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बार-बार भूख लगने का जानिए 12 ये कारण,नई तो हो सकती है ये परेशानी

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    बार-बार भूख लगने का जानिए 12 ये कारण,नई तो हो सकती है ये परेशानी

शानदार नाश्ता करने के आधे घंटे बाद आपको दोबारा भूख लगती है। आप चिप्स खा लेते हैं। फिर कुछ ही मिनटों में फिर से भूख लगती है तो फ्रिज में रखा केक खा लेते हैं। लेकिन ये क्या, आपको फिर कुछ देर में भूख लगने लगी।ऐसा आपके साथ पहली बार नहीं हो रहा है। ये अब हर बार की बात हो चुकी है। आपको फिक्र होती है कि ऐसे में आपका वजन बढ़ जाएगा और होता भी यही है। आप ये सोचते हैं – आपकी इस बार-बार लगने वाली भूख का कारण क्या हो सकता है? और इससे ज्यादा जरूरी बात ये कि आप किस तरह से इस भूख पर नियंत्रण कर सकते हैं।

अगर आपने जिम में अधिक वक्त बिताया हो या अतिरिक्त मील तक दौड़े हों तो बहुत अधिक भूख लगना सामान्य है। अगर आप गर्भवती हैं तो भी जाहिर है आपकी भूख बढ़ जाएगी। इसके अलावा, जब आप किसी बीमारी से उबर रहे होते हैं तब भी आप ज्यादा खाने लगते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा भूख लगना दूसरी बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस समस्या को हाइपरफेजिया या पॉलीफेजिया नाम दिया है। आइये जानते हैं हाइपरफेजिया के कारण क्या क्या हो सकते हैं।

1) तनाव

ध्यान दें कि जब आप तनाव में होते हैं तो क्या तभी आपको खाने की अधिक इच्छा होती है? लगातार तनाव और चिंता अत्यधिक भूख का निश्चित कारण हो सकते हैं। जब हम मस्तिष्क पर दबाव डालते हैं तो कॉर्टिकोट्रोपिन-रिलीज हार्मोन (सीआरएच) और अड्रेनालाइन का निर्माण होने लगता है जो भूख बढ़ा देता है। लेकिन अगर तनाव बना रहता है, तो अड्रेनल ग्लैंड्स हार्मोन कॉर्टिसोल रिलीज करते हैं, जो भूख बढ़ाते हैं। अगर तनाव और अधिक लंबे समय तक बना रहता है तो कॉर्टिसोल अत्यधिक भूख का बड़ा कारण बन सकता है।

2) मेंटल हेल्थ डिसॉर्डर

मेंटल हेल्थ डिसॉर्डर जैसे बायपोलर डिसॉर्डर और मस्तिष्क में केमिकल के असंतुलन से जुड़ा हुआ मैनिक डिप्रेशन, हार्मोनल डेफिशियेंसी और जेनेटिक कारणों से खाना खाने की इच्छा बहुत अधिक बढ़ सकती है। बायपोलर डिसॉर्डर में बहुत सारे मूड स्विंग्स, बहुत अधिक एनर्जी लेवल और इंपल्सिवनेस की समस्या होती है। वहीं दूसरी तरफ डिप्रेशन में अधिक समय तक उदासी, कम एनर्जी लेवल और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है।

3) इटिंग डिसॉर्डर

इटिंग डिसॉर्डर जैसे कि बुलिमिया, अत्यधिक भूख के कारण बनते हैं। बुलिमिया में अनियंत्रित ढंग से खाने की समस्या होती है। आमतौर पर जितना खाते हैं उससे कम। बहुत अधिक खाने की ये अवस्था आगे जाकर उल्टी की शिकायत में भी बदल सकती है। एक और इटिंग डिसॉर्डर लगातार खाते रहने का भी है। ये बचपन से ही शुरू हो जाता है जब बच्चा उदास होकर खाने का रुख करता है।

4) पेट के कीड़े

कई बार अत्यधिक भूख आंत के कीड़ों की ओर संकेत भी करती है। ये कीड़े, खासतौर पर टेपवॉर्म आपके अंदर लंबे समय तक रह सकता है और आपको इसका पता भी नहीं चलेगा। ये परजीवी आपके शरीर से सभी आवश्यक पोषण ले लेते हैं और आपको फैट व शुगर दे देते हैं। आपको बहुत अधिक भूख लगनी शुरू हो जाती है और अधिक खाने लगते हैं।

5) हाइपोग्लाइसीमिया

हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर भी एक और कारण है बहुत अधिक भूख लगने का। हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण हैं: भूख, थकान, सिर दर्द, ठंडा पसीना, कंफ्यूजन और चक्कर आना। इसका कारण होता है जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना, जरूरी कार्बोहाइड्रेट न लेना और भूखा रहना। इस तरह की स्थिति में हाइपोग्लाइसीमिया कम वक्त के लिए बोता है और ब्लड शुगर का स्तर आपके कुछ खा लेने के बाद ठीक हो जाता है। लेकिन अगर आपको पहले से ही लीवर की बीमारी है तो हाइपोग्लाइसीमिया अधिक गंभीर रूप धारण कर लेता है और आपको हर वक्त भूख लगती रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी आमतौर पर लीवर में शुगर का निर्माण करती है ताकि ब्लड शुगर का स्तर न गिरे। पर अगर आपको लीवर की बीमारी होगी तो वो शुगर का निर्माण नहीं कर पाएगा।

6) टाइप टू डाइबिटीज़

टाइप टू डाइबिटीज़ से भी आपको लगातार भूख महसूस हो सकती है। हालांकि ये समझना आसान है कि लो ब्लड शुगर होने पर अधिक भूख लगती है लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि हाई ब्लड शुगर होने पर भी आपको भूख लगे? यही है डाइबिटीज़। हाई ब्लड शुगर भूख का कारण बनती है, भले ही आपके शरीर को खाने की जरूरत न हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर का हर सेल ब्लड से शुगर लेने के लिए इंसुलिन पर निर्भर करता है। अगर इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में न हो या ठीक प्रकार से काम न कर रहा हो तो शुगर ब्लड में मिल जाती है लेकिन वो सेल्स में नहीं जा पाती, जहां उसकी जरूरत होती है। इस कारण से सेल्स मस्तिष्क में ये संदेश भेजते हैं कि उन्हें अधिक खाने की जरूरत है। और इसी वजब से आपको हर वक्त भूख लगती है।

7) दवाएं

कुछ दवाइयों की वजह से भी अधिक भूख लगने की समस्या हाइपरफेजिया हो सकती है। कोर्टिकोस्टेरोइड्स , साइप्रोफेटेडाइन और ट्राईसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का सेवन करने वाले लोगों को ये समस्या हो सकती है।

8) पीएमएस

पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का एक सामान्य लक्षण खाने की इच्छा होना है। ये सिंड्रोम मेंस्ट्रुअल साइकिल के दूसरे चरण में होता है और एक दो दिन तक रहता है। इसमें भूख लगने के साथ साथ पेट में मरोड़, सिर दर्द और कब्ज जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं।

9) हाइपरथाइरॉइडिज्म

अत्यधिक भूख की समस्या हाइपरथाइरॉइडिज्म और ग्रेव्स डिज़ीज़ (इम्यून से जुड़ा विकार) जो थायरॉइड को प्रभावित करती है, से भी जुड़ी हुई है। थायरॉइड मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के लिए काम करता है इसलिए ओवरऐक्टिव थायरॉइड से हारपरएक्टिविटी, इन्सॉमिया या लगातार भूख लगना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि ज्यादा खाने के बावजूद भी वजन ज्यादा नहीं बढ़ता क्योंकि ओवरएक्टिव थायरॉइड की वजह से कैलोरी बहुत जल्दी बर्न होती हैं।

10) आनुवांशिक समस्याएं

प्रेडर विली सिंड्रोम (पीडब्ल्यूएस) जैसी आनुवांशिक समस्याएं भी अत्यधिक भूख का कारण बन सकती है। इस बीमारी में भूख बढ़ने के साथ साथ मोटापा भी बढ़ता है, छोटा कद रह जाता है और साथ ही मानसिक मंदता के लक्षण भी सामने आते हैं। पीडब्ल्यूएस मोटापे का सबसे सामान्य आनुवांशिक रूप है, लेकिन इससे अत्यधिक भूख क्यों बढ़ती है ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है। रिसर्चरों का कहना है कि ऐसा घ्रेलिन (ghrelin) नाम के एक हार्मोन के कारण होता है।

11) क्रोमोज़ोमल एब्नॉर्मैलिटी

क्रोमोज़ोमल एब्नॉर्मैलिटी जो कि एक और आनुवांशिक बीमारी है, भी अत्यधिक भूख का कारण हो सकती है। ये बात सभी जानते हैं कि जितनी ऊर्जा आपको प्राप्त हो रही है और जितनी आप खर्च कर रहे हो, यदि उनके बीच में असंतुलन है तो मोटापे की समस्या हो सकती है। मस्तिष्क का एक हिस्सा जिसे हाईपोथैलेमस कहते हैं, इन दो कारकों को नियंत्रित करते हैं। हाईपोथैलेमस में बहुत सारे छोटे छोटे न्यूक्लाइड होते हैं जो ऐसे हार्मोन्स का निर्माण करते हैं जो शरीर के तापमान, भूख, मूड और अन्य कार्यों को चलाते हैं। इन्हीं में से एक न्यूक्लाइड भूख पर नियंत्रण करता है। लेकिन जब इनमें समस्या होती है तो आप बहुत अधिक भूख महसूस करते हैं और ओवरइटिंग कर लेते हैं।

12) गर्भ से जुड़ा कारण

गर्भ के अंदर का प्रतिकूल वातावरण भी अत्यधिक भूख का कारण बन सकता है। ऑकलैंड यूनीवर्सिटी के रिसर्चरों ने हाइपरफेजिया का एक रोचक कारण बताया है। उन्होंने पाया कि अत्यधिक भूख भ्रूण के कारण भी हो सकती है। इसके पीछे का सिद्धांत ये कहता है कि मां के गर्भ की विपरीत परिस्थितियां जैसे कुपोषण, गर्भ में होने वाले मेटाबॉलिक और हार्मोनल बदलाव इसके कारण हो सकते हैं।

कई बार अत्यधिक भूख से निपटने के लिए परिवार व दोस्तों का भावनात्मक समर्थन और काउंसलिंग की जरूरत होती है। अगर लगातार अत्यधिक भूख की स्थिति रहे तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। चिकित्सीय सहायता न लेने से ये समस्या गंभीर हो सकती है और आपको स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।