आता है बार-बार गुस्सा तो करें ये उपाय
बदलती लाइफ स्टाइल में युवाओं में ओबेसिटी, स्ट्रेस, एंग्जाइटी के साथ साथ गुस्से की प्रॉब्लम भी बढ़ रही हैं। गुस्सा मानसिक, शारीरिक और सोशल लाइफ खराब करने के साथ-साथ दिल का दौरा सहित कई बीमारियाें का खतरा बढ़ाता है। इसके अलावा पेट में अल्सर, गैस्ट्रिक प्राब्लम हो सकती है। वहीं, गुस्से की वजह से दिमाग की खून की नलियों में खून का बहाव तेज होने से ये सिकुड़ जाती है। सिकुड़न और तेज बहाव के कारण दिमाग की नसों में इतना दबाव और तनाव पैदा हो जाता है, जिससे सिर दर्द,नर्वस ब्रेक डाउन,हाई ब्लडप्रेशर, ब्रेन हेमरेज, लकवा भी आ सकता है। ज्यादा गुस्से करने से बॉडी में दर्द और डाइजेशन सिस्टम खराब हो जाता है। लगातार गुस्से में रहने पर सरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस तथा फ्रोजन शोल्डर तक हा़े जाता है।
गुस्से से होने वाली बीमारियां
गुस्सा करने से दिल और दिमाग खतरनाक अवस्था तक दुष्प्रभावित होते हैं। दिमाग में खून की नलियां सिकुड़ने से हाई ब्लड प्रेशर के कारण दिल पर दबाव बढ़ जाता है। यह दिल की मांसपेशियां, नर्वस, ब्लड़ वेन्स को डैमेज करते हुए दिल के फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। गुस्से की वजह से लार का स्त्राव कम होने से मुंह सूखने लगता है। मांसपेशियों में खून का दौरा बढ़ने, सिकुड़ने तनाव और दर्द बढ़ने कारण स्किन में ब्लड सर्कुलेशन कम होने लगता है। इससे स्किन ड्राय हो जाती है।
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा गुस्सा
गुस्से की स्थिति में शरीर से एड्रलीन नामक जहरीला टॉक्सिन निकलकर पूरे बॉडी में फैलता हैं। इससे कई बीमारियां पैदा होती है। पुरुष अक्सर गुस्सा शेयर नहीं करते हैं, ऐसे में उन्हें सोशल, मेंटल, फिजिकल हर तरह की परेशानियां हो जाती है। लंबे समय तक गुस्से में रहने से पुरुषों को दिल का दौरा पड़ जाता है।
महिलाओं में ब्लड सर्कुलेशन की परेशानी
महिलाएं इमोशंस शेयर कर लेती हैं। इससे उनमें 50 प्रतिशत तक गुस्सा कम हो जाता है। गुस्सा वक्त के साथ बीमारी में तब्दील हो जाता है। ऐसे में, महिलाओं को ज्यादा गुस्सा आने पर पेट का ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इससे अल्सर,हाईपरएसिडिटी, सीने व पेट में जलन,आंतों में खून का दौरा कम होना, अल्सर, नींद की कमी और हाथ पैर में दर्द बढ़ जाता है।
गुस्सा आने पर 10 तक गिनती करें
अपने गुस्से या भड़ास को अभिव्यक्त करने से पहले 10 तक गिनती करें। गुस्सा आने पर अपने मूड को बदलने के लिए म्यूजिक सुने, अपने पसंद का काम करे। साइकिक एनर्जी को डायवर्ट करने के लिए गहरी लंबे सांस भरें। इससे मन शांत होगा और गुस्सा नहीं आएगा। नियमित मेडिटेशन करने से दिमाग शांत रहता है और शरीर स्वस्थ रहेगा।