Other Articles

किस प्रकार के कर्म करने से जीव जन्तुओं के शरीर प्राप्त होता है ? ताम्सिक और राजसिक कर्मों के फलरूप जानवर शरीर आत्मा को मिलता है । जितना तामसिक कर्म अधिक किए होंगे उतनी ही नीच योनी उस आत्मा को प्राप्त होती चली जाती है । जैसे लड़ाई स्वाभाव वाले , माँस खाने वाले को कुत्ता, गीदड़, सिंह, सियार आदि का शरीर मिल सकता है , और घोर तामस्कि कर्म किए हुए को साँप, नेवला, बिच्छू, कीड़ा, काकरोच, छिपकली आदि । तो ऐसे ही कर्मों से नीच शरीर मिलते हैं...
Other Articles

सौर तूफ़ान और समाज की उग्रता सौर तूफ़ान का मतलब है सूर्य की ओर से बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलना जिससे अणु, आयन, इलेक्ट्रॉन के बादल अंतरिक्ष में छूटते हैं और कुछ ही घंटे में पृथ्वी की विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र में टकरा सकते हैं. इस पत्रिका में छपे लेख में संभावना जताई गई है कि जब सूर्य की गतिविधियों में कमी आएगी तब उससे ये ख़तरनाक विकिरण धरती तक पहुंचेगा. इस टीम का कहना है कि सूर्य अभी 'ग्रैंड सोलर मैक्सिमम' के चरम पर है, यानी ये एक ऐसा...
Other Articles

क्या पुनर्जन्म वैज्ञानिक रूप से मान्य है ?????? क्या पुनर्जन्म वैज्ञानिक रूप से मान्य है ?????? मृत्यु केवल स्थूल शरीर की होती है, पर सूक्ष्म शरीर आत्मा के साथ वैसे ही आगे चलता है , तो हर जन्म के कर्मों के संस्कार उस बुद्धि में समाहित होते रहते हैं । और कभी किसी जन्म में वो कर्म अपनी वैसी ही परिस्थिती पाने के बाद जाग्रत हो जाते हैं । इसे उदहारण से समझें :- एक बार एक छोटा सा ६ वर्ष का बालक था, यह घटना हरियाणा के सिरसा एक...
Other Articles

रंगों का उपयोग करने से भी वास्तुदोष निदान संभव ?????????? प्रश्न: क्या विभिन्न प्रकार के रंगों का उपयोग करने से भी वास्तुदोष दूर होते है? बिलकुल नहीं! पिछले कुछ वर्षों से कई वास्तुविद् विभिन्न दिशाओं के दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिष के आधार पर दिशाओं के स्वामी के प्रतिनिधित्व रंग के अनुसार लाल, पीले, हरे, इत्यादि रंगों का उपयोग करने की सलाह देते है। जैसे दक्षिण दिशा में भूमिगत पानी की टंकी है तो इस दोष को दूर करने के लिए टंकी के ऊपर लाल रंग करवाते है।...
Other Articles

सुरगुजा की न्यारी छटा प्राचीन काल में सरगुजा दण्डकारण्य क्षेत्र के अंतर्गत माना जाता था। त्रेतायुग में भगवान श्रीराम दण्डकारण्य में इसी क्षेत्र से प्रवेश किये थे। इसीलिए इस क्षेत्र का पौराणिक महत्व हैं। सरगुजा प्रकृति की अनुपम देन हैं। प्राकृतिक सौन्दर्यता के कारण यह ऋषि-मुनियों की तपोस्थली के रूप में विख्यात रहा हैं। इस क्षेत्र में अनेक संस्कृति का अभ्यूदय हुआ। उनके पुरातात्विक धरोहर आज भी इनकी स्मृति में विद्यमान हैं। जैसे रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, कुदरगढ़,देवगढ़, महेशपुर, सतमहला, जनकपुर, डीपाडीह, मैनपाट, जोकापाट, सीताबेंगरा-जोगीमारा (प्राचीन नाट्यशाला) तथा यहाँ के अनेक जलप्रपात...
Other Articles

गरियबंध पैरी नदी के आंचल में हरे-भरे सघन वनों     और पहाडिय़ों के मनोरम प्राकृतिक दृश्यों से सुसज्जित गरियाबंद जिले का निर्माण 690 गांवों, 306 ग्राम पंचायतों और 158 पटवारी हल्कों को मिलाकर किया गया है। जमीन के ऊपर बहुमूल्य वन सम्पदा के साथ-साथ यह जिला अपनी धरती के गर्भ में अलेक्जेण्डर और हीरे जैसी मूल्यवान खनिज सम्पदा को भी संरक्षित किए हुए है। गिरि यानी पर्वतों से घिरे होने (बंद होने) के कारण संभवत: इसका नामकरण गरियाबंद हुआ। गरियाबंद जिले की कुल जनसंख्या पांच लाख 75 हजार 480 है।...
Other Articles

Colour Therapy as Remedial Measure   Colour Therapy as Remedial Measure Diseases like Constipation, depression, heart or blood problem can be controlled / cured by using colour therapy as remedial measure. Orange color • Orange color can be considered as power of energy. It is also considered as a color of peace. • Children who do not share their views with others they do not like orange color. • If child does not talk openly, he has gas problem or energy is less or they may have depression or they...
1 440 441 442 443 444
Page 442 of 444