पुरषोत्तम मास या अधिमास में व्रत
इसे 'अधिमास' और 'मलमास' भी कहते हैं। मलमास की दृष्टि से शुभ कर्मों के वर्जित होने के कारण यह मास निंदित है। परंतु पुरुषोत्तमेति मासस्य नामाप्यस्ति सहेतुकम्। तस्य स्वामी कृपासिन्धुः पुरुषोत्तम उच्यते॥ अहमेवास्य संजातः स्वामी च मधुसूदनः। एतन्नाम्ना जगत्सर्वं पवित्रं च भविष्यति॥ मत्सादृश्यमुपागम्य मासानामधिपो भवेत्। जगत्पूज्यो जगद्वन्द्यो मासोऽयं तु भविष्यति॥ पूजकानां च सर्वेषां दुःखदारिद्र्यखण्डनः॥ भगवान् पुरुषोत्तम इसको अपना नाम देकर इसके स्वामी बन गए हैं। अतः इसकी महिमा बहुत बढ़ गई है। इस पुरुषोत्तम मास में साधना करने से कोई व्यक्ति पापमुक्त होकर भगवान को प्राप्त हो सकता है। यह...




