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26 दिसंबर को “कंकड़ा कृति सूर्य ग्रहण” साल का अंतिम सूर्य ग्रहण (पंचांग एवं ग्रहण का राशियों पर प्रभाव)

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  • दिनांक 26.12.2019 का पंचाग
  • शुभ संवत 2076 शक 1941 …
  • सूर्य दक्षिणायन का …पौष मास कृष्ण पक्ष – अमावस्या तिथि.. दिन 10 बजकर 43 मिनट तक … गुरूवार … मूल नक्षत्र … दोपहर को 04 बजकर 50 मिनट तक … आज चंद्रमा … धनु राशि में … आज का राहुकाल दोपहर को 01 बजकर 25 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक होगा …

साल 2019 जाने को है और इस साल के अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा। इस ग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी की तरह नजर आयेगा। खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण की घटना अमावस्या के दिन ही घटित होती है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब धरती पर सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलता है। भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 17 मिनट से ये ग्रहण शुरू होगा और इसका समापन 10 बजकर 57 मिनट पर हो जायेगा। इस खण्डग्रास ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 40 मिनट की होगी। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है।

जिस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं साथ ही शुभ कार्यों को करने की भी मनाही होती है। भारत के अलावा इस ग्रहण को मंगोलिया, चीन, रूस, जापान, आस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र, तुर्की, पूर्वी अफ्रीका, पूर्वी अरब, हिंद महासागर, इंडोनेशिया, नेपाल, जापान, कोरिया आदि में देखा जा सकेगा.सूर्य ग्रहण तब होता है, जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रुप से चन्द्रमा द्वारा आवृ्त हो जाए. इस प्रकार के ग्रहण के लिये चन्दमा का प्रथ्वी और सूर्य के बीच आना आवश्यक है. इससे पृ्थ्वी पर रहने वाले लोगों को सूर्य का आवृ्त भाग नहीं दिखाई देता है.

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सूर्यग्रहण होने के लिये निम्न शर्ते पूरी होनी आवश्यक है.

  1. पूर्णिमा या अमावस्या होनी चाहिये.
  2. चन्दमा का रेखांश राहू या केतु के पास होना चाहिये.
  3. चन्द्रमा का अक्षांश शून्य के निकट होना चाहिए.

सूर्य ग्रहण सदैव अमावस्या को ही होता है. जब चन्द क्षीणतम हो और सूर्य पूर्ण क्षमता संपन्न तथा दीप्त हों. चन्द्र और राहू या केतु के रेखांश बहुत निकट होने चाहीए. चन्द्र का अक्षांश लगभग शून्य होना चाहिये और यह तब होगा जब चंद्र रविमार्ग पर या रविमार्ग के निकट हों, सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य और चन्द्र के कोणीय व्यास एक समान होते हे. इस कारण चन्द सूर्य को केवल कुछ मिनट तक ही अपनी छाया में ले पाता है.सूर्य ग्रहण के समय जो क्षेत्र ढक जाता है. उसे पूर्ण छाया क्षेत्र कहते है. चन्द्र छाया की गति 1800 कि. मीटर से 8000 कि. मीटर प्रति घण्टा होती है. परन्तु यह चन्द्र की स्थिति पर निर्भर करती है. इस कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान पर साढे सात मिनट से अधिक नहीं हो सकता है.इस बार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी के आकार का दिखाई देगा। इसे वैज्ञानिकों की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है-

सूर्य ग्रहण और सूतक काल समय

सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण से 12 घंटे पहले 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जायेगा जिसकी समाप्ति 26 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर होगी। सूतक काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 मिनट से शुरू हो जायेगा और इसकी समाप्ति 10.57 पर होगी।

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सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव  –

मेष राशि –

इस ग्रहण से मेष राशि वालो क जीवन में परेशानियां बढ़ेंगी, धोखा मिल सकता है। मेष राशि के जातक ग्रहण के शुभ प्रभाव के लिए तिल, गुड़ का दान करें । ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम: व ॐ घृणि सूर्याय नमः का जाप करें।

वृष राशि –

इस राशि वाले जातक ग्रहण के प्रभाव से शारीरिक कष्ट भोग सकते हैं तथा अपनो से मतभेद हो सकता है। वृष राशि के जातक कंबल व गर्म ऊनी वस्त्र का दान करें । भगवान विष्णु के ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का एवं भगवान सूर्यदेव के ॐ भुवन भास्कराय नमः मन्त्र का अधिक से अधिक जाप करें।

मिथुन राशि –

व्यापार में नुकसान और पति-पत्नी को होगा कष्ट। मिथुन राशि के जातक ग्रहण से लाभ लेने के लिए ग्रहण के पश्चात चींटियों को पंजीरी और गाय को हरा चारा अवश्य ही खिलाएं, फल और हरी सब्जी का दान करें । भगवान श्री कृष्ण के मन्त्र ॐ क्लीं कृष्णायै नम: एवं भगवान सूर्यदेव के ॐ सूर्याय नमः मन्त्र का जाप अवश्य ही करें।

कर्क राशि –

शत्रु होंगे परास्त, करियर में उन्नति। कर्क राशि के जातक ग्रहण के शुभ फलो हेतु घी और गुड़ का दान करें, हनुमान चालीसा का पाठ करे, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र का जाप करें ।

सिंह राशि –

संतान पक्ष से कष्ट, कार्यस्थल पर तनाव। सिंह राशि के जातक ग्रहण से शुभ फलो को प्राप्त करने के लिए गुड और शहद का दान करें, ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधारायै नम: मन्त्र का अधिक से अधिक जाप करें ।

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कन्या राशि –

महिला पक्ष से कष्ट, कर्जों में बढ़ोतरी। कन्या राशि के जातक गुड, तिल और अनाज का दान करें । भगवान श्री हरि के मन्त्र ॐ विष्णवे नमः और ॐ घृणि सूर्याय नमः का जाप करें।

तुला राशि –

मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी, सिर दर्द से परेशान। तुला राशि के जातक ग्रहण से शुभ फलो को प्राप्त करने के लिए गर्म वस्त्र, कम्बल, पुस्तको का दान करे ॐ हं हनुमतये नमः मन्त्र का जाप करें।

वृश्चिक राशि –

निवेश से नुकसान, नए काम की शुरुआत। वृश्चिक राशि के जातको को सफेद तिल, गुड, दूध और गेंहू का दान करना चाहिए । इस राशि के जातक ॐ सूर्याय नमः मन्त्र का जाप करें।

धनु राशि –

सेहत के लिए परेशानी भरा समय। धनु राशि के जातक घी, शहद, तिल, गुड़, का दान करें। धनु राशि के जातक ॐ क्लीं कृष्णायै नम: का जाप करें।

मकर राशि –

खर्चों में बढ़ोतरी होगी। मकर राशि के जातक ऊनी वस्त्र, कंबल, गेहूं, का दान करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें।

कुंभ राशि –

रूके हुए धन की वापसी। कुम्भ राशि के जातक शहद, गुड़, तिल का दान करें । ॐ नीलकंठाय नमः का जाप अवश्य ही करें।

मीन राशि –

परिवार में कलह, मानसिक तनाव में बढ़ोत्तरी। मीन राशि के जातक ग्रहण के शुभ फलो को प्राप्त करने के लिए गुड़, घी और चने की दाल का दान करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र का जाप करें।