अर्पित करते हैं।

### 🔹 3. **वशीकरण एवं आकर्षण हेतु**

* कस्तूरी की सुगंध को अत्यंत आकर्षक और मानसिक रूप से प्रभावशाली माना गया है।
* कुछ विशेष तांत्रिक क्रियाओं में इसे *चंदन, गुलाब जल व केसर* के साथ मिलाकर तिलक स्वरूप लगाया जाता है।

### 🔹 4. **मंत्र सिद्धि में सहायक**

* कस्तूरी का तिलक लगाकर साधना करने से मन एकाग्र होता है और मंत्र सिद्धि शीघ्र होती है।
* विशेषकर *काली, बगलामुखी, भैरव और विष्णु* साधनाओं में यह उपयोगी है।

ALSO READ  श्रीमदाञ्जनेयाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्

## 🌿 **आयुर्वेद में कस्तूरी के औषधीय उपयोग**

### 🔸 1. **हृदय रोग में उपयोगी**

* कस्तूरी हृदय को बल देने वाली औषधि है।
* इसे ‘हृदय वल्ली’ औषधियों में मिलाकर हृदयगति की अनियमितता, धड़कन की कमजोरी व श्वास रोग में दिया जाता है।

### 🔸 2. **मूर्छा/बेहोशी में**

* अत्यधिक बेहोशी, मिर्गी, या मूर्छा आने की स्थिति में कस्तूरी सूंघाने या *कस्तूरी भस्म* देने से लाभ होता है।
* ‘कस्तूरी भैरव रस’ एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है।

### 🔸 3. **बच्चों के रोगों में**

* नवजात शिशुओं को लगने वाले भय, दौरे या पेट की तकलीफों में कस्तूरी मिलाकर दवा दी जाती है।
* यह तंत्रिका तंत्र (nervous system) को शांत करती है।

### 🔸 4. **बुज़ुर्गों में कमजोरी**

* अत्यधिक शारीरिक कमजोरी, न्यूरोलॉजिकल थकान या मानसिक अशांति में कस्तूरी को शिलाजीत, अश्वगंधा और केसर के साथ लिया जाता है।

## 📛 **सावधानी**

* कस्तूरी बहुत गर्म प्रकृति की होती है, अतः इसकी मात्रा कम होनी चाहिए (1–5 mg तक)।
* हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या गर्भवती स्त्रियों को बिना वैद्यकीय परामर्श सेवन नहीं करना चाहिए।
* आजकल बाजार में *कृत्रिम कस्तूरी (synthetic musk)* भी मिलती है, जो शुद्ध नहीं होती।

## 📌 निष्कर्ष

* **ज्योतिष में**: कस्तूरी एक प्रभावशाली तांत्रिक और ज्योतिषीय उपाय है, जो नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा, ग्रह दोष शमन और साधना में सहयोग करती है।
* **आयुर्वेद में**: यह एक उत्तम रसायन औषधि है जो हृदय, तंत्रिका तंत्र, मानसिक स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।

ALSO READ   श्रीशिवरक्षास्तोत्रम्

सर्दी जुकाम को करे छूमंतर
कस्तूरी में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण और एंटीमाइक्रोबॉयल गुण सर्दी जुकाम की समस्या को खत्म करता है। कस्तूरी की तीक्ष्ण गंध इतनी तेज होती है कि इससे सूंघने मात्र से बंद नाक खुल जाता है और गले में जो खराश की समस्या है उस से भी निजात मिल जाता है।

गर्भाशय को सही करता है
किसी किसी महिला का गर्भाशय अपने मूल स्थान से थोड़ा सा खिसक जाता है।जिसके परिणाम स्वरूप गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न होती है। यदि इस समस्या से राहत पाना है तो इसके लिए आप कस्तूरी और केसर को उचित अनुपात में मिलाकर के छोटी-छोटी गोलियां बना लें और पीरियड आने से पहले योनि मुख पर उस गोलियों को रखें आप कुछ दिन बाद देखेंगे कि आपका जो गर्भाशय है वह मूल स्थान पर आ जाएगा।

दांत दर्द की समस्या से भी निजात दिलाता है
दांत में बैक्टीरिया और पायरिया लग जाने से दातों में दर्द होने लगता है। यदि इस दर्द से आपको निजात पाना है तो इसके लिए आप कस्तूरी में कुठ मिला करके दांत में मलने से दांत के दर्द की समस्या खत्म हो जाती है क्योंकि कस्तूरी में एंटीबैक्टीरियल का गुण पाया जाता है जो बैक्टीरिया को खत्म कर देता है और आपकी बात को स्वस्थ बनाता है।

ALSO READ  धन और समृद्धि के लिए घर के लिए वास्तु टिप्स

आंखों की रोशनी बढ़ाना है
जिस भी व्यक्ति को दूर दृष्टि दोष और निकट दृष्टि दोष की प्रॉब्लम रहती है। उसको कस्तूरी का सेवन करना चाहिए कस्तूरी में ऐसे ऐसे दुर्लभ गुण पाए जाते हैं जैसे एंटीऑक्सीडेंट और Anti-inflammatory ए सब तत्व आंखों की रोशनी को बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

 हार्ट को तंदुरुस्त रखता है
कस्तूरी में मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं जो हार्ड को तंदुरुस्त रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

 रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करता है
जिस भी व्यक्ति का रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहता है तो उसे  कस्तूरी का सेवन करना चाहिए क्योंकि कस्तूरी में anti-inflammatory का गुण पाया जाता है जो राधे रोग प्रतिरोधक क्षमता को स्ट्रांग करता है। जिससे आपको मौसम परिवर्तन के साथ कोई बीमारी ना हो।

 जहर के प्रभाव को कम करता है
जिस व्यक्ति ने चूहे मारने की दवा या कीटनाशक दवाओं का सेवन कर लेते हैं तो उन्हें तुरंत कस्तूरी का सेवन करना चाहिए इससे जहर का प्रभाव कम होगा और जिसके परिणाम स्वरूप रोगी की जान बच जाएगी।