Other Articles

सहज सेवा धर्म- सहज सेवा धर्म- सहज सेवा से ईष्वर को प्रसन्न किया जा सकता है और कुंडली के ग्रह दोषों को दूर किया जाना संभव है, जैसे कि शबरी के झूठे बेर खाकर राम प्रसन्न हो गए थे। सहज सेवा धर्म आपके नित्यचर्या में सहजता के साथ करने से ग्रहीय दोषों का समाधान दे सकता है। वह सहज समाधान समोसे के साथ हरी चटनी या दोसा या आईसक्रीम भी आपके ग्रह से संबंधित दोषों की निवृत्ति करने में कारगर उपाय बन सकती है। यदि किसी की कुंडली में बुध...
Other Articles

बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन-   बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो बाल मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक है। देश में हर वर्ष 13 लाख 59 हजार बच्चे पांच वर्ष की उम्र पूरा करने से पहले ही मौत का शिकार बन जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पांच साल की उम्र के बच्चों में 43 फीसदी अंडरवेट होते हैं। यानी कहा जा सकता है कि दुनिया के सर्वाधिक कुपोषित बच्चे भारत में रहते हैं। बानगी...
Other Articles

प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- सृष्टि के आरंभ से ही नर और नारी में परस्पर आकर्षण विद्यमान रहा है, जिसे प्राचीन काल में गंर्धव विवाह के रूप में मान्यता प्राप्त थी। आज के आधुनिक काल में इसे ही प्रेम विवाह का रूप माना जा सकता है। सामाजिकता का हवाला दिया जाकर विरोध के बावजूद आज भी यह परंपरा अपारंपरिक तौर पर मौजूद है। अतः इसका ज्योतिषीय कारण देखा जाना उचित प्रतीत होता है। जन्मांग में प्रेम विवाह संबंधी संभावनाओं का विष्लेषण करते समय सर्वप्रथम पंचमभाव...
Other Articles

पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय - पितृ-दोष के ज्योतिषीय उपाय - भारतीय सामाजिक परंपरा में जीव को अमर माना गया है तथा मान्यता है कि जीवन में किए गए कर्मो के शुभ-अषुभ, नैतिक-अनैतिक तथा पाप-पुण्य के आधार पर संचित प्रारब्ध के अनुसार जीवन में सुख-दुख का सामना करना पड़ता है। हिंदु रिवाज है कि पूर्वजो के किसी प्रकार के अषुभ या नीति विरूद्ध आचरण का दुष्परिणाम उनके वंषजो को भोगना पड़ता हैं। पितृदोष का प्रत्यक्ष कुंडली में जानकारी प्राप्त करने हेतु जातक के जन्म कुंडली के द्वितीय, तृतीय, अष्टम या भाग्य...
Other Articles

ज्योतिष से आय और आर्थिक परेषानी का कारण और निवारण ज्योतिष से आय और आर्थिक परेषानी का कारण और निवारण- आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी व्यक्ति के पास कितनी धन संपत्ति होगी तथा उसकी आर्थिक स्थिति तथा आय का योग तथा नियमित साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। व्यक्ति की कुंडली में क्रमशः दूसरे...
Other Articles

विनाष काले विपरीत बुद्धि: विनाष काले विपरीत बुद्धि: काल या समय डंडा मारकर किसी का सिर नहीं तोड़ता। उसका बल इतना ही है कि वह बुद्धि को विपरित करके भले को बुरा व बुरे को भला दिखलाने लगता है। विनाशकाल समीप आ जाने पर बुद्धि खराब हो जाती है, अन्याय भी न्याय के समान दिखने लगती है। मनुष्य का जीवन उसके निर्णयों पर आधारित है। हर व्यक्ति को दो या अधिक रास्तों में से किसी एक को चुनना पड़ता है और बाद में उसका वही चुनाव उसके आगे के जीवन...
Other Articles

भाषा शैली और ज्योतिष - भाषा शैली और ज्योतिष - जीवन में किसी व्यक्ति की पहचान उसकी आवाज होती है। कोई व्यक्ति किस प्रकार के जबान से पहचाना जायेगा और उसका लोग आदर करेंगे, उसे बात करना पसंद करेंगे या उससे बचते हुए रहना चाहेंगे यह सब कुछ ज्योतिषीय ग्रहों की गणना का विषय है। उसके सभी रिश्ते और अपनापन उसके जुबान के द्वारा बनती और बिगड़ती हैं वहीं यदि हम ज्योतिषीय नजरिये से देखें तो किसी की कुंडली में उसका यही काम उसका तीसरा स्थान या तीसरे स्थान का...
Other Articles

मनुष्य का चरित्र निर्माण और ज्योतिष: मनुष्य का चरित्र निर्माण और ज्योतिष: मनुष्य स्वयं अपना स्वामी है। अपना चरित्र वह स्वयं बनाता है। चरित्र-निर्माण के लिए उसे परिस्थितियों को अनुकूल या सबल बनाने की नहीं बल्कि आत्मनिर्णय की शक्ति को प्रयोग में लाने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति का कुछ निश्चित क्षेत्र होता है जहाॅ उसे आत्म-गौरव का स्थायी भाव आता है; उस क्षेत्र से सम्बन्धित वस्तुएँ उसके ‘स्व’ के क्षेत्र में आती है और यहीं पर यदि यह ‘स्व’ अनुकूल हो तो चरित्र उत्तम और प्रतिकूल दिषा में संचालित...
1 440 441 442 443 444 448
Page 442 of 448