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जानिए हनुमान जी जन्म की रहस्य्मय कहानी   भगवान शंकर के ग्यारवें अवतार हनुमान की पूजा पुरातन काल से ही शक्ति के प्रतीक के रूप में की जा रही है । हनुमान के जन्म के संबंध में धर्मग्रंथों में कई कथाएं प्रचलित हैं । उसी के अनुसार -- भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को देखकर लीलावश शिवजी ने कामातुर होकर अपना वीर्यपात कर दिया । सप्तऋषियों ने उस वीर्य को कुछ पत्तों में संग्रहित कर वानरराज केसरी की पत्नी अंजनी के गर्भ में पवनदेव द्वारा स्थापित करा दिया, जिससे अत्यंत...
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हनुमान जी की भक्ति हमारे जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है। इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है। ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी वे अजर-अमर देवता हैं। उन्होंने मृत्यु को प्राप्त नहीं किया। बजरंगबली की उपासना करने वाला भक्त कभी पराजित नहीं होता।...
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बच्चों में कार्टून देखने का आकषर्ण और ज्योतिष-   बच्चों में कार्टून देखने का आकषर्ण और ज्योतिष- एकल परिवार और पड़ोसियों तथा रिश्तों में बढ़ती दूरी ने टेलीविजन को भारतीय परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य बना दिया है। महिलाएं अक्सर टीवी सीरियल की काल्पनिक दुनिया में खोई रहना चाहती हैं। पुरुष समाचार, राजनीति और खेल के चैनलों को प्राथमिकता देते हैं तो बच्चे सदैव कार्टून ही देखना चाहते हैं। टेलीविजन जहाॅ बड़ों को स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, तो बच्चों के कोमल, नाजुक एवं अपरिपक्व मस्तिष्क पर...
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रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - प्रेम एक ऐसी भावना है जो मनुष्य तो मनुष्य, मूक पशुओं तक से रिश्ता जोड़ देती है। रिश्ते भी कई प्रकार के होते हैं। इनमें सबसे बड़ा रिश्ता है परिवार का जो आपको कई-कई रिश्तों में बांध देता है। कुछ रिश्ते केवल कामकाजी होते हैं, और कुछ ऐसे कि जिनका कोई नाम नहीं होता पर वे नामधारी रिश्तों से ज्यादा पक्के होते हैं। रिश्ते बड़े नाजुक होते हैं इन्हें प्यार, सामंजस्य और समझदारी से निभाने की...
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बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण   बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण - आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं का सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो...
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मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - जीवन को समृद्धशाली एवं सुखहाल बनाने के लिए व्यक्ति को सुशील, सदाचारी एवं संस्कावान होना आवश्यक है, यही वह कारण हैं जिनके द्वारा आत्मविश्वास एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। जब भी किसी कर्म की शुरूआत दृढ़ निष्चय और सकारात्मक उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए होती है तो सबसे पहले वह समय सीमा का निर्धारण कर अपने समय का अधिक से अधिक लाभ उठाता है। व्यक्तिगत एवं सामाजिक व्यवहार में...
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रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न विषय एक वैज्ञानिक विषय है जो तथ्यों पर आधारित है। रत्न धारण का संबंध ग्रह, राशि तथा अन्य तथ्यों से होता है। प्राचीन काल से रोगों के उपचार हेतु रत्नों का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता रहा है। रत्नों में चुम्बकीय शक्ति होती है जिससे वह ग्रहों की रश्मियों एवं उर्जा को अवशोषित कर लेती है जिस ग्रह विशेष का रत्न धारण करते हैं उस ग्रह की पीड़ा से बचाव होता है और सकारात्मक...
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क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं- अनिद्रा आधुनिक बीमारी है। व्यस्तता और तनाव के कारण अनिद्रा आती है, कई बार नींद की गोली खानी पड़ती है। शरीर का संचालन मस्तिष्क करता है। हमारे विचार, भाव, कर्म आदि को स्नायु संस्थान संचालित करते है। मस्तिष्क, फेफड़ा एवं पेट ठीक हो तो यह बीमारी नही होती। कुण्डली में निम्न ग्रहों के संयोग से यह रोग उत्पन्न होता है - 1. सूर्य, मंगल लग्न में हो तथा पापी ग्रहों से दृष्ट हो। 2....
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