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रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - रिष्तों का सुख और ज्योतिषीय कारण - प्रेम एक ऐसी भावना है जो मनुष्य तो मनुष्य, मूक पशुओं तक से रिश्ता जोड़ देती है। रिश्ते भी कई प्रकार के होते हैं। इनमें सबसे बड़ा रिश्ता है परिवार का जो आपको कई-कई रिश्तों में बांध देता है। कुछ रिश्ते केवल कामकाजी होते हैं, और कुछ ऐसे कि जिनका कोई नाम नहीं होता पर वे नामधारी रिश्तों से ज्यादा पक्के होते हैं। रिश्ते बड़े नाजुक होते हैं इन्हें प्यार, सामंजस्य और समझदारी से निभाने की...
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बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण   बच्चों में लक्ष्य से भटकाव - ज्योतिष कारण और निवारण - आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं का सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो...
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मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - मर्यादा रेखा का अतिक्रमण-जीवन में तबाही की वजह - जीवन को समृद्धशाली एवं सुखहाल बनाने के लिए व्यक्ति को सुशील, सदाचारी एवं संस्कावान होना आवश्यक है, यही वह कारण हैं जिनके द्वारा आत्मविश्वास एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। जब भी किसी कर्म की शुरूआत दृढ़ निष्चय और सकारात्मक उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए होती है तो सबसे पहले वह समय सीमा का निर्धारण कर अपने समय का अधिक से अधिक लाभ उठाता है। व्यक्तिगत एवं सामाजिक व्यवहार में...
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रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न धारण से पायें पीड़ा से मुक्ति- रत्न विषय एक वैज्ञानिक विषय है जो तथ्यों पर आधारित है। रत्न धारण का संबंध ग्रह, राशि तथा अन्य तथ्यों से होता है। प्राचीन काल से रोगों के उपचार हेतु रत्नों का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता रहा है। रत्नों में चुम्बकीय शक्ति होती है जिससे वह ग्रहों की रश्मियों एवं उर्जा को अवशोषित कर लेती है जिस ग्रह विशेष का रत्न धारण करते हैं उस ग्रह की पीड़ा से बचाव होता है और सकारात्मक...
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क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं क्या आप रात भर करवट बदलते रहते हैं- अनिद्रा आधुनिक बीमारी है। व्यस्तता और तनाव के कारण अनिद्रा आती है, कई बार नींद की गोली खानी पड़ती है। शरीर का संचालन मस्तिष्क करता है। हमारे विचार, भाव, कर्म आदि को स्नायु संस्थान संचालित करते है। मस्तिष्क, फेफड़ा एवं पेट ठीक हो तो यह बीमारी नही होती। कुण्डली में निम्न ग्रहों के संयोग से यह रोग उत्पन्न होता है - 1. सूर्य, मंगल लग्न में हो तथा पापी ग्रहों से दृष्ट हो। 2....
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सहज सेवा धर्म- सहज सेवा धर्म- सहज सेवा से ईष्वर को प्रसन्न किया जा सकता है और कुंडली के ग्रह दोषों को दूर किया जाना संभव है, जैसे कि शबरी के झूठे बेर खाकर राम प्रसन्न हो गए थे। सहज सेवा धर्म आपके नित्यचर्या में सहजता के साथ करने से ग्रहीय दोषों का समाधान दे सकता है। वह सहज समाधान समोसे के साथ हरी चटनी या दोसा या आईसक्रीम भी आपके ग्रह से संबंधित दोषों की निवृत्ति करने में कारगर उपाय बन सकती है। यदि किसी की कुंडली में बुध...
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बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन-   बाल मृत्यु का ज्योतिषीय विवेचन- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो बाल मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक है। देश में हर वर्ष 13 लाख 59 हजार बच्चे पांच वर्ष की उम्र पूरा करने से पहले ही मौत का शिकार बन जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पांच साल की उम्र के बच्चों में 43 फीसदी अंडरवेट होते हैं। यानी कहा जा सकता है कि दुनिया के सर्वाधिक कुपोषित बच्चे भारत में रहते हैं। बानगी...
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प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- प्रेम विवाह आपकी कुंडली में- सृष्टि के आरंभ से ही नर और नारी में परस्पर आकर्षण विद्यमान रहा है, जिसे प्राचीन काल में गंर्धव विवाह के रूप में मान्यता प्राप्त थी। आज के आधुनिक काल में इसे ही प्रेम विवाह का रूप माना जा सकता है। सामाजिकता का हवाला दिया जाकर विरोध के बावजूद आज भी यह परंपरा अपारंपरिक तौर पर मौजूद है। अतः इसका ज्योतिषीय कारण देखा जाना उचित प्रतीत होता है। जन्मांग में प्रेम विवाह संबंधी संभावनाओं का विष्लेषण करते समय सर्वप्रथम पंचमभाव...
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