
आज के समय में बहुत से युवक-युवतियाँ विवाह योग्य आयु पार कर लेने के बाद भी विवाह में देरी की समस्या से जूझ रहे हैं। कई बार अच्छे रिश्ते आते हैं लेकिन बात आगे नहीं बढ़ती, कभी कुंडली दोष आड़े आते हैं तो कभी पारिवारिक या मानसिक कारण बन जाते हैं। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में विवाह में देरी के पीछे ग्रहों की स्थिति, दोष और कर्मों का विशेष प्रभाव माना गया है। ऐसे में शास्त्रों में बताए गए वास्तु उपाय अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं, जो बिना किसी हानि के सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं और विवाह के योग को मजबूत करते हैं।
विवाह में देरी होने के मुख्य ज्योतिषीय कारण
ज्योतिष के अनुसार विवाह में देरी के पीछे कई ग्रह दोष जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे—
- कुंडली में मंगल दोष (मांगलिक दोष)
- सप्तम भाव या उसके स्वामी का कमजोर होना
- शुक्र ग्रह का अशुभ या कमजोर होना
- राहु-केतु का विवाह भाव पर प्रभाव
- शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या
- पिछले जन्म के कर्म या पितृ दोष
इन सभी कारणों से विवाह के योग बनते-बनते रुक जाते हैं।
वास्तु उपाय क्या होते हैं और क्यों प्रभावी हैं?
वास्तु उपाय वे उपाय होते हैं जिनमें किसी विशेष वस्तु को धारण करना, दान करना, पूजा में उपयोग करना या घर में स्थापित करना शामिल होता है। ये उपाय ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करते हैं और सकारात्मक तरंगों को बढ़ाते हैं। इनका सबसे बड़ा लाभ यह है कि—
- ये सरल होते हैं
- कोई दुष्प्रभाव नहीं होता
- घर बैठे किए जा सकते हैं
- लंबे समय तक असर दिखाते हैं

विवाह में देरी दूर करने के प्रभावशाली वास्तु उपाय
1. पीला वस्त्र और हल्दी का उपाय
यदि विवाह में बार-बार रुकावट आ रही हो तो गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें और हल्दी की गांठ अपने पास रखें। हल्दी गुरु ग्रह को मजबूत करती है, जो विवाह के लिए अत्यंत आवश्यक है।
👉 उपाय:
गुरुवार को हल्दी की 5 गांठ पीले कपड़े में बाँधकर विष्णु जी के चरणों में अर्पित करें।
चांदी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है और मानसिक बाधाओं को दूर करती है। कई बार विवाह में देरी का कारण मानसिक भय या असमंजस होता है।
👉 उपाय:
सोमवार को दाहिने हाथ की छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी धारण करें।
शंख को वैवाहिक सुख और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। घर में शंख रखने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
👉 उपाय:
हर गुरुवार शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
यह उपाय विशेष रूप से लड़कियों के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
👉 उपाय:
मंगलवार या शुक्रवार को एक सुपारी पर लाल धागा लपेटकर माता दुर्गा को अर्पित करें और मन ही मन शीघ्र विवाह की कामना करें।
शिव-पार्वती आदर्श दांपत्य जीवन के प्रतीक हैं। इनकी पूजा से विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
👉 उपाय:
घर में शिव-पार्वती की जोड़ी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और प्रतिदिन दीपक जलाएँ।
6. मोती या ओपल रत्न (विशेष सलाह से)
यदि कुंडली में चंद्र या शुक्र कमजोर हो तो ये रत्न लाभदायक होते हैं।
👉 सावधानी:
रत्न धारण करने से पहले कुंडली अवश्य दिखाएँ।
नारियल को पूर्णता का प्रतीक माना गया है।
👉 उपाय:
शुक्रवार को मंदिर में नारियल अर्पित करें और उसे गरीब कन्या को दान करें।
8. गुलाब क्वार्ट्ज (Rose Quartz) स्टोन
यह प्रेम और विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
👉 उपाय:
इस पत्थर को बेडरूम में रखें या अपने पास रखें।
यह उपाय विशेष रूप से कन्याओं के लिए प्रभावी है।
👉 उपाय:
शुक्रवार को 7 विवाहित स्त्रियों को कुमकुम और चावल भेंट करें।
तुलसी माता विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करती हैं।
👉 उपाय:
प्रतिदिन तुलसी में जल अर्पित करें और 11 बार परिक्रमा करें।
विवाह में देरी के लिए कुछ विशेष सावधानियाँ
- देर रात तक जागने की आदत छोड़ें
- घर में टूटी हुई वस्तुएँ न रखें
- बेडरूम में भगवान की तस्वीर न लगाएँ
- काले रंग का अधिक प्रयोग न करें
- नकारात्मक सोच से दूर रहें
कब दिखता है इन उपायों का प्रभाव?
वास्तु उपायों का प्रभाव तुरंत चमत्कार की तरह नहीं दिखता, लेकिन नियमित और श्रद्धा के साथ करने पर 3 से 6 महीनों में सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं। कई लोगों को तो अचानक अच्छे रिश्ते आने लगते हैं।
विवाह में देरी जीवन की एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसका समाधान भी उतना ही सरल है। ज्योतिष शास्त्र में बताए गए वास्तु उपाय न केवल ग्रह दोषों को शांत करते हैं बल्कि व्यक्ति के आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं। यदि आप सच्चे मन से इन उपायों को अपनाते हैं, तो शीघ्र ही विवाह के शुभ योग बनने लगते हैं। धैर्य, विश्वास और नियमितता—यही इन उपायों की सबसे बड़ी कुंजी है।





