क्या होता है काल सर्प दोष और किस तरह पहचानें इसके लक्षण ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ-अशुभ योगों का निर्माण करती है. जहां शुभ योग जातक के जीवन में कई बड़ी उपलब्धियों के कारण बनते हैं, वहीं अशुभ योग मनुष्य को राजा से रंक भी बना सकते हैं. अशुभ योगों की श्रेणी में सबसे पहले हम बात करेंगे कालसर्प दोष के बारे में. यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है.
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क्या होता है कालसर्प दोष
ज्योतिष शास्त्र में, कालसर्प दोष को एक अशुभ योग माना जाता है. यह तब बनता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं. इससे ऐसा लगता है जैसे कि सारे ग्रह सर्प द्वारा बंधे हुए हों. राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और इनका प्रभाव अक्सर नकारात्मक होता है. कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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कालसर्प दोष के लक्षण
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष निर्मित होता है उस दौरान जातक को अनेक तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
- जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें संतान से जुड़े कष्टों का भी सामना करना पड़ता है
- ऐसे जातकों को नौकरी में अनेक तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है. इन लोगों का नौकरी में स्थायित्व नहीं होता.
- जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें हमेशा सपने में मृत्यु या सांप दिखाई देते हैं.
- बात-बात पर जीवनसाथी से वाद विवाद होना। यदि रात में बार बार आपकी नींद खुलती है तो यह भी काल सर्प दोष का ही लक्षण है।
- इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में बार-बार लड़ाई झगड़ा दिखाई देता है।
- काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होता है। साथ ही सिर दर्द, त्वचारोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण है।
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कालसर्प दूर करने का उपाय
- काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
- प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।
- इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।
- प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
- इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।
- कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।
- चांदी की धातु से बनी नाग के आकृति की अंगूठी को उंगली में धारण करें।
- प्रतिदिन भगवान विष्णु की आराधना करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
- शनिवार के दिन बहते हुए जल में कोयला का टुकड़ा प्रभावित करने से यह दोष दूर होता है।
अगर आप भी कालसर्प दोष से परेशान है तो संपर्क करे पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जी से, जो विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में यह पूजा कराये जा रहे है , इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , पूजा भी कराये जा रहे है।