ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों से शुभ फल के लिए कई उपाय किए जाते हैं। रत्न पहनना भी उनमें से एक है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब भी कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो उस ग्रह से संबंधित रत्न सावधानी पूर्वक अपनी उंगली में पहन लेना चाहिए, इससे परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।हर छात्र यही चाहता है कि उसे परीक्षाओं में अच्छी सफलता मिले। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मन शांत हो और पढ़ने में रूचि बनी रहे। इसके अलावा एक और चीज जरूरी है कि आपकी स्मरण शक्ति अच्छी हो ताकि जो भी आप पढ़े उसे लंबे समय तक याद रख पाएं।
अगर आप भी यह सारी खूबियां चाहते हैं तो आपको बुध एवं चन्द्रमा की स्थिति को मजबूत बनना होगा। ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक ग्रह कहा गया है। चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है। इन दोनों ग्रहों को अनुकूल बनाकर पढ़ाई में रूचि और बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सकता है।
बुध को अनुकूल बनाने के लिए पन्ना धारण कर सकते हैं। बुध व्यापार का भी कारक ग्रह होता है इसलिए इस रत्न को व्यापारी भी धारण कर सकते हैं। वाणिज्य विषय से शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए यह यह बहुत ही उत्तम रत्न होता है। राशियों के अनुसार यह वृष, मिथुन, कन्या, मकर और मीन वालों के लिए फायदेमंद होता है।
असली पन्ना की पहचान
लेकिन पन्ना धारण करने से पहले यह जरूर जान लेना चाहिए कि आप जो पन्ना खरीद रहे हैं वह सही भी है यह नहीं। कहीं रत्न विक्रेता पन्ना के नाम पर हरा रंग का पत्थर या कांच तो आपको नहीं बेच रहा है।
- असली पन्ना दिखने में घास की तरह हरा और मखमली होता है।
- असली पन्ना पारदर्शी होता है, इससे आर-पार आसानी से देखा जा सकता है।
- छूने पर यह चिकना और वजन में काफी हल्का होता है।
- इसके ऊपर पानी की बूंद डालने पर बूंद यथावत रहती है।
- शीशे के गिलास में पानी भरकर पन्ना रखने पर हरी किरणें निकलती दिखाई देती हैं।
- लकड़ी के ऊपर रगड़ने से इसकी चमक और बढ़ जाती है।
- असली पन्ना रत्न कभी भी खराब नहीं होता है लेकीन नकली पन्ना रत्न धारण करने के कुछ दीन बाद ही इसके रंग में बदलाव होने लगता हैं।
- असली पन्ना रत्न पहनने मात्र से ही असर दिखाना शुरू कर देता है लेकिन अगर नकली पन्ना रत्न को पहना जाए तो यह किसी भी तरह से फल नहीं देता है।
- असली पन्ना रत्न को अगर दूध में डाला जाए तो दूध का रंग बदल जाता है लेकिन अगर वही नकली पन्ना रत्न को दूध में डाले तो दूध का रंग किसी भी तरह से नहीं बदलता है।
- असली पन्ना रत्न की यह भी पहचान है की इसे अगर पानी के गिलास में डाला जाए तो इसमें से चमकती हुई रोशनी निकलती है।
- पन्ना रत्न की हार्डनेस 7.5 से 8 तक होती है और सबसे अच्छा पन्ना जाम्बियन और कोलम्बियन देश का माना जाता है।
पन्ना को सोने, चांदी अथवा प्लैटिनम की अंगूठी में जड़वाकर बुधवार के दिन सुबह दूध से स्नान करवाकर छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। बुधवार के दिन अश्लेषा, रेवती, पूर्वाफाल्गुनी अथवा पुष्य नक्षत्र हो तो और उत्तम रहता है।इसे धारण करने से पहले ‘ओम ब्रां, ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का 9,000 बार जप करना चाहिए। अगर एक बार में 9,000 बार जप पूरा नहीं कर पाते हैं तो रत्न धारण करने के बाद नियमित जप करते हुए इतनी संख्या पूरी कर लेनी चाहिए।
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