सम्राट विक्रमादित्य
काल्पनिक कुंडली। विशाल भारत के चक्रवर्ती सम्राट परम प्रतापी विक्रमादित्य की राजधानी उज्जैन थी। विक्रम सम्वत् के संस्थापक विक्रमादित्य अलौकिक शक्ति के धनी थे।यह ग्रंथ वर्तमान में इस्तांबुल शहर के प्रसिद्ध पुस्तकालय मकतब-ए-सुल्तानिया में स्थित है [[1]]। वे क्षत्रिय सम्राट थे इनके पिता का नाम राजा गर्दभिल्ल था। सम्राट विक्रमादित्य ने शको को पराजित किया था। उनके पराक्रम को देखकर ही उन्हें महान सम्राट कहा गया और उनके नाम की उपाधि कुल 14 भारतीय राजाओं को दी गई।
महाराजा युधिष्ठिर
काल्पनिक कुंडली।महाभारत युद्ध के पश्चात् भारत के चक्रवर्ती सम्राट युद्धिष्ठिर, धर्म न्याय व सत्य के पर्याय थे
महाराजा रणजीत सिंह
यह कुंडली हमारे प्राचीन ग्रन्थों से उद्धृत है। इसकी सत्यता की जांच बाकी है। महाराजा रणजीत सिंह एक आंख से काने थे। वे वीरता के प्रतीक थे।
लंकापति रावण
लंकेश रावण भगवान श्रीराम के समकालीन थे। इसलिए उनकी कुंडली के बहुत से ग्रह श्रीराम की कुडली से मिलते हैं। लंकापति रावण की तारीख भी संदिग्ध है।