Other Articles

रक्षाबंधन पर दोपहर तक भद्रा का साया,जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

15views

रक्षाबंधन पर दोपहर तक भद्रा का साया,जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों में पड़ा है. रक्षाबंधन के दिन सावन सोमवार है और श्रावण पूर्णिमा भी है. रक्षाबंधन पर ये दो महत्वपूर्ण व्रत हैं. इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया है. वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में रक्षाबंधन मनाते हैं, उसमें भी खासकर भद्रा का साया न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हैं. राखी बांधने के लिए भद्रा रहित शुभ मुहूर्त का विचार करना उत्तम रहता है. भद्रा अशुभ है, उस समय में आप जो काम करते हैं, उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार,राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद से लेकर रात्रि 09 बजकर 07 तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इस दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, जिसके चलते इस दौरान (Raksha Bandhan 2024) राखी बांधने की मनाही है।

ALSO READ  कुंडली में कैसे बनता है कर्ज योग, कैसे मिलेगी मुक्ति

राखी बांधने के समय इस दिशा की ओर रखे मुंह

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, भाई को राखी बांधते समय बहन को दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से भाई और बहन दोनों को ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए ध्यान रखें कि, राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर. ये दोनों की दिशा भाई-बहन के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं.

भाई के इस हाथ में राखी बांधना होगा शुभ

ज्योतिष के अनुसार, भाई को हमेशा दाहिने हाथ में राखी बांधना चाहिए. बता दें कि, दाहिने हाथ को कर्मों से जोड़ा जाता है. इसलिए इस हाथ में राखी बांधना शुभ माना गया है. इसलिए भाई के माथे पर उत्तर दिशा में मुख करके तिलक, चंदन, रोली, अक्षत लगाने के बाद दाएं हाथ में राखी बांध दें.

ALSO READ  श्री महाकाल धाम में पुण्यात्माओं का करें नि:शुल्क तर्पण श्राद्ध कर्म,,,, 

राखी बांधते समय इस मंत्र का करें जाप

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।। इस मंत्र का अर्थ है कि ‘जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधती हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा.

इस विधि से अपने ईष्टदेव को बांधें राखी

  • सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • लाल, पीले या हरे रंग के वस्त्र पहनें।
  • काले रंग से परहेज करें।
  • पूजा कक्ष को पूर्ण रूप से साफ-सुथरा करें।
  • राखी की थाली तैयार करें और उसमें सभी चीजों को रखें।
  • इसके बाद अपने ईष्टदेव को भक्ति के साथ रोली या हल्दी का तिलक लगाएं।
  • उसमें अक्षत जरूर मिलाएं।
  • फिर घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं और आरती उतारें।
  • अंत में अपने ईष्टदेव की प्रतिमा को राखी बांधने हुए उनके मंत्रों का जाप करें।
  • राखी बांधने के बाद अपने ईष्टदेव से आशीर्वाद लें और अच्छे जीवन की कामना करें।
  • राखी बांधने तक उपवास रखें और तामसिक चीजों से परहेज करें।