मेंटल हेल्थ की वजह से हो सकती है ये बड़ी बीमारी,ये रही इसकी बचाव
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ की वजह से आप किन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं और आप किस तरह इससे बच सकते हैं.हेल्दी लाइफ जीने के लिए हमारा शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना बहुत जरूरी है. शारीरिक समस्याएं दिख या महसूस हो जाती हैं, तो हम इनका इलाज करवा लेते हैं, लेकिन बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ पर बहुत कम ध्यान देते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ भी ये बात कह चुका है कि इस दुनिया में हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोगी होता है. गुस्सा आना, हर समय दिमाग का डिस्टर्ब रहना जैसे लक्षणों को हम ये सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि ये लाइफ का पार्ट है. अधिकतर लोगों को लगता है कि भूलना या फिर माइग्रेन जैसी गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स ही बताती है कि हम बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ के शिकार है।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये हमारी लाइफ का हिस्सा होती है और हर समय इससे हम प्रभावित होते हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ की वजह से आप किन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं और आप किस तरह इससे बच सकते हैं।
इन बीमारियों का बना रहता है खतरा
मेंटल हेल्थ क्या है पहले ये जान लेते हैं. हम क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं और किन कार्यों को करते हैं ये हमारा दिमाग तय करता है. हमारा दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है, तो ये तय है कि मेंटल हेल्थ बिगड़ी हुई है. जानें ऐसे में कौन सी बीमारियां या हेल्थ प्रॉब्लम्स हमें हो सकते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम
CDC के अनुसार हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण होता हैं। उदाहरण के लिए, अवसाद कई प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है, विशेष रूप से लंबे समय तक चलने वाली स्थिति जैसे मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक। इसी तरह ही क्रोनिक बीमारियों की उपस्थिति मानसिक बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकती है।
हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित विश्व स्वास्थय संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है। इसमें एंग्जाइटी और डिप्रेशन डिसऑर्डर सबसे आम हैं। कई लोगों के पास इसके उपचार के लिए कोई बेहतर साधन होता ही नहीं है। जिसके कारण इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। हमे बहुत से कारणों की वजह से मानसिक बीमारी हो सकती है।
जैसे
1. उतार चढ़ाव से भरा बचपन, बाल शोषण, यौन हमला, हिंसा देखना, आदि।
2. कैंसर या मधुमेह
3. मस्तिष्क में जैविक कारक या रासायनिक असंतुलन
4. शराब या नशीली दवाओं का प्रयोग
5.अकेलेपन या अलगाव की भावना होना।