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क्यूँ लोग कभी कभी कहते है की मन नहीं लगता

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क्यूँ लोग कभी कभी कहते है की मन नहीं लगता या मन नहीं लग रहा जाने ज्योतिष की नजरिये से
मन नहीं लगता या नहीं लग रहा ये अकसर सुनने में आता है। मन अति चंचल है। कहा जाता है कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। अतः मन किसी व्यक्ति में इतना मायने रखता है। और कई बार मन कुछ भी करने को नहीं करता है। मन की भटकन को रोकने के लिए ज्योतिष कारगर साबित होता है। मन को हम कुंडली के तीसरे स्थान से देखते है। अगर किसी का तीसरा स्थान विपरीत स्थिति में या कू्रर ग्रहों के साथ हो तो ऐसा व्यक्ति मन के अधीन रहने का आदी होता है और अपने जीवन में अनुषासन नहीं रख पाता जिसके कारण सफलता प्राप्ति नहीं होती और परेषान रहता है। वहीं यदि किसी का तीसरा स्थान अनुकूल स्थिति में और सौम्य ग्रह हो या सौम्य ग्रह की दृष्टि हो तो ऐसे लोग हमेषा मन को काबू में रख पाते हैं। अतः यदि आपका मन भी बहुत चंचल हो तो अपने तीसरे स्थान के ग्रहों का विष्लेषण कराकर उस ग्रह की शांति कराना चाहिए साथ ही तीसरे स्थान का स्वामी बुध होता है अतः बुद्धि को साकारात्मक रखने एवं लगातार क्रियाषील रहने के लिए बुध से संबधित मंत्रजाप, दान करना भी मन को रूकने में सफल हो सकता है।
Pt.P.S.Tripathi
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