क्या आप पितृ दोष और काल सर्प दोष से परेशान हैं? छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी पर करें ये उपाय
क्या आप पितृ दोष और काल सर्प दोष से परेशान हैं ? छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी पर करें ये उपाय
इन दिनों सावन का पावन महीना चल रहा है। भगवान शंकर को समर्पित इस महीने में कई व्रत त्योहार आते हैं। उन्हीं में एक नाग पंचमी का पर्व भी है, जिसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने पर जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। वहीं शास्त्रों की मुताबिक अगर इस दिन कुछ उपाय किया जाता है, तो पितृ और काल सर्प दोष से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
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कई दोषों से मिलेगी मुक्ति
मान्यता है कि, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि कई तरह के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। खासतौर से जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए नाग पंचमी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कहते है, काल सर्प दोष से पीड़ित लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है।
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क्यों खास है नाग पंचमी का दिन ?
शास्त्रों बताया गया है कि नाग पंचमी के दिन दोषों से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही शुभ और लाभकारी होता है। विशेष रुप से पितृ और काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए। शास्त्रों में इस दोषों से छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी पर किए जाने वाले कुछ उपाय के बारे में बताया गया है। आइए उन सरल उपायों के बारे में जानते हैं।
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पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति
- नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग या कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नाग देव की पूजा करने से व्यक्ति को भविष्य में सर्पदंश का सामना नहीं करना पड़ता। कालसर्प दोष व्यक्ति इस दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ कर इससे मुक्ति पा सकते हैं। जबकि, पितृदोष निवारण के लिए व्यक्ति को नागपंचमी के दिन विशेष पूजा करनी होती है।
- नाग पंचमी के दिन आप तिल के तेल का दीया जरूर जलाएं। ऐसा कहा जाता है कि तिल का संबंध पितरों से होता है और भोजन पितरों तक पहुंचाने में तिल की बड़ी भूमिका होती है। इसके बिना पितरों को दिया गया कोई भी दान अधूरा माना गया है।
- कहा जाता है कि, तिल से पितृ प्रसन्न होते हैं और जब पितृ प्रसन्न होते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली परेशानियां आपसे दूर रहती है। पितृ आप पर कृपा बरसाते हैं। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आपको तिल का दान या तिल के तेल का दीया जलाने से इससे मुक्ति पाई जा सकती है।
- कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव को चंदन चढ़ाना बहुत शुभ होता है। भोलेनाथ को चंदन चढ़ाने के बाद खुद को चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही इस दिन सुबह और शाम दोनों समय घर में कपूर जलाएं और श्रीमद्भागवत पुराण और श्री हरिवंश पुराण का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ दोष से राहत मिलती है।
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नाग पंचमी के दिन करे यह उपाय
- अगर आपकी कुंडली में भी कालसर्प दोष है तो आप खास उपाय में से एक नागपंचमी के दिन करें। इसमें चांदी के नाग—नागिन का जोड़ा बनवाएं और उसका पूजन करें या आप नाग—नागिन के जोड़े को कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित कर सकते है ऐसा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव काफी कम होता है।
- कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए और राहु केतु का प्रभाव कम करने के लिए नाग पंचमी के दिन किसी नाग मंदिर में जाकर दूध से अभिषेक करें. फिर शिव मंदिर में जाकर षोडशोपचार विधि से पूजा आराधना करे. इसके साथ ही छोटा-छोटा चांदी का नौ सर्प बनाकर काले कपड़े में रखकर प्रतिष्ठा करें. उसके बाद षोडशोपचार विधि से पूजा करें.
- ताम्बे का नाग बनवा लें. किसी शंकर भगवान का मंदिर जाकर जब कोई देखे ना तब वहां रख दे. ऐसा करते है. काल सर्प दोष से छुटकारा मिल जायेगा. राहु केतु का प्रभाव भी कम हो जाएगा.
- अगर आपकी कुंडली में काल सर्प दोष प्रभावी है तो आप नाग पंचमी के दिन अष्ट नागों की पूजा करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि नाग देवता की पूजा करने से पहले भगवान शिव की उपासना जरूर करें।भगवान शिव के गले में नाग देवता विराजमान हैं जो कि शिवजी को बहुत प्रिय हैं वह आपकी परेशानियों का हल करते है।
- कालसर्प निवारण के लिए दूसरे उपाय में से नागपंचमी पर आप घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से नाग की आकृति बनाएं और उसका विधि—विधान से पूजन करें। कहते है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से कालसर्प दोष दूर होता है और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने लगता है।