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ज्योतिष्य आधार पर इच्हित संतान प्राप्ति योग

ज्योतिष शास्त्र बहुत ही प्राचीन है। हमारे मनीषी, विद्वानों ने अपने दिव्य चक्षु द्वारा देश एवं काल तथा उसके सूक्ष्म गति का अध्ययन करके कुछ सिद्धांतों को प्रतिपादित किया है। जिन्हें सूत्रबद्ध करके प्रस्तुत किया है। समाज में रहकर हम सभी समाज की मान्यताओं के अनुकूल आचरण करते हैं। मान्यताएं विभिन्न होते हुए भी उनकी परिणति लगभग एक जैसी है। जिसके लिए प्रत्येक प्राणी संघर्ष करता है। परिवार की मर्यादाओं से बंधनयुक्त मनुष्य समाज द्वारा निर्धारित आचरणों का पालन करने को बाध्य है तथा विभिन्न संस्कारों पर आचरण करता है।...
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