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ज्योतिष्य आधार पर इच्हित संतान प्राप्ति योग

ज्योतिष शास्त्र बहुत ही प्राचीन है। हमारे मनीषी, विद्वानों ने अपने दिव्य चक्षु द्वारा देश एवं काल तथा उसके सूक्ष्म गति का अध्ययन करके कुछ सिद्धांतों को प्रतिपादित किया है। जिन्हें सूत्रबद्ध करके प्रस्तुत किया है। समाज में रहकर हम सभी समाज की मान्यताओं के अनुकूल आचरण करते हैं। मान्यताएं विभिन्न होते हुए भी उनकी परिणति लगभग एक जैसी है। जिसके लिए प्रत्येक प्राणी संघर्ष करता है। परिवार की मर्यादाओं से बंधनयुक्त मनुष्य समाज द्वारा निर्धारित आचरणों का पालन करने को बाध्य है तथा विभिन्न संस्कारों पर आचरण करता है।...
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Profession identification through horoscope

Astrologically 5th and 10th houses play an important role in identifying the profession, the course of intellectual pursuit. In the modern world many new courses and branches of knowledge have come out, making it difficult to choose out of many branches of knowledge with the help of 12 Rasis, 12 Bhavas and the 9 planets. Our ancient saint like Parasara, either considered, that the Astrologers will be wise and logically well developed to make a judicious selection by permutation and combination of planets. Thus the new generation of astrologers are...
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शासकीय अधिकारी बनने के योग

जनतांत्रिक शासन प्रणाली में प्रधान नेता, मंत्री और शासकीय अधिकारी आदि उच्च पदों का विचार राजयोगों से और निम्न पदों (शासकीय सेवकों) का विचार राज प्रधान योगों से करना चाहिये। उच्चस्तरीय आजीविका की प्राप्ति में यह योग ही मुख्य भूमिका निभाते हैं। महर्षि पाराशर प्रणीत इन योगों को जानने के लिये आत्मकारक, अमात्यकारक ग्रह और आरुढ लग्न/पद लग्न को समझना पड़ेगा। आत्मकारक: जन्मकालीन ग्रहों में से जिस ग्रह के अंश सर्वाधिक हो वह आत्मकारक होता है। जहां ग्रहों के अंश तुल्य हों, वहां कला से अधिकता लेनी चाहिये और कला...
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