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सावन में इस दिन मनाई जाएगी नाग पंचमी, ये उपाय करने से काल सर्प दोष होगा दूर

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सावन में इस दिन मनाई जाएगी नाग पंचमी, ये उपाय करने से काल सर्प दोष होगा दूर

हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि पंचमी तिथि पर नाग देवता की पूजा करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही इस तिथि को कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष दूर करने के लिए भी बेहतर माना जाता है।

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नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

2024 में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 09 अगस्त को रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 10 अगस्त को प्रातः 03 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, नाग पंचमी का पर्व शुक्रवार, 09 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दौरान पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त – प्रातः 05 बजकर 47 मिनट से सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक

 मिलने लगते हैं ये संकेत

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक बताया गया है।जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य होते हैं, तब कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है।  काल’ समय को कहते हैं और सर्प का मतलब सांप होता है. यानि सांप ने काल में कुंडली लगा ली है. इससे व्यक्ति के सब कार्य अटक जाते हैं. जीवन में कई दुख और बाधाएं आ जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनकी कुंडली से राहु और केतु अच्छे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं.  स‍िर्फ इतना ही नहीं अगर काफी कोशिशों के बाद भी संतान का सुख नहीं म‍िल रहा या संतान की उन्नति नहीं हो रही. आपकी शादी की उम्र हो चुकी है पर शादी नहीं हो रही, वैवाहिक जीवन में तनाव या बार-बार चोट-दुर्घटनाएं हो रही हैं. अगर आप लगातार ऐसी परेशान‍ियों का सामना कर रहे हैं तो आपको तुरंत एक बार अपनी कुंडली जरूर द‍िखा लेनी चाहिए. हो सकता है कि आपकी कुंडली में कालसर्प योग की वजह से ये सारी घटनाएं हो रही हैं.

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करें ये उपाय

कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का पूजन करें और इस दौरान महामृत्युंजय का जाप जरूर करें। इस दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके साथ ही किसी पवित्र नदी में चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें। इस दोष से मुक्ति के लिए आप गरीबों को काले कंबल आदि का दान कर सकते हैं। साथ ही कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए अमलेश्वर स्थित  श्री महाकाल धाम  मंदिर में कालसर्प दोष की पूजा करवाना भी एक बेहतर उपाय है।  

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किसी भी  नदी के तट पर किसी भि देवता के मंदिर में यह पूजा किए जा सकते है | विगत 20 वर्षों से अमलेश्वर स्थित  श्री महाकाल धाम में  इन जेसे कर्मकंडी पूजाएँ  किए जाते है | अगले महीने 15.16.17 august 2024 को  नारायण बलि, नागबली ,कालसर्प दोष ,पितृदोष ,अर्क & कुम्भ विवाह ,शनि शांति , इन जेसे कर्म कंडी पूजाएं भी  होगी | अगर आप भी इस पूजा में शामिल  होना चाहते है तो  हमारे वेबसाइट www.shrimahakaldham.com  में online बुकिंग कर सकते है या  whatshop नंबर 9893363928  में  अपने पैकेज बुक कर सकते है |

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कालसर्प दोष से मिलेगा छुटकारा

  • माना जाता है कि यदि इस दिन विधि विधान से नाग देवता की पूजा की जाए, तो कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है।
  • साथ ही सांप के काटने का भय भी दूर हो जाता है, इसलिए इस दिन जरूर नाग देवता की आराधना करें।
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है। इस दिन नाग देवता को दूध भी पिलाया जाता है।
  • नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर सांप की प्रतिमा बनाने की परंपरा है।
  • कहा जाता है सांप की प्रतिमा बनाने से नाग देवता के घर में प्रवेश करने का भय नहीं रहता।
  • जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें नासिक में बाबा त्रंबकेश्वर जाकर नाग पंचमी के दिन पूजा करवानी चाहिए
  • जो लोग कालसर्प दोष से पीड़ित हैं उन्हें हर साल सावन में नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक करवाना चाहिए. उसके बाद चांदी के नाग-नागिन का दान करना चाहिए. दान किसी जरूरतमंद गरीब ब्राह्मण को करना चाहिए.
  • सावन के माह में रोजाना राहु और केतु के मंत्र का जाप करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है
  • कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति 8,9 या 10 मुखी नेपाली रुद्राक्ष को गले में धारण करें
  • रोजना एक माले का महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.
  • कालसर्प दोष निवारण कवच भी धारण किया जाना चाहिए

राहु केतु दोष से मुक्ति

कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को  कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं, यदि कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है, तो इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलेगी।

इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य  – 9753039055 / 9893363928