कर्ज पर आजादी प्राप्त करें ऐसा क्यों होता है कि कभी-कभी कर्ज चुकने का नाम ही नहीं लेता?कर्ज षब्द का भाव है कि किसी से उधार कुछ धन लिया और बाद मे उस पर कुछ अतिरिक्त धन देकर मुलधन को वापस कर देना । ये सबसे बुरी बीमारी है और अगर एक साल ब्याज की किस्त किसी कारण वष नही दें पाया तो अगले वर्श उस ब्याज को मूलधन मे जोड दिया जाता है और इस प्रकार ब्याज के उपर ब्याज देना पडता है । इसी प्रकार हम हर रोज...