पापमोचनी व्रत विधि-एकादशी व्रत में श्री विष्णु जी का पूजन किया जाता है. पापमोचनी एकादशी व्रत करने के लिये व्रत के पूर्व की तिथि में सात्विक भोजन करना चाहिए. एकादशी व्रत की अवधि 24 घंटों की होती है. व्रत के दिन सूर्योदय काल में उठना चाहिए। और स्नान आदि सभी कार्यो से निवृत होने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए। संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। जिसमें भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर श्रीमद भागवत कथा का पाठ करना चाहिए. एकादशी व्रत का समापन द्वादशी तिथि के दिन प्रातःकाल में स्नान करने के बाद, भगवान श्री विष्णु कि पूजा करने के बाद ब्राह्माणों को भोजन व दक्षिणा देकर करना चाहिए. उसके उपरांत ही व्रत खोलना चाहिए. एकादशी व्रत में दिन के समय में श्री विष्णु जी का स्मरण करना चाहिए. और रात्रि में भी पूरी रात जाकर श्री विष्णु का पाठ करते हुए जागरण करना चाहिए. यह व्रत व्यक्ति के सभी जाने- अनजाने में किये गये पापों से मुक्ति दिलाता है.