नागपंचमी पर इस मंदिर में करें 3 दिनों की विशेष पूजा अनुष्ठान …दूर होगा कालसर्प दोष ?
आमतौर पर कुडली में कई तरह के योग बनते हैं. लेकिन कुंडली में एक ऐसा योग भी होता है, जो होता तो योग हैं, लेकिन इनमें प्रभाव दोष का होता है. ऐसा ही एक योग है कालसर्प योग, जिसे सामान्यत: कालसर्प दोष कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह एक ऐसा योग है, जो आपको कभी संतुष्ट ही नहीं होने देता. यानि अति की स्थिति में आकर नुकसान का कारण बनना शुरू हो जाता है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इससे प्रभावित है, उसे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों तथा उलझनों का सामना करना पड़ता है. कालसर्प दोष का प्रभाव नौकरी, विवाह, संतान, सम्मान, पैसा और भी कई समस्याओं से संबंधित हो सकता हैं. ऐसे में हर कोई जिस पर भी इस योग का प्रभाव होता है वह इससे छुटकारा पाना चाहता है.
15,16 ,17 अगस्त को कालसर्प पूजा के लिए उपर BOOK NOW पर क्लिक करें
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जिसके संबंध में मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही यह दोष दूर हो जाता है. यूं तो कालसर्प दोष निवारण के लिए नासिक का त्रयंबकेश्वर मंदिर सबसे अधिक फेमस है, रायपुर स्थित – अमलेश्वर में भी एक ऐसा मंदिर मौजूद है जिसके संबंध में मान्यता है कि सावन या नागपंचमी के दिन इस मंदिर में दर्शन और पूजा करने से बिना किसी ज्योतिषीय उपाय के भी कालसर्प दोष दूर हो जाता है. आइए जानते हैं कहां है ये मंदिर और क्या है इसकी मान्यता. …
अमलेश्वर स्थित श्री महाकाल धाम
अमलेश्वर में स्थित श्री महाकाल धाम तीर्थ स्थल है. महादेव घाट से 2 किलोमीटर दूर अमलेश्वर पर स्थित है. यह साल 2004 को भगवान शिव स्वयं भू प्रकट हुए थे और साल 2024 को इस स्थान को भव्य मंदिर का आकार दिया गया ,खारुन नदी के किनारे बना श्री महाकाल धाम मंदिर में विगत 20 वर्षों से नारायणबलि ,नागबली ,कालसर्प दोष ,अज्ञात पितृ की शांति ,अर्क विवाह & कुम्भ विवाह ,राहू शांति , शनि शांति इन तरह की सभी कर्मकांडी पूजा कराएं जा रहे है |
कालसर्प दोष ?
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक बताया गया है। जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य होते हैं, तब कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है। काल’ समय को कहते हैं और सर्प का मतलब सांप होता है. यानि सांप ने काल में कुंडली लगा ली है. इससे व्यक्ति के सब कार्य अटक जाते हैं. जीवन में कई दुख और बाधाएं आ जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनकी कुंडली से राहु और केतु अच्छे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अगर काफी कोशिशों के बाद भी संतान का सुख नहीं मिल रहा या संतान की उन्नति नहीं हो रही. आपकी शादी की उम्र हो चुकी है पर शादी नहीं हो रही, वैवाहिक जीवन में तनाव या बार-बार चोट-दुर्घटनाएं हो रही हैं. अगर आप लगातार ऐसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो आपको तुरंत एक बार अपनी कुंडली जरूर दिखा लेनी चाहिए. हो सकता है कि आपकी कुंडली में कालसर्प योग की वजह से ये सारी घटनाएं हो रही हैं.
सावन में विशेष पूजा का होता है आयोजन
पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जी ने बताया है कि अमलेश्वर श्री महाकाल धाम के इस मंदिर में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा किया जाता है. जो 3 दिनों तक चलती है .इसके आलावा नारायण बलि , नागबली , पितृ दोष ,शनि शांति ,अर्क & कुम्भ विवाह इन तरह की सभी कर्मकांडी पूजा कराएं जा रहे है , सावन माह में इस पूजा को करने का ज्यादा महत्व है. आम दिनों में ये पूजा हवन 3 दिन तक करवाया जाता है, आप भी इस पूजा में सामिल होना चाहते है तो इस महीने 15 ,16 ,17 अगस्त 2024 को पूजा में सामिल हो सकते है और अपनी हर दोषों से मुक्ति पाएं , संपर्क करें पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जी से कांटेक्ट नंबर +91 9893363928 ,9753039055