वास्तु का प्रचलन हमारे देश में काफी बड़ चुका है। अक्सर हम अपने घर को सजाने के लिए भी वास्तु के नियमों को अपनाते हैं। लेकिन कई बार इंसान कुछ चीज़ें वास्तु के हिसाब से करना भूल जाता है। उन्हीं में से एक होती है वास्तु के मुताबिक सही दिशा में घड़ी लगाना। जी हां, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जहां इंसान को घड़ी लगाने के लिए सही दीवार लगती है, उसी पर वे घड़ी को लगा देता है, बिना इस बात फिकर किए कि उसका इस तरह करना उसी पर कितना भारी पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी ही व्यक्ति का सही समय निर्धारित करती है। लत दिशा में घड़ी लगाने से आपको शारीरिक,मानसिक अथवा आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है साथ ही गलत दिशा में लगाई हुई घडी आपकी प्रगति में भी बाधक बन सकती है। इसके साथ हम आपको बताने जा रहे हैं, घड़ी लगाने के लिए सही दिशा के बारे में।
वास्तु के अनुसार घर में रखी बंद घड़ी आपके जीवन में समस्याओं को पैदा कर सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटी-फूटी घड़ी तथा बंद घड़ी दुर्भाग्य का सूचक होती है। इसलिए घर में मौजूद बंद और टूटी-फूटी घड़ी को हटा दें।
दक्षिण दिशा में घड़ी लगी हुई है तो घर के मुखिया का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा। इस दिशा में घड़ी लगी रहने से प्रगति के अवसर नहीं मिलेंगे एवं आपकी प्रगति रूक जाएगी और आप सभी प्रकार से तरक्की नहीं कर पाएंगे इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।
वास्तु के अनुसार घड़ी पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाई जानी चाहिए। ये दिशाएं सत्व ऊर्जा से भरपूर होती हैं। इन दिशाओं में घड़ी लगाने से आपको शुभ-लाभ और समृद्धि मिलेगी और साथ ही उन्नति के नए -नए मार्ग प्रशस्त होंगे।
अगर आपके घर में पेण्डुलम वाली घड़ी है तो ये आपके लिए अच्छी होती है। इससे परिवार में तरक्की होती हैं और इस घड़ी को पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए।
घर में काले, नीले और लाल रंग की घड़ी नहीं लगानी चाहिए, ये वास्तु के हिसाब ठीक नहीं मानी गई हैं। इसके साथ ही घर में चौकोर और गोल घड़ी शुभ रहती हैं।
पूर्व दिशा की तरफ हल्के हरे या पीले रंग की एवं उत्तर दिशा कि तरफ आसमानी या स्लेटी और पश्चिम दिशा की तरफ सुनहरे या स्लेटी या सफ़ेद रंग की घड़ी लगाना सुख-समृद्धि में वृद्धि करेगा एवं इनको लगाने से घर में सुख और शांति आती है।