Dharma Remedy Articlesउपाय लेखधर्म उपाय लेख

जानें,हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे…

146views

जानें हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे ?

श्री हनुमान जी से बड़ा कोई भी भक्त इस संसार मे नही है हनुमान चालीसा का पाठ करना सभी के लिए अत्यधिक लाभ देने वाला होता है इसका संबंध सिर्फ आपकी आस्था और धर्म से नही बल्कि आपकी शारीरिक और मानसिक समस्याओं को खत्म करने के लिए यह बेहद प्रभावशाली है । हनुमान चालीसा का पाठ करने से आप हर प्रकार की शारीरिक समस्याओं, रोगों, एवँ बाधाओं से मुक्ति पा सकते है। हनुमान चालीस से होने वाले फायदों का विवरण कुछ इस प्रकार है

हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे अच्छा समय क्या है? मान्यता अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है। वहीं सुबह पाठ करने से पहले नित्यक्रिया आदि करके स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। जबकि आप इसे शाम को पढ़ना चाहते हैं तो कोशिश करने कि कपड़े स्वच्छ पहन लें, यदि संभव नहीं तो कम से कम अपने हाथ और पैर अच्छी तरह धो लें। मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो भगवान हनुमान आपकी सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए आते हैं। इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे: अगर आप बुरे सपने देखते हैं, बुरी आत्माओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए फायदेमंद है। भगवान हनुमान उन बुराइयों और आत्माओं से छुटकारा पाने में मदद करते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। भगवान हनुमान आपके रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में आपकी मदद करते हैं। जबकि प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करने से तनाव दूर होता है।

यह आपको दिन भर खुश रहने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी यात्रा पर जाने से पहले यदि कोई भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो हनुमान जी किसी भी होने वाली दुर्घटना से भक्त की रक्षा करते हैं और सुरक्षित यात्रा का आशीर्वाद देते हैं। पूरी भक्ति के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। जबकि बहुत से लोग जो अपनी कुंडली में शनि या शनि की स्थिति के कारण पीड़ित हैं, उन्हें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शनि भगवान हनुमान से डरते हैं और हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से लोगों की पीड़ा कम होती है। अपने घर में प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके घर से हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है। यह परिवार में विवादों को रोकता है और सुख और शांति बनाए रखने में मदद करता है। अंजनी पुत्र श्री हनुमान जी पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत प्रमुख माना जाता है।

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे:

  • अगर आप बुरे सपने देखने वाले व्यक्ति हैं, बुरी आत्माओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए फायदेमंद है। प्रभु हनुमान उन बुराइयों औ
  • प्रभु हनुमान आपके रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं और आप आगे एक सहज जीवन जीने में सक्षम होंगे।
  • अगर आप सोने के लिए बिस्तर पर जाते हैं लेकिन मन बेचैन रहता है, ठीक से नींद नहीं आती है तो आप नियमित हनुमान चालीसा पाठ करना शुरू कर दीजिए।
    नींद अच्छी तरह नहीं आने का एक बड़ा कारण मानसिक अशांति है। हनुमान चालीसा के पाठ से मानसिक शांति मिलती है और मन में चल रही उधेड़ बुन से मुक्ति मिलती है जिससे व्यक्ति को अच्छी नींद आती है और जीवन में उन्नति का मौका मिलता है।
  • हनुमान जी परम पराक्रमी और महावीर हैं इस बात का उल्लेख रामचरित मानस से लेकर हनुमान चालीसा तक में किया गया है।
    इनके ध्यान से पुरूष बलवान और वीर्यवान होता है। जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं या काफी उपचार के बाद भी जिनका रोग दूर नहीं होता उन्हें नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
    हनुमान चालीसा में लिखा भी गया है” नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।”
  • हनुमान जी की कृपा पाने के लिए छात्रों को नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। छात्र जीवन में चालीसा का पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलती है।
    इसका कारण यह है कि हनुमान जी स्वयं हैं ‘विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।’ जो इनकी भक्ति सहित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उनमें भी हनुमान जी यह गुण भर देते हैं।
  • मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य माना गया है मुक्ति यानी शरीर त्याग के बाद परमधाम में स्थान। हनुमान चालीसा में बताया गया है ‘अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि–भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत् सेई सर्व सुख करई।।
    यानी जो व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है उनकी पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करता है उसके परम धाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है।