जिज्ञासा

सफलता पाने के लिए अपनाएं चाणक्य नीति

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चाणक्य और उनकी नीतियों के बारे में कौन नहीं जानता। ये उनकी नीतियां ही थी जिसने चंद्रगुप्त जैसे एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया। चाणक्य एक महान ज्ञानी, अर्थशास्त्री, कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। उनकी नीतियां न केवल व्यक्ति का मनोबल बढ़ाती हैं बल्कि जीवन में सदैव आगे बढ़ते रहने की प्ररेणा भी देती है। यहां आप जानेंगे चाणक्य की कुछ ऐसी नीतियों के बारे में जो आपके सफलता दिलाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं…

1. चाणक्य कहते हैं कि हमें दूसरों की गलतियों से ही सीखना चाहिए। क्योंकि खुद पर प्रयोग करके सीखोगे तो तुम्हारी आयु ही कम पड़ जाएगी।

2. महान ज्ञानी चाणक्य कहते हैं कि कुछ लोग हालात बदलने का प्रयास नहीं करते। जीवन जैसे चल रहा है, बस जीते चले जाते हैं। पर जो प्रगति करना चाहते हैं, ऊपर उठना चाहते हैं ऐसे लोग वे अपना सब कुछ दांव पर लगाने से नहीं डरते। संभावना है कि वे हार जाएं, कुछ न कर पाएं लेकिन यह जो कुछ कर दिखाने का प्रयास है यही उन्हें सबसे अलग बनाता है।

3. हमें बीते समय के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।

4. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है। शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं।

5. किसी भी व्यक्ति को बहुत ही ईमानदार और सीधा नहीं होना चाहिए। क्योंकि सीधे वृक्ष सबसे पहले काट दिये जाते हैं उसी प्रकार सीधे लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

6. चाणक्य कहते हैं कि दोस्ती हमेशा बराबर वालों में करनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं, उन्हें दोस्त न बनाओ। क्योंकि वे तुम्हारे कष्ट का कारण बनेंगे। हमेशा समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं।

7. भय को नजदीक न आने दो। अगर यह नजदीक आए तो इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो।

8. कोई व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है, अपने जन्म से नहीं।

9. एक बार जब आप कोई काम शुरु करते हैं, तो असफलता से डरे नहीं और ना ही उसे त्‍यागें।

10. कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन सवाल जरूर कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन सवालों के संतोषजनक जवाब मिल जाएं, तभी आगे बढ़ें।