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पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है? शास्त्रों में क्या कहा गया है…

हिंदू धर्म में भगवान शिव को संहारकर्ता, करुणामय और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माना गया है। शिव उपासना के...
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श्री महाकाल अमलेश्वर प्राकट्य कथा

श्री महाकाल अमलेश्वर प्राकट्य कथा    प्रस्तावना छत्तीसगढ़ की भूमि — जहाँ खारून की धाराएँ शिवमंत्रों सी बहती हैं, वहाँ  अमलेश्वर के तट पर  महाकाल हर 131 वर्षों में प्रकट होते हैं। उनका लिंग न केवल पृथ्वी पर प्रतिष्ठित है, बल्कि वह आग्नेय ज्योति का स्वयंभू स्वरूप है — जिसे किसी ने स्थापित नहीं किया, जिसे किसी ने गढ़ा नहीं — वह *स्वयं अग्नि में प्रकट हुए शिव हैं। १. अघोर ऋषि और प्राचीन भविष्यवाणी बहुत पुरानी बात है — जब न खारून का पुल था, न रायपुर नगर, न...