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महाकाल कृपा की तीन कथाएं

अमावस्या की पार्थिव-पूजा (पिंडदान) से श्री महाकाल अमलेश्वर की साक्षात् प्रकट्‌ता होती है एवं असीम रूप से कामनाएँ पूर्ण होती हैं। निष्काम भक्ति: वृद्धा सावित्री का प्रकट्‌ दर्शन कथासार: वृद्धा सावित्री पूरे जीवन को पति-पूजन में समर्पित होकर भी विधवा-श्राद्ध से अनियंत्रित व्यथित रहती थी। अमावस्या की रात्रि उसने पार्थिव-पिंडदान किया, अंतःकरण से “महाकालो भव” मंत्र जपा। अचानक मंदिरप्रांगण की घनघोर नीरवता टूटकर, गर्भगुहा से ओजस्वी उज्जवल ज्योति प्रकट हुई। सामने खड़ी शिवलिंग के नेत्र से अमृतसलिलों का झरना गिरा और सावित्री के चरणस्पर्श कर स्वयं बोली— “नमो महाकाले, तव...
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मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा के प्रमुख 13 स्टेजेस

शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद जीवात्मा के अनुभव और यात्रा के मुख्य चरण (Stages After Death as per Hindu Scriptures): यह विवरण मुख्यतः गरुड़ पुराण, बृहदारण्यक उपनिषद, कठोपनिषद, भागवत पुराण, और योगवशिष्ठ जैसे ग्रंथों पर आधारित है। मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा के प्रमुख 13 स्टेजेस (संक्षेप में): क्रम अवस्था / स्टेज विवरण 1 मृत्यु काल (प्राण-त्याग) जब प्राण (Vital Energy) शरीर छोड़ता है, अंतिम श्वास रुक जाती है। पांच प्राण वायु (प्राण, अपान, समान, उदान, व्यान) शरीर से निकलती हैं। 2 शरीर से आत्मा का अलगाव आत्मा...