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“श्री महाधन धाम अमलेश्वर : पुण्य का जबरदस्त अवसर, आस्था और अनुष्ठान का अखंड धाम”

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“श्री महाधन धाम अमलेश्वर : पुण्य का जबरदस्त अवसर, आस्था और अनुष्ठान का अखंड धाम”

“21 वर्षों से पितृ शांति, महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक का दिव्य केंद्र — अब QR कोड और रिव्यू अभियान से जुड़ें और पाएँ विशेष आशीर्वाद”

अमलेश्वर (छत्तीसगढ़), विशेष संवाददाता।
खरुन नदी के पावन तट पर स्थित श्री महाधन धाम अमलेश्वर पिछले 21 वर्षों से आस्था और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहाँ न केवल भगवान अमलेश्वर महाकाल के दर्शन-पूजन से भक्तों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि अज्ञात पितरों का श्राद्ध, कालसर्प शांति, महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, मूल शांति, तुलादान सहित सभी प्रमुख वैदिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान विद्वान आचार्यों के मार्गदर्शन में विधिवत सम्पन्न कराए जाते हैं।

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21 वर्षों की अखंड परंपरा

धाम प्रबंधन समिति के अनुसार, बीते दो दशकों से अधिक समय से यह पावन धाम उन श्रद्धालुओं के लिए केंद्र बना है जो अपनी पारिवारिक समस्याओं, पितृ दोष निवारण या समृद्धि की कामना लेकर यहाँ आते हैं। नियमित अभिषेक, रुद्रपाठ और भव्य आरती का आयोजन यहाँ का दैनिक क्रम है।

भक्ति संचय कोष योजना

धाम प्रमुख अनिल जी ने जानकारी दी कि धाम द्वारा हाल ही में “भक्ति संचय कोष” योजना शुरू की गई है। इस योजना में सम्मिलित होने वाले भक्तों को परिवार सहित विशेष अवसरों पर गर्भगृह में श्री महाकाल धाम की निशा-पूजा या ब्रह्ममुहूर्त स्नान-अभिषेक में सीधे भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

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डिजिटल पहल – QR कोड से जुड़े धाम से

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धाम प्रबंधन ने QR कोड जारी किया है। भक्त इसे स्कैन कर सीधे श्री महाधन धाम अमलेश्वर के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ सकते हैं। इस QR कोड को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने और धाम की महिमा का प्रचार-प्रसार करने की अपील भी की गई है।

रिव्यू अभियान से बढ़ेगा धाम का प्रभाव

धाम प्रमुख ने बताया कि—

“जो भी भक्त 11 या उससे अधिक श्री महाकाल धाम के सकारात्मक रिव्यू प्राप्त कर प्रस्तुत करेंगे, उन्हें धाम की ओर से विशेष आशीर्वाद और अवसर प्रदान किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य धाम की महिमा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना है।”

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पर्वों पर विशेष आयोजन

महाशिवरात्रि, सावन सोमवार और कार्तिक मास जैसे पावन अवसरों पर यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक, रुद्रपाठ और विशेष पूजन में शामिल होकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।