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Rivers In India : जानिए भारत की सात सबसे पवित्र नदियाँ। ……

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Rivers In India : जानिए भारत की सात सबसे पवित्र नदियाँ। ……

भारतीय हिन्दू धर्म में नदियों को एक परम स्थान दिया गया है, यहाँ नदियों को जीवन दायनी कहा जाता है साथ ही इन्हे माता की उपाधी भी दी गई है। प्राचीन काल से ही नदिया मानव जीवन के लिए उपयोगी रही है क्यों की इसी से जीवन व्यापन करने के लिए जल प्राप्त होता था। उस समय में नल कूप, कुएँ आदि नहीं हुआ करते थे।

भारत में कुछ प्रमुख नदिया जिनका वर्णन वेद-पुराणों में भी मिलता है, उन्हें पूजनीय माना गया है, साथ ही इनमे स्नान करने से पापों से मुक्ति भी मिलती है। भारत में कुछ प्रमुख नदियाँ हैं, जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी, महानदी और ब्रह्मपुत्र। भारत में अधिकांश पवित्र स्थान जैसे वाराणसी, हरिद्वार, ऋषिकेश, तालकावेरी, नासिक, उज्जैन और पटना, ओमकारेश्वर, महेश्वर पवित्र नदियों के किनारे स्थित हैं।

 

भारत की सात सबसे पवित्र नदियाँ 

गंगा नदी
हिमालय में गौमुख से निकलकर बंगाल की खाड़ी की और बहती हुई गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदी है और भारत की सबसे लंबी नदी है। नदी को भारत की “राष्ट्रीय नदी” घोषित किया गया है और गंगा डॉल्फ़िन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जानवर भी घोषित किया गया है। बहुत कम ही लोग ऐसे होगे जो गंगा नदी के धार्मिक महत्व से अवगत नही होगें। आज भी भारत के साथ साथ विदेशो से लोग गंगा नदी में एक पवित्र स्नान के लिए हजारों किलोमीटर से यहाँ आते है। कहा जाता है गंगा नदी के दर्शन मात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है तो सोचिये गंगा नदी में स्नान कितना महत्त्व होगा। यह भी मान्यता है की गंगा नदी में अस्थियाँ विसर्जन करने से मरे हुए व्यक्ति की आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

इलाहाबाद, वाराणसी, गंगा नदी के किनारे वसे सबसे पवित्र शहर है। वाराणसी के तट से हर रोज गंगा जी की पवित्र आरती भी की जाती है जिनमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है।

गंगा की कई सहायक नदियाँ हैं जैसे यमुना, चंबल, बेतवा और उनमें से एक प्रमुख घाघरा है, जो इसे पटना से पहले मिलती है। गंगा नदी में हरिद्वार और फरक्का बांध भी बंधें हुए है। भारत में सबसे लंबे सड़क पुल में से एक महात्मा गांधी सेतु पटना भी गंगा नदी पर बना हुआ है।

यमुना नदी
धार्मिक पुराणों के अनुसार यमुना नदी को भगवान श्री कृष्ण की संगनी कहा जाता है। भारत में यमुना नदी को को मां का दर्जा दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यमुना नदी भक्ति का प्रतीक है। यमुनोत्री से निकलकर यमुना नदी दिल्ली, आगरा और इटावा से होकर प्रयागराज में गंगा नदी से मिल जाती है। यमुना नदी को “यमुना मैया” के नाम से भी जाना जाता है और यमुना नदी की लंबाई 1376 किलोमिटर है।

सरस्वती नदी
सरस्वती एक प्राचीन नदी है जो वेदों में भी वर्णित है, जो वैदिक युग के दौरान उत्तर भारत में बहती थी। हालांकि आज उस प्राचीन नदी का भौतिक अस्तित्व नहीं है, जो कही रेगिस्तान में खो गई। भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक सरस्वती नदी शिवालिक पर्वतमाला, हिमालय से निकलकर त्रिवेणी संगम में जाकर मिलती है। इलाहाबाद में त्रिवेणी संगम 3 नदियों का संगम है, इन तीनों में से एक सरस्वती नदी भी है जिससे इस नदी की पवित्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अक्सर भारत की सबसे पवित्र नदियों में गंगा, युमना और सरस्वती के नाम ही सबसे उपर लिए जाते है।

नर्मदा नदी
नर्मदा नदी जिसे “माँ रेवा” के नाम से जाना जाता है,भारत की सात पवित्र नदियों में से एक है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकला पर्वतमाला से निकलती है और विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती हुई खंभात की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। नर्मदा नदी का मध्य प्रदेश में धार्मिक महत्त्व भी काफी अधिक है जिसमे पूर्णिमा, अमावस्या जैसे अन्य पवित्र त्यौहार नर्मदा में स्नान की बिना पुरे नही होते है। बता दे हर पवित्र त्यौहार में लाखो श्रद्धालु माँ रेवा में डुबकी लगाते है और पापों से मुक्ति पाकर अपने आपको धन्य कराते है।  महेश्वर  अमरकंटक, ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के किनारे बसे सबसे पवित्र नगर हैं। आप जब भी मध्य प्रदेश आएं तो नर्मदा नदी में डुबकी लगाने ना भूलें।

शिप्रा नदी
शिप्रा नदी मध्य प्रदेश में बहने वाली एक और प्रमुख नदी है जिसे हिंदू धर्म की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना गया है। पवित्र नगरी  उज्जैन इसके दाहिने किनारे पर स्थित है जो भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिलिंगों में से एक के लिए प्रसिद्ध है जिसे  महाकालेश्वर  के नाम से जाना जाता है। हर 12 साल में उज्जैन में कुंभ मेला उत्सव होता है जिस दौरान लाखों लोग पवित्र नदी शिप्रा में पवित्र स्नान और स्नान करते हैं। यह पवित्र नदी इंदौर के उज्जैनी मुंडला गांव की ककड़ी बड़ली नामक स्थान से निकलती है और चंबल नदी में जाकर मिल जाती है।

गोदावरी नदी
भारत की सात सबसे नदियाँ में से एक गोदावरी नदी दक्षिण भारत की प्रमुख नदी है। गोदावरी नदी की पवित्रता और भक्तों का इसके प्रति आस्था और श्रद्धा भाव के कारण इस नदी को दक्षिणा गंगा के रूप में भी जाना जाता है। गोदावरी नदी का उद्गम स्थल महाराष्ट्र के  नासिक  जिले में त्र्यंबक पहाड़ियां है जो अतं में पूर्वी घाट की ओर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। नासिक गोदावरी नदी के किनारे बसा सबसे पवित्र शहर है जो हर 12 साल में कुम्भ मेला की मेजबानी करता है। गोदावरी नदी की महिमा और पवित्रता कुछ ऐसी है की लोग कुम्भ मेले के अलावा अन्य अवसरों पर भी गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए इकट्ठा होते है।

कावेरी नदी
कावेरी नदी भारत की सात सबसे पवित्र नदियों में अंतिम नदी है जो हिन्दुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कावेरी नदी को दक्षिण भारत की अत्यंत पवित्र नदी माना जाता है। यह पश्चिमी घाट में ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलती है और कर्नाटक और तमिलनाडु के हृदय स्थल से होकर गुजरती है।यह प्रायद्वीप की प्रमुख नदियों में से एक है जो पूर्व में बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। मेट्टूर बांध कावेरी नदी पर बना एक बड़ा बांध है। कावेरी नदी का सुंदर शिवसमुद्रम जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात है।