हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य देवी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. इन्हें बुद्धि बल और विवेक का देवता माना जाता है. इसलिए भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं. एक लाल आसन पर बैठें और अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर करें. मान्यता है कि भगवान गणेश जी के मंत्रों का जाप करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं.
भगवान गणपति के मंत्र बच्चों को कैसे लाएंगे सही मार्ग पर-
– शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन सुबह के समय जल्दी उठें और स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें.
– भगवान गणपति की फोटो को पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके रखें. उनके सामने गाय के घी का दिया जलाएं और लाल फल भी रखें.
– एक तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और रुद्राक्ष की माला से ॐ सद्बुद्धि प्रदायै नमः मंत्र का 5 माला जाप करें.
– जाप के बाद भगवान गणपति को लाल फल अर्पण करें और वह जल अपने बच्चों को जरूर पिलाएं.
इन मंत्र को जपने से नौकरी और व्यापार में परेशानी खत्म होगी-
– सुबह के समय स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले कपड़े पहनें.
– भगवान गणपति के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें.
– भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें.
– भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूल भगवान गणपति चढ़ाएं.
– पूजा में तिल के लड्डू गुड़, रोली, मोली, चावल, फूल, तांबे के लोटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रख लें.
– भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर निम्न मंत्र पढ़ें.
” गजाननं भूतगणादि सेवितं ,कपिथ जंबू फलम चारू भक्षणम|
उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम”
– यह मंत्र कम से कम 108 बार जरूर पढ़ें. इससे नौकरी, व्यापार आदि में लाभ जरूर होगा.
रुके हुए धन को प्राप्त करने का महामंत्र-
– भगवान गणपति के पीले रंग की मूर्ति को स्थापित करें.
– हर रोज पीले मोदक चढ़ाएं.
– पीले आसन पर बैठकर ॐ हेरम्बाय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें.
– यह प्रयोग लगातार 27 दिन तक करें.
– रुका हुआ पैसा आपको जरूर प्राप्त होगा.
गणेश जी से पाएं मनचाहा वरदान-
– बुधवार के दिन से 27 हरी दूर्वा की पत्तियां एक कलावे से बांधकर प्रतिदिन गणेश जी को चढ़ाएं और वक्रतुण्डाय हुं मन्त्र का 27 बार जाप करें.
– ऐसा लगातार 27 दिन तक करें मनचाहा वरदान अवश्य मिलेगा और भगवान गणपति के किसी भी स्तोत्र को अवश्य पढ़ें.