गुरु पूर्णिमा व्रत विधि (Guru Purnima Vrat Vidhi)
इस दिन सुबह उठकर घर साफ करने के बाद अपने गुरु की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर पूजा करनी चाहिए। मन में शुकदेव जी, गुरु व्यास, बृहस्पतिदेव आदि का ध्यान करना चाहिए। इस दिन सिर्फ गुरु या शिक्षक ही नहीं बल्कि जीवन में जिसे भी गुरु मानते हो उसकी पूजा करनी चाहिए।कोशिश करनी चाहिए कि इस दिन किसी पवित्र नदी में नहाया जा सके। साथ ही इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
Guru Purnima Vrat Katha:
गुरु का संपूर्ण जीवन हमें बहुमूल्य ज्ञान देने में ही गुजरता है। गुरु अपने हर शिष्य से स्नेह और लगाव रखते हैं। गुरु पूर्णिमा गुरु के इसी आशीर्वाद, प्रेम और त्याग को समर्पित है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की अराधना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में गुरुकुलों में जब विद्यार्थी निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करते तो गुरु पूर्णिमा के दिन ही वे श्रद्धाभाव से गुरु को दक्षिणा देते थे। इसके बाद शिष्य अपने गुरु की आराधना करते थे। ऐसा करने के बाद ही शिष्यों को धर्म ग्रन्थों, वेदों, शास्त्रों तथा अन्य विद्याओं की जानकारी दी जाती थी। कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु के पास जाकर उन्हें वस्त्र, फल-फूल और माला अर्पण करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन गुरु से मिलने वाला आशीर्वाद शिष्य को अमूल्य ज्ञान प्रदान करता है।
गुरु पूर्णिमा 2019
16 जुलाई
गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 01:48 बजे (16 जुलाई 2019) से
गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त – 03:07 बजे (17 जुलाई 2019) तक