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वास्तु के अनुसार बनवाएँ अपने बच्चों का कमरा किसी भी भवन का जब निर्माण किया जाए तब उसमें वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का भलीभांति पालन करना चाहिए चाहे वह निवास स्थान हो या व्यवसायिक परिसर है। इस युग में शिक्षा का क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत हो गया हैं और बदलते हुए जीवन-मूल्यों के साथ-साथ शिक्षा के उद्धेश्य भी बदल गये हैं। शिक्षा व्यवसाय से जुड़ गई हैं और छात्र-छात्राएं व्यवसाय की तैयारी के रूप में ही इसे ग्रहण करते है। अधिकांश अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की चिंता यह रहती हें कि क्या पढा...
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गुड़ी पड़वा का महोत्सव चैत्र मास की  शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या नववर्ष का आरम्भ माना गया है। ‘गुड़ी’ का अर्थ होता है विजय पताका । ऐसा माना गया है कि शालिवाहन नामक कुम्हार के पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों का निर्माण किया और उनकी एक सेना बनाकर उस पर पानी छिड़ककर उनमें प्राण फूँक दिये। उसमें सेना की सहायता से शक्तिशाली  शत्रुओं को पराजित किया। इसी विजय के उपलक्ष्य में प्रतीक रूप में ‘‘शालीवाहन शक’ का प्रारम्भ हुआ। पूरे महाराष्ट्र में बड़े ही उत्साह से गुड़ी पड़वा के...
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ज्योतिष द्वारा कैसे दूर करें ह्रदय रोग पहले हज़ारों लोगों में से किसी एक को होने वाली बीमारियां अब घर-घर की कहानी बनती जा रही हैं। उन्हीं बीमारियों में एक है-हृदयाघात (Heart-attack)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अनुदान प्राप्त कर जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञानं संकाय ने जब रिसर्च की, तो पता चला कि भारत में बढ़ी तादात में ह्रदय रोगी हैं। यूजीसी ने जब इस बीमारी का सफल इलाज ढूंढ़ने की ज़िम्मेदारी भी इसी संकाय को सौंपी, तो इस संकाय ने ज्योतिष विद्या के ज़रिए...
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ह्रदय रोग का ज्योतिष कारण   ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न कुण्डली के प्रथम भाव के नाम आत्मा, शरीर, होरा, देह, कल्प, मूर्ति, अंग, उदय, केन्द्र, कण्टक और चतुष्टय है। इस भाव से रूप, जातिजा आयु, सुख-दुख, विवेक, शील, स्वभाव आदि बातों का अध्ययन किया जाता है। लग्न भाव में मिथुन, कन्या, तुला व कुम्भ राशियाँ बलवान मानी जाती हैं। इसी प्रकार षष्ठम भाव का नाम आपोक्लिम, उपचय, त्रिक, रिपु, शत्रु, क्षत, वैरी, रोग, द्वेष और नष्ट है तथा इस भाव से रोग, शत्रु, चिन्ता, शंका, जमींदारी, मामा की स्थिति...
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जानिए हनुमान जी जन्म की रहस्य्मय कहानी   भगवान शंकर के ग्यारवें अवतार हनुमान की पूजा पुरातन काल से ही शक्ति के प्रतीक के रूप में की जा रही है । हनुमान के जन्म के संबंध में धर्मग्रंथों में कई कथाएं प्रचलित हैं । उसी के अनुसार -- भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को देखकर लीलावश शिवजी ने कामातुर होकर अपना वीर्यपात कर दिया । सप्तऋषियों ने उस वीर्य को कुछ पत्तों में संग्रहित कर वानरराज केसरी की पत्नी अंजनी के गर्भ में पवनदेव द्वारा स्थापित करा दिया, जिससे अत्यंत...
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हनुमान जी की भक्ति हमारे जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है। इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है। ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी वे अजर-अमर देवता हैं। उन्होंने मृत्यु को प्राप्त नहीं किया। बजरंगबली की उपासना करने वाला भक्त कभी पराजित नहीं होता।...
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बच्चों में कार्टून देखने का आकषर्ण और ज्योतिष-   बच्चों में कार्टून देखने का आकषर्ण और ज्योतिष- एकल परिवार और पड़ोसियों तथा रिश्तों में बढ़ती दूरी ने टेलीविजन को भारतीय परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य बना दिया है। महिलाएं अक्सर टीवी सीरियल की काल्पनिक दुनिया में खोई रहना चाहती हैं। पुरुष समाचार, राजनीति और खेल के चैनलों को प्राथमिकता देते हैं तो बच्चे सदैव कार्टून ही देखना चाहते हैं। टेलीविजन जहाॅ बड़ों को स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, तो बच्चों के कोमल, नाजुक एवं अपरिपक्व मस्तिष्क पर...
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रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - प्रेम एक ऐसी भावना है जो मनुष्य तो मनुष्य, मूक पशुओं तक से रिश्ता जोड़ देती है। रिश्ते भी कई प्रकार के होते हैं। इनमें सबसे बड़ा रिश्ता है परिवार का जो आपको कई-कई रिश्तों में बांध देता है। कुछ रिश्ते केवल कामकाजी होते हैं, और कुछ ऐसे कि जिनका कोई नाम नहीं होता पर वे नामधारी रिश्तों से ज्यादा पक्के होते हैं। रिश्ते बड़े नाजुक होते हैं इन्हें प्यार, सामंजस्य और समझदारी से निभाने की...
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