
पैसा क्यों नहीं टिकता ?
जीवन में धन का आना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है उसका टिकना। कई लोग खूब कमाते हैं, लेकिन पैसा लंबे समय तक उनके पास नहीं टिकता। कभी अचानक खर्च बढ़ जाते हैं, कभी हाथ आता धन फिसलने लगता है, कभी निवेश में नुकसान होता है, तो कभी धन हानि के अजीब कारण सामने आते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्मकुंडली में कुछ विशेष योग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति के धन को स्थिर नहीं रहने देते। ये ग्रहयोग व्यक्ति को कमाई तो देते हैं, लेकिन बचत और संपत्ति बनाने में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं।
1. धन भाव (2nd House) का कमजोर होना
धन भाव अर्थात द्वितीय भाव—व्यक्ति की बचत, बैंक बैलेंस, परिवार की वित्तीय स्थिरता और धन संचय क्षमता का कारक होता है।
कब 2nd House कमजोर माना जाता है?
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द्वितीय भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि (शनि, मंगल, राहु, केतु)
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2nd lord का नीच राशि में होना
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2nd house खाली हो और 2nd lord कमजोर
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द्वितीय भाव में राहु/केतु का बैठना
प्रभाव:
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धन तेजी से खर्च हो जाता है
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सेविंग्स नहीं बन पाती
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अनचाहे खर्च
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धन आते ही खत्म हो जाता है
2. एकादश भाव (11th House) कमजोर — आय में अस्थिरता
एकादश भाव आय का घर है।
आय की मात्रा, अवसर, और आर्थिक वृद्धि इसी से देखी जाती है।
कब 11th house समस्या पैदा करता है?
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11th lord पाप ग्रहों से पीड़ित
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राहु की दृष्टि
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शनि की कठोर दृष्टि
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11th house में शत्रु ग्रह
प्रभाव:
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अचानक आय रुक जाती है
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बिजनेस में उतार–चढ़ाव
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मेहनत का फल देर से मिलता है
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स्थायी आय नहीं बनती
3. शनि का कठोर प्रभाव (Saturn + Money Blockage)
शनि जीवन में देरी और संघर्ष देता है।
यदि शनि—
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2nd house
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5th house
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11th house
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या 12th house पर प्रभाव डाल दे
तो धन आने के बाद टिकता नहीं।
संकेत:
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लगातार खर्च
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कर्ज बढ़ना
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बिजनेस में बाधा
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अचानक वित्तीय संकट
4. राहु और केतु का अशुभ असर
ये दोनों छाया ग्रह धन हानि, भ्रम, गलत फैसलों और गलत निवेश के कारण बनते हैं।
कब धन हानि होती है?
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राहु 2nd या 11th house में हो
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केतु 5th या 12th house में हो
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राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो
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राहु का शुक्र या चंद्र से संबंध
प्रभाव:
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अचानक पैसे का नुकसान
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धोखा, फ्रॉड
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गलत निवेश में पैसा फँस जाना
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खर्च पर नियंत्रण खत्म
5. चौथे और बारहवें भाव का खराब होना (Expenditure Houses)
चतुर्थ भाव—संपत्ति, प्रॉपर्टी, वाहन
बारहवाँ भाव—खर्च, वेस्टेज, अनावश्यक खर्च
यदि ये दोनों भाव कमजोर हों, तो व्यक्ति चाहे जितना भी कमा ले, खर्च हमेशा अधिक रहेगा।
कब समस्याएँ बनती हैं?
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12th lord का नीच होना
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शनि/राहु की दृष्टि
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मंगल का गलत स्थान
प्रभाव:
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अचानक अस्पताल, कोर्ट, विवाद से खर्च
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यात्रा में पैसा खत्म
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घर–वाहन में नुकसान
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बचत खत्म होना
6. चंद्रमा कमजोर — मन अस्थिर, वित्तीय निर्णय गलत
चंद्र मन का ग्रह है।
कमज़ोर चंद्र बार-बार गलत निर्णय करवाता है।
कमज़ोर चंद्र के संकेत:
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चिंता
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निर्णय में उलझन
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पैसे के मामले में जल्दबाजी
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गलत निवेश
कुंडली में चंद्र कमजोर हो तो धन टिकना बहुत कठिन हो जाता है।
7. पंचम भाव में समस्या — निवेश में नुकसान (Speculative Losses)
5th house निवेश का घर है।
अगर यह भाव खराब हो, तो व्यक्ति को—
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शेयर बाज़ार
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बिजनेस
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पार्टनरशिप
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प्रॉपर्टी
में लगातार नुकसान होता है।
कारण:
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पंचमेश का नीच होना
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राहु का पंचम house में होना
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शुक्र/चंद्र पर राहु का प्रभाव

धन न टिकने पर ज्योतिषीय उपाय
(नोट: ये सामान्य उपाय हैं, व्यक्तिगत कुंडली देखना जरूरी है)
✔ 1. शनि को शांत करें
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शनिवार को तेल दान
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पीपल वृक्ष की पूजा
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श्री हनुमान चालीसा
✔ 2. चंद्रमा मजबूत करें
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सोमवार व्रत
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गाय को खीर खिलाना
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चंद्र मंत्र जप
✔ 3. राहु–केतु शांति
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ऊँ रां राहवे नमः
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ऊँ कें केतवे नमः
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शनिवार को सरसों तेल दान
✔ 4. गुरुवार का व्रत (धन वृद्धि)
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पीले वस्त्र
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हल्दी-चने की दाल का दान
✔ 5. घर में वास्तु सुधार
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उत्तर दिशा साफ रखें
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तिजोरी पूर्व–उत्तर में रखें
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टूटे बर्तन/पुरानी चीजें हटाएँ
✔ 6. निवेश में जल्दबाजी न करें
कमज़ोर चंद्र या राहु होने पर बड़ा नुकसान हो सकता है।
सार — पैसा क्यों नहीं टिकता ?
यदि कुंडली में —
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2nd, 11th, 12th भाव कमजोर हों
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शनि–राहु–केतु का प्रभाव अधिक हो
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चंद्रमा कमजोर हो
तो पैसे के आने के बाद भी टिकना मुश्किल हो जाता है।
लेकिन सही उपाय, सही ग्रहों की शांति और अनुशासन से आर्थिक स्थिति पूरी तरह सुधर सकती है।





