HomeOther Articlesशिव ताण्डव स्तोत्रम् Jun. 13, 2025 at 11:42 amOther Articlesशिव ताण्डव स्तोत्रम्Junior EditorJune 13, 20259viewsजटा-अटवी-गलत्-जल-प्रवाह-पावित-स्थले गले-अवलम्ब्य लम्बितां भुजंग-तुङ्ग-मालिकाम् डमड्-डमड्-डमड्-डमत्-निनाद-वड्डमर्वयं चकार चण्ड-ताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥ जटा-कटाह-सम्भ्रम-भ्रमत्-निलिम्प-निर्झरी विलोल-वीचि-वल्लरी-विराजमान-मूर्धनि धगत्-धगत्-धगज्ज्वलत्-ललाट-पट्ट-पावके किशोर-चन्द्र-शेखरे रतिः प्रति-क्षणं मम ॥२ धरा-धर-इन्द्र-नन्दिनी-विलास-बन्धु-बन्धुर स्फुरत्-दिग्-अन्त-सन्तति-प्रमोद-मान-मानसे कृपा-कटाक्ष-धोरणी-निरुद्ध-दुर्धर-आपदि क्वचित्-दिगम्बरे मनो विनोदम्-एतु वस्तुनि ॥३॥ जटा-भुजङ्ग-पिङ्गल-स्फुरत्-फणा-मणि-प्रभा कदम्ब-कुङ्कुम-द्रव-प्रलिप्त-दिक्-वधू-मुखे मद-अन्ध-सिन्धुर-स्फुरत्-त्वक्-उत्तरीय-मेदुरे मनो विनोदम्-अद्भुतं बिभर्तु भूत-भर्तरि ॥४॥ सहस्र-लोचन-प्रभृति-अशेष-लेख-शेखरः प्रसून-धूलि-धोरणी विधूसर-अङ्घ्रि-पीठ-भूः भुजंग-राज-मालया निबद्ध-जाट-जूटकः श्रियै चिराय जायतां चकोर-बन्धु-शेखरः ॥५॥ ललाट-चत्वर-ज्वलत्-धनञ्जय-स्फुलिङ्ग-भा निपीत-पञ्च-सायकं नमत्-निलिम्प-नायकम् सुधा-मयूख-लेखया विराजमान-शेखरं महा-कपालि-सम्पद्-शिरो-जटालम्-अस्तु नः ॥६॥ कराल-भाल-पट्टिका-धगत्-धगत्-धगज्ज्वलत् धनञ्जय-आहुति-कृत-प्रचण्ड-पञ्च-सायके धरा-धर-इन्द्र-नन्दिनी-कुच-अग्र-चित्र-पत्रक प्रकल्पन-एक-शिल्पिनि त्रि-लोचने रतिः-मम ॥७॥ नवीन-मेघ-मण्डली निरुद्ध-दुर्धर-स्फुरत् कुहू-निशीथिनी-तमः प्रबन्ध-बद्ध-कन्धरः निलिम्प-निर्झरी-धरः-तनोतु कृत्ति-सिन्धुरः कला-निधान-बन्धुरः श्रियं जगत्-धुरंधरः ॥८॥ प्रफुल्ल-नील-पङ्कज-प्रपञ्च-कालिम-प्रभा वलम्बि-कण्ठ-कन्दली-रुचि-प्रबद्ध-कन्धरम् स्मर-च्छिदं पुर-च्छिदं भव-च्छिदं मख-च्छिदं गज-च्छिदम्-अन्धक-च्छिदं तम्-अन्तक-च्छिदं भजे ॥९॥ अखर्व-सर्व-मङ्गला-कला-कदम्ब-मञ्जरी रस-प्रवाह-माधुरी-विजृम्भणा-मधुव्रतम् स्मर-अन्तकं पुर-अन्तकं भव-अन्तकं मख-अन्तकं गज-अन्तक-अन्धक-अन्तकं तम्-अन्तक-अन्तकं भजे ॥१०॥ जयत्-त्वत्-अभ्र-विभ्रम-भ्रमत्-भुजङ्ग-मश्वसद् विनिर्गमत्-क्रम-स्फुरत्-कराल-भाल-हव्यवाट् धिमि-द्धिमि-ध्वनन्-मृदङ्ग-तुङ्ग-मङ्गल-ध्वनि-क्रम प्रवर्तित-प्रचण्ड-ताण्डवः शिवः ॥११॥ दृषद्-विचित्र-तल्पयोः-भुजङ्ग-मौक्तिक-स्रजोः गरिष्ठ-रत्न-लोष्ठयोः सुहृत्-विपक्ष-पक्षयोः तृण-अरविन्द-चक्षुषोः प्रजा-मही-महेन्द्रयोः सम-प्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजामि-अहम् ॥१२॥ कदा निलिम्प-निर्झरी-निकुञ्ज-कोटरे वसन् विमुक्त-दुर्मतिः सदा शिरः-स्थ-मञ्जलिं वहन् विलोल-लोल-लोचनो ललाम-भाल-लग्नकः शिव-इति मन्त्रम्-उच्चरन् कदा सुखी भवामि-अहम् ॥१३॥ इमं हि नित्यम्-एव-मुक्तम्-उत्तमोत्तमं स्तवं पठन्-स्मरन्-ब्रुवन्-नरः विशुद्धिम्-एति-संततम् हरे गुरौ सु-भक्तिम्-आशु याति न-अन्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सु-शङ्करस्य चिन्तनम् ॥१४॥ पूजा-अवसान-समये दश-वक्त्र-गीतं यः-शम्भु-पूजन-परं पठति प्रदोषे तस्य स्थिरां रथ-गज-इन्द्र-तुरङ्ग-युक्तां लक्ष्मीं सदैव सु-मुखीं प्रददाति शम्भुः ॥१५॥ इमम्-हि-नित्यम्-एव-मुक्त-उत्तमोत्तमम्-स्तवम् पठन्-स्मरन्-ब्रुवन्-नरः-विशुद्धिम्-एति-संततम् हरे-गुरौ-सुभक्तिम्-आशु-याति-न-अन्यथा-गतिम् विमोहनम्-हि-देहिनाम्-सुशङ्करस्य-चिन्तनम् ॥१६॥ पूजा-अवसान-समये-दशवक्त्र-गीतम् यः-शम्भु-पूजन-परम्-पठति-प्रदोषे तस्य-स्थिराम्-रथ-गज-इन्द्र-तुरङ्ग-युक्ताम् लक्ष्मीम्-सदैव-सुमुखीम्-प्रददाति-शम्भुः ॥१७ ॥ ALSO READ श्री शिवाष्टक Tags :#DivineDance#futureforyou.co#HarHarMahadev#LordShiva#Nataraj#RudraTandav#ShivaBhajan#ShivaDevotee#ShivaVibes#ShivTandav#ShivTandavStotram#TandavDance#तांडव#नटराज#रुद्रतांडव#शिवआराधना#शिवतांडव#शिवताण्डवस्तोत्रम्#शिवभक्त#शिवभजन#शिवशक्ति#शिवस्तुति#हरहरमहादेवAmleshwar Mahakal DhamastroshrineBholenathjyotish samadhanjyotish samadhan raipurMahadevShri Mahakal DhamShri Mahakal Dham Amleshwarभोलेनाथमहादेवशिव ताण्डव स्तोत्रम्Junior Editorview all postsश्रीअमलेश्वर वीर-स्तवः श्रीशिवरक्षास्तोत्रम्You Might Also LikeOther Articlesसम्राट अशोक महान और महाकाल की कथाJunior EditorJune 27, 2025Other Articles“सर्पशाप और महाकाल: कलचुरी वंश की खोई संतानेंJunior EditorJune 27, 2025Other Articlesमहाकाल और कलचुरी राजकुमार रुद्रसेन की कथाJunior EditorJune 27, 2025June 27, 2025Other Articlesमहाकाल कृपा की तीन कथाएंJunior EditorJune 27, 2025Other Articlesमहाकाल धाम और व्यापारी रुद्रवर्धन की कथाJunior EditorJune 27, 2025Other Articlesअमलेश्वर वट-ग्वाल कथाJunior EditorJune 27, 2025June 27, 2025