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संतान प्राप्ति में क्यों आती है बाधा? ज्योतिष बताता है असली कारण और उपाय…!

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ज्योतिष के अनुसार संतान प्राप्ति के उपाय और बाधाएँ

संतान सुख जीवन का महत्वपूर्ण और भावनात्मक पक्ष है। दंपत्ति के जीवन में बच्चे की किलकारियाँ सुख, स्थिरता और पूर्णता लाती हैं। लेकिन कभी-कभी विवाह के कई वर्षों बाद भी संतान प्राप्ति में बाधाएँ आ जाती हैं। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ कई लोग वैदिक ज्योतिष की ओर भी रुख करते हैं, क्योंकि ज्योतिष यह बताता है कि जन्मपत्रिका में कौन-सी ग्रह स्थितियाँ संतान सुख में विलंब या बाधा देती हैं और किन उपायों के द्वारा इस योग को मजबूत किया जा सकता है।

1. कुंडली में संतान का भाव और उसका महत्व

1️⃣ पंचम भाव (5th House) — संतान का मुख्य भाव

कुंडली में पंचम भाव संतान का प्रतिनिधित्व करता है।
यह बताता है कि:

  • दंपत्ति को संतान कब होगी

  • संतान संख्या कितनी हो सकती है

  • संतान का स्वास्थ्य

  • गर्भधारण में विलंब या कठिनाई

2️⃣ बृहस्पति (Jupiter) — संतान का कारक ग्रह

ज्योतिष में बृहस्पति को संतान का मुख्य कारक माना गया है।
यदि बृहस्पति शुभ हो, मजबूत हो और पंचम भाव को दृष्टि देता हो, तो संतान प्राप्ति सरल होती है।

3️⃣ शुक्र (Venus) और चंद्रमा भी महत्वपूर्ण

  • शुक्र — प्रजनन क्षमता

  • चंद्रमा — मानसिक शांति और गर्भधारण का पोषण
    यदि ये ग्रह कमजोर हों तो गर्भधारण में समस्या आ सकती है।

2. संतान प्राप्ति में ज्योतिषीय बाधाएँ

1️⃣ पंचम भाव में पाप ग्रहों का प्रभाव

यदि पंचम भाव में निम्न ग्रह हों, तो संतान सुख में देरी होती है:

  • शनि — विलंब, बाधा

  • राहु — अनिश्चितता, बार-बार असफलता

  • केतु — गर्भधारण में रुकावट

  • मंगल — चिकित्सा संबंधी समस्याएँ, गर्भपात की संभावनाएँ

2️⃣ बृहस्पति का नीच, अशुभ या पापग्रही होना

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यदि जन्मपत्रिका में बृहस्पति:

  • नीच का हो

  • राहु/केतु से ग्रस्त हो

  • छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो

  • शत्रु राशियों में हो

तो संतान योग कमजोर हो जाता है।

3️⃣ शुक्र और चंद्रमा की कमजोरी

यदि इन ग्रहों में दोष हो तो दंपत्ति को:

  • हार्मोनल समस्याएँ

  • गर्भधारण में देरी

  • तनाव और चिंता

जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

4️⃣ कालसर्प दोष, पितृ दोष या कुंडली में ग्रहण दोष

ये तीन योग संतान बाधा के प्रमुख कारण माने जाते हैं:

  • पितृ दोष: संतान का सुख नहीं मिलता या बहुत विलंब होता है

  • कालसर्प: ग्रहों का पाप प्रभाव संतान योग को कमजोर करता है

  • ग्रहण दोष: लगातार बाधाएँ

5️⃣ सौभाग्यहीन योग / पंचमेश का कमजोर होना

यदि पंचम भाव का स्वामी (पंचमेश):

  • छठे, आठवें, बारहवें भाव में हो

  • शत्रु राशि में हो

  • पाप ग्रहों से पीड़ित हो

तो संतान प्राप्ति में बाधा बनी रहती है।

3.ग्रह सुधार उपाय

1️⃣ बृहस्पति को मजबूत करने के उपाय

क्योंकि बृहस्पति ही ‘संतान का कारक’ है।

उपाय:

  • हर गुरुवार को व्रत रखें

  • केले के पेड़ में जल चढ़ाएँ

  • गुरुवार को नमक-तेल न खाएँ

  • पीला कपड़ा, चना दाल, हल्दी का दान करें

  • प्रतिदिन “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” 108 बार जप करें

  • पुखराज या पुखराज जैसा यंत्र पहनना (ज्योतिष सलाह पर)

2️⃣ शुक्र को मजबूत करने के उपाय

  • शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें

  • गाय को चारा, खीर या रोटी खिलाएँ

  • सुगंध, इत्र या चंदन का प्रयोग करें

  • “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का जप करें

3️⃣ चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय

  • सोमवार का व्रत रखें

  • शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएँ

  • चाँद्रायण व्रत या केवल चावल का दान करें

  • “ॐ सोमाय नमः” मंत्र का जप करें

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4.विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय

1️⃣ संतान गोपाल मंत्र सिद्धि

यह संतान प्राप्ति का सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है।

मंत्र:
“ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः”

इसका प्रतिदिन 108 बार जप करने से संतान योग मजबूत होता है।

2️⃣ शिव-पार्वती को संतोषी रूप से पूजन

कई ज्योतिषीय ग्रंथों में लिखा है कि:

  • शिव-पार्वती का संयुक्त पूजन

  • हर सोमवार शिव अभिषेक

  • पानी + दूध + शहद से अभिषेक

संतान बाधा दूर करता है।

3️⃣ लक्ष्मीनारायण पूजा या सत्यनारायण कथा

इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और ग्रह दोषों का असर कम होता है।

4️⃣ पितृदोष निवारण उपाय

यदि कुंडली में पितृ दोष हो:

  • अमावस्या पर पितरों का तर्पण

  • पीपल वृक्ष की पूजा

  • गरीबों को भोजन

संतान संबंधी बाधा कम करता है।

5.घर-गृहस्थी और जीवनशैली से जुड़े उपाय

1️⃣ बेडरूम में सकारात्मक ऊर्जा बनाएँ

  • बेडरूम में भगवान के मंदिर, फोटो या धार्मिक चित्र न रखें

  • बिस्तर के नीचे भारी सामान न भरें

  • पूर्व दिशा में अधिक रोशनी रखें

  • बेडरूम में काले रंग का प्रयोग कम करें

2️⃣ गर्भधारण के लिए शुभ नक्षत्र

ज्योतिष के अनुसार गर्भाधान के लिए शुभ नक्षत्र:

  • रोहिणी

  • मृगशिरा

  • उत्तराफाल्गुनी

  • अनुराधा

  • रेवती

इन नक्षत्रों में संतान योग तेजी से सिद्ध होता है।

6. संतान बाधा दूर करने के अत्यंत प्रभावी टोटके

1️⃣ गणपति ‘संकटनाशन’ स्तोत्र का पाठ

गणेश जी बाधाओं को हटाते हैं। संतान बाधा भी उनकी कृपा से दूर होती है।

2️⃣ पीपल में दीपक जलाना

शनिवार शाम को पीपल के नीचे एक दिया जलाएँ
और कहें— “संतान सुख प्रदान करें”

3️⃣ नींबू और लौंग का टोटका

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हर शुक्रवार नींबू में लौंग लगाकर माता लक्ष्मी के सामने रखें।
यह शुक्र को बल देता है।

4️⃣ मंदिर में झूला दान

कई लोग संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होने पर
– झूला
– खिलौने
– चादर

दान करते हैं, यह परंपरा भी संतान योग से जुड़ी मानी जाती है।

7. संतान बाधा के ज्योतिषीय संकेत

1️⃣ बार-बार गर्भपात या गर्भ रुकना

  • पंचम भाव में मंगल + राहु

  • शनि की तीसरी या दसवीं दृष्टि

2️⃣ शादी के कई वर्षों बाद भी गर्भ न ठहरना

  • बृहस्पति का पाप प्रभाव

  • शुक्र का नीच होना

  • पंचमेश का दुर्बल होना

3️⃣ दंपत्ति के बीच अनबन व तनाव

  • चंद्रमा/शुक्र का पापयोग

  • राहु की दशा/अंतरदशा

तनाव भी गर्भधारण का बड़ा कारण बनता है।

8. क्या उपाय करते समय कुछ सावधानियाँ रखनी चाहिए?

हाँ, अवश्य। ज्योतिषीय उपाय करते समय:

  • बिना ज्योतिष की सलाह के कोई रत्न न पहनें

  • नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थानों में पूजन न करें

  • गर्भवती स्त्री को बहुत भारी पूजा-अनुष्ठान नहीं करवाने चाहिए

  • उपाय नियमितता और आस्था से करें

निष्कर्ष
संतान सुख जीवन के सबसे सुंदर और भावनात्मक उपहारों में से एक है।
कभी-कभी दंपत्ति को संतान मिलने में विलंब होता है, परंतु ज्योतिष यह साफ-साफ दिखाता है कि जन्मपत्रिका में किन ग्रहों, भावों और योगों के कारण यह बाधा उत्पन्न हो रही है। ज्योतिष द्वारा बताए गए उपाय ना केवल ग्रहों को संतुलित करते हैं बल्कि दंपत्ति के मन-मस्तिष्क में भी सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
यदि नियमित रूप से गुरु, शुक्र और चंद्रमा से जुड़े उपाय किए जाएँ, पंचम भाव को मजबूत किया जाए और शिव-विष्णु की कृपा प्राप्त हो, तो संतान योग अवश्य प्रबल होता है।