कष्ट का कारण हितों से समझौता या अन्याय का साथ-
जब भी कोई व्यक्ति या व्यवस्था न्यूनतम न्याय की अवहेलना कर निरंकुश होता है, तब-तब विनाश निश्चित होता है। जो लोग भी मूल्यों से परे जाकर सामान्य हित के खिलाफ होकर स्व हित का निर्णय लेते हैं तो उसे दण्ड भोगना पड़ता है। आपको चाहने वाले तब तक आपके साथ रहेंगे जब तक आप अपनी मर्यादाओं के अनुशासन पर खरे उतरते रहेंगे, अन्यथा पतन निश्चित होगा...। मतलब बहुत साफ है जो भी लक्ष्मण रेखा के अंदर रहेगा, वही सुरक्षित रहेगा। शनि साथ ही गुरू उंचे मानदंडों का पुनस्र्थापन कर रहे...