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नौकरी में तबादला:ज्योतिष्य नजर

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नौकरी में तबादला एक नियमित प्रक्रिया है। कुछ वर्ष एक ही स्थान पर कार्यरत रहने के उपरांत नियोजित व्यक्ति का स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कई बार यह तबादला अथवा स्थानांतरण अपनी ईच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार लोगों को अपना घर-परिवार छोड़कर अनिच्छा से नये स्थान पर जाकर योगदान देना पड़ता है। ये तबादला पदोन्नति के साथ कुछ आर्थिक लाभ के साथ भी हो सकता है अथवा समान पद पर रहते हुए बिना आर्थिक लाभ के भी उन्हें स्थानांतरित किया जा सकता है। आइए देखें कि विभिन्न परिस्थितियों में स्थानांतरण के क्या ज्योतिषीय मापदंड हैं जिनके कारण ईच्छा-अनिच्छा से तबादला होता है। ज्योतिषीय मापदंड (पैरामीटर्स): 1. प्रमुख भाव (House): 3H, 4H, 10H, 12H 2. सहायक भाव: 6H 3. ग्रह: 3L,4L, एवं 10L, 12L 4. दशा: महादशा/अंतर्दशा/ प्रत्यंतर्दशा स्वामी का संबंध प्रमुख भावों तथा भावेशों के साथ होना चाहिए। 5. गोचर: (i) दशा स्वामियों का संबंध गोचर में 4H/3H एवं उनके भावेशों के साथ स्थापित होना चाहिए। (ii) यदि इनका साहचर्य/संबंध 12H से स्थापित हो जाता है तो तबादला निश्चित है। 6. कारक: शनि (नौकरी के लिए) 7. वर्ग कुंडलियां: D1,D4,D9 एवं D10 3H एवं 12H की तबादले में भूमिका: नौकरी मं तबादला प्रमुखतः तृतीय एवं द्वादश भावों तथा उनके भावेशों के बीच अंतर्संबंध स्थापित होने के कारण होता है। यहां ध्यान रखना आवश्यक है कि: (i)तृतीय भाव सुख स्थान (4H) से 12वां भाव है जो गृह विस्थापन निर्देशित करता है। (ii)द्वादश भाव लग्न से 12वां भाव है जो स्वयं का अपनी जगह से विस्थापन निर्देशित करता है। अगली पोस्टिंग का स्थान द्वादश भाव है क्योंकि यह कर्मस्थान यानी दशम भाव से तृतीय है तथा भाग्यस्थान (नवम् भाव) से चतुर्थ भाव है जो लंबी यात्रा को इंगित करता है। साथ ही यह पराक्रम भाव (3H) से दशम है जो यात्रा का भी संकेत देता है। इन दोनों भावों के बीच जितना नजदीकी संबंध बनेगा तबादला होने की गंजाइश उतनी ही बढ़ेगी। कुछ अति महत्वपूर्ण एवं ध्यातव्य तथ्य: 1. यदि 4H प्रभावित होता है तो निवास में परिवर्तन होता है (3H, 4H एवं 12H)। 2. यदि 10H प्रभावित होता है तो नौकरी में परिवर्तन का संकेत है (3H,10H एवं 12H) । 3. यदि तबादला सुखदायी है तो इसमें लग्न की भी संलग्नता होगी। (दशम भाव से चतुर्थ)। 4. यदि तबादला से लोकप्रियता हासिल होती है तो उसमें 4H भी संलग्न होगा (दशम भाव से सप्तम)। 5. यदि तबादला से पदोन्नति होती है तो उसमें 7H भी संलग्न होगा (दशम भाव से दशम)। 6. यदि तबादला से आर्थिक लाभ होता है तो उसमें 2H/11H की भूमिका अनिवार्य है। उदाहरण 1 यह जातक एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में वि विभाग में कार्यरत है। जातक का लग्न कर्क है जो गुरु के नक्षत्र में है। गुरु 3H में 4L शुक्र के साथ बैठे हैं। गुरु 6L एवं 9L है। लग्न पर मंगल की दृष्टि है जो पूर्ण योगकारक (पंचमेश एवं दशमेश) होकर उच्च अवस्था में सप्तम भाव में स्थित है। लग्नेश चंद्रमा द्वादश भाव में स्थित है। सप्तमेश एवं दशमेश का राशि परिवर्तन है। साथ ही अनेक महत्वपूर्ण योग इस कुंडली में विद्यमान हैं।