Other Articlesधार्मिक स्थान

अमरनाथ: श्रद्धा और रोमांच की यात्रा

204views
 पहाड़, नदी, झरने, सफेद चमकती बर्फ, खूबसूरत घाटियां और बर्फ से जमी हुई नदियों से गुजरना। इतना ही काफी है अमरनाथ के सफर को बयां करने के लिए। हालांकि इस साल यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन फिलहाल बंद हो चुका है लेकिन जिन्होंने पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है उनकी यात्रा को बेहतर बनाने के लिए खास जानकारी दे रहे हैं।
कुल यात्रा: 30 किलोमीटर
तापमान: जबर्दस्त बर्फीली ठंड के साथ तापमान -5 डिग्री तक नीचे गिर सकता है। मौसम यहां पर जल्दी-जल्दी बदलता रहता है। धूप भी तेज चुभने वाली निकलती है।
पवित्र गुफा की समुद्रतल से ऊंचाई : 13,000 फुट।

प्रैक्टिस: यात्रा से कम से कम 10 दिन पहले रोजाना 5 किलोमीटर तेज चलने की प्रैक्टिस करें। इससे यात्रा के दौरान थकान भी कम होगी और शरीर में दर्द की शिकायत भी नहीं होगी।जूते: बेहद ऊबड़-खाबड़ रास्तों के लिए हंटर शूज या फिर किसी अच्छे ब्रैंड के ट्रैकिंग शूज का ही चयन करें। शूज वॉटरप्रूफ हों। नॉर्मल शूज आपकी परेशानियों को कई गुना बढ़ा सकते हैं। स्लीपर या चप्पल का उपयोग बिल्कुल न करें।
कपड़े: अच्छी क्वॉलिटी के गर्म कपड़े, रेनकोट, छोटा छाता, वूलन मोजे (2-3 जोड़ी), दास्ताने और एक टॉर्च अपने साथ जरूर रखें। महिलाएं और लड़कियां साड़ी पहनकर यात्रा पर न जाएं। महिलाएं सलवार कमीज, पैंट-शर्ट या फिर ट्रैक सूट पहन सकती हैं।
मास्क: धूल से बचने के लिए एक मास्क भी साथ लेकर जाएं। हालांकि वहां पर भी मास्क मिल जाते हैं लेकिन उनकी क्वॉलिटी बहुत अच्छी नहीं होती हैं।
फोन सिम: अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने चार दिन के लिए प्रीपेड सिम कार्ड दिलाने की व्यवस्था की है। रजिस्ट्रेशन की पर्ची दिखाए बगैर सिम कार्ड नहीं मिल सकता है। यात्रा के दौरान बीएसएनएल प्रोस्टपेड कॉर्ड ही चलता है। सलाह है कि वहां पर सिम कार्ड खरीदने के भरोसे न रहें और बीएसएनएल का प्रोस्टपेड सिम कार्ड लेकर जाएं। कभी-कभी वहां का सिमकार्ड एक्टिवेट होने में कई दिन लग जाते हैं और आप अपने परिजनों से बात नहीं कर पाते।
कोल्ड क्रीम, वैसलीन: हमारी स्किन एकदम से बदलते मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पाती, इसलिए जो लोग क्रीम आदि इस्तेमाल नहीं भी करते हैं उन्हें भी यहां पर इस्तेमाल करना चाहिए।
मेडिकल: अपने साथ बैग में ग्लूकोज, डिस्प्रिन, ईनो जैसे मेडिसिन जरूर साथ रखें। तबीयत खराब होने पर वहां के डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
एक्स्ट्रा मोबाइल बैटरी: यात्रा के आधे रास्ते में ही मोबाइल बैट्री खत्म होना आम बात है। एक एक्स्ट्रा मोबाइल बैट्री रखें तो बेहतर है।

कैसे पहुंचें :
प्लेन: प्लेन से श्रीनगर पहुंच कर आगे का रास्ता बस से ही तय करना पड़ता है।
ट्रेन: दिल्ली से जम्मू के लिए कई ट्रेनें हैं। इससे आगे का सफर सड़क के जरिए ही तय होगा।
सड़क: सरकारी और प्राइवेट बसों, टैक्सी और कई बड़ी कारों के जरिए आप पहलगांव और बालटाल का सफर पूरा कर सकते हैं।
* सुरक्षा के लिहाज से इस बार आने और जाने का रास्ता तय कर दिया गया है। अगर अपने वाहन से जा रहे हैं तो शॉर्टकट के लिए भीतरी इलाकों की तरफ रुख न करें।

जम्मू से पहलगांव – 315 किमी
जम्मू से बालटाल – 400 किमी
हेलिकॉप्टर सेवा:
अगर हेलिकॉप्टर सेवा ले रहे हैं तो अडवांस बुकिंग करा लें। बुकिंग में दिन और वक्त मिल जाता है, हालांकि ज्यादा श्रद्धालु होने की वजह से लोगों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।
हेलिकॉप्टर से एक तरफ का चार्ज :
बालटाल –
पंचतरणी: 1500 रुपये प्रति व्यक्ति
पहलगांव –
पंचतरणी : 2400 रुपये प्रति व्यक्ति
रास्ता नंबर 1
पहलगांव -16किमी – चंदनबाड़ी (यात्रा शुरू) – 3 किमी – िपस्सुटॉप–9 किमी – शेषनाग -12 किमी – पंचतरणी – 6किमी – पवित्र गुफा
रास्ता नंबर 2
बालटाल (यात्रा शुरू) – 2 किमी – डोमेन – 5 किमी – बरारी मार्ग – 4 किमी – संगम – 3 किमी – पवित्र गुफा
जम्मू-श्रीनगर के आसपास टूरिस्ट प्लेस :
डल झील
नगीना झील
शंकराचार्य मंदिर
मुगल गार्डन
रघुनाथ मंदिर
महादेव मंदिर
अमरनाथ में ऊंचाई पर यात्रा और मुश्किल रास्तों पर चल रहे यात्रियों की डाइट में न्यूट्रिशन को ध्यान में रखते हुए इस बार फूड मेन्यू संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस मेन्यू को सभी भंडारे शिविरों में सख्ती से लागू किया गया है।
ALSO READ  क्या होता हैं मांगलिक दोष ?