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शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम्

॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥1॥ मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय। मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै म काराय नमः...
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 श्रीशिवरक्षास्तोत्रम्

॥ श्रीशिवरक्षास्तोत्रम् ॥ ॥ विनियोग ॥ श्री गणेशाय नमः॥ अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः॥ श्री सदाशिवो देवता॥ अनुष्टुप् छन्दः॥ श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे...
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शिव ताण्डव स्तोत्रम्

जटा-अटवी-गलत्-जल-प्रवाह-पावित-स्थले गले-अवलम्ब्य लम्बितां भुजंग-तुङ्ग-मालिकाम् डमड्-डमड्-डमड्-डमत्-निनाद-वड्डमर्वयं चकार चण्ड-ताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥ जटा-कटाह-सम्भ्रम-भ्रमत्-निलिम्प-निर्झरी विलोल-वीचि-वल्लरी-विराजमान-मूर्धनि धगत्-धगत्-धगज्ज्वलत्-ललाट-पट्ट-पावके किशोर-चन्द्र-शेखरे रतिः प्रति-क्षणं मम ॥२...
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श्रीअमलेश्वर वीर-स्तवः

   श्रीअमलेश्वर वीर-स्तवः कालातिगं कलुषप्रशमन्यनाथं, निर्मायिकं वपुर्निखिलं स्वदीपम्। अम्लानशुद्धमनसं परमेशमीडे, खारूनतीरनिलयं शरणं प्रपद्ये॥ भीमार्जुनाद्ययुधवीरवरानुकूलं, द्रौपद्यनन्दनसुतार्तिहरं दयालुम्। युद्धेऽपि शान्तिधृतमूर्तिममुं नितान्तं, अमलेश्वरं प्रणामि वीरमुखं पुराणम्॥ मौर्यवंशविभवः क्षत्रराजशेखरः सन्, अशोकनाम जगति शान्तिपथं विधाय। शमशूलहरमार्गमधिगत्य भूयः, अमलेशपूजनरतः बभूव धीमान्॥ विक्रमादित्यसम्राज्यशिरोमणिस्तु, उज्जयिन्यां निवसन् शिवतत्त्वबोधी। स्वप्नसंकेतवशात् खारुने गतः सन्, मौनव्रतेन समुपास्य हरं ददर्श॥ शङ्कराचार्यमहायशसे कदाचित्, दक्षिणदेशविहारवशात् समागात्। खारूतटे स शिवमेकमवेक्ष्य भूयो, "निर्मलशक्तिप्रभवोऽयममल" इत्यवोचत्॥ त्वं कालजेताऽखिलशक्तिसारः, त्वं निर्मलः शिवमहाशिवार्थः। त्वं भक्तवश्यः खलदर्पहन्ता, त्वं खारुनाथोऽमलनाथदेवः॥ मां पाहि नाथ! भवदोषशान्त्यै, ममापदां त्वरितसङ्गहाय। त्वद्भक्तिरस्तु दृढमूलनीता, त्वमेव मे जीवितकारणं च॥ पाण्डवोऽशोकविक्रमशङ्करश्च, ये ये गता हरिपदं समवेक्ष्य भक्त्याः। तेषां वशोऽसि शरणागतवत्सले त्वं,...
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श्रीअमलेश्वर ध्यानगीतम्

यह रहा आपके मूल श्लोक — "कालान्तरातीतममलत्वरूपं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ।" — के आधार पर रचित एक पूर्ण संस्कृत ध्यान-गीत, जो भगवान श्री महाकाल अमलेश्वर के निर्गुण, निर्मल और कालातीत रूप की स्तुति करता है। 🔱 श्रीअमलेश्वर ध्यानगीतम् कालान्तरातीतममलत्वरूपं, निश्शेषशक्तिं शिवमाद्यमेकम्। निर्मुक्तमायं निरुपाधिदेहं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ॥ सर्पालिवेषं त्रिनयं विशालं, शान्तप्रभं बिम्बसमानकान्तम्। लिङ्गात्मरूपं दृढमेकभावं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ॥ नित्यं निराकारमनन्तवृत्तिं, निर्वाणसौख्यं परब्रह्मरूपम्। शिवं सतां हृत्सरसीवसन्तं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ॥ गङ्गासमानामलधारयुक्तं, भक्तार्चितं भावविनम्रमूर्तिम्। कालान्तकं कालभयं हरन्तं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ॥ पाण्डवपूज्यं विक्रमार्चनीयं, शङ्करचार्यप्रणिपातयोग्यम्। स्वयम्भुवं नागगणैः सुपूतं, अमलेश्वरं भावये ध्याननिष्ठ॥ न त्वं लयोऽसि न च सृष्टिरूपं, न...
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महाराज विक्रमादित्य और अमलेश्वर की मौन आराधना

🔱 "महाराज विक्रमादित्य और अमलेश्वर की मौन आराधना" (ऐतिहासिक-संकेतों और दंतकथाओं पर आधारित सत्य के निकट कथा) 🕰️ काल-संदर्भ: सम्भवत: 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 1वीं शताब्दी ईस्वी के मध्य, उज्जयिनी (उज्जैन) के महान सम्राट विक्रमादित्य का शासनकाल। उनके जीवन से जुड़ी कहानियाँ केवल कथाएँ नहीं, बल्कि भारत के अर्ध-ऐतिहासिक स्मृति में जीवित हैं। उनके द्वारा: कालविवेक-संवत् की स्थापना (विक्रम संवत), नव रत्नों की सभा (कालिदास आदि), और शैव भक्ति के प्रति गहन श्रद्धा प्रकट होती है। “विक्रमादित्य की गुप्त साधना अमलेश्वर में” 🔍 शिव-आराधक राजा की खोज: विक्रमादित्य, जिनकी...
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महाकाल अमलेश्वर और पांडवों की वनगमन-कालीन साधना

  🔱 "महाकाल अमलेश्वर और पांडवों की वनगमन-कालीन साधना" (ऐतिहासिक पौराणिकता और स्थल परंपरा आधारित) 🧭 ऐतिहासिक संभावना: भारत के कई क्षेत्रों में ऐसी परंपराएँ हैं जो यह मानती हैं कि वनवास काल में पांडवों ने पूरे भारत की यात्रा की। उदाहरण: नर्मदा किनारे ओंकारेश्वर में अर्जुन की तपस्या, भीमबेटका क्षेत्र में भीम के ठहराव के संकेत, छत्तीसगढ़ में दन्तेवाड़ा, कोरबा, मल्हार आदि में पांडवों से जुड़ी कथाएँ। इसी परंपरा में एक मान्यता पाटन के पास स्थित अमलेश्वर से भी जुड़ी हुई है। 📖 कथा: "भीम और अमलेश्वर में वीर...
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अमलेश्वर महाकाल और आदि शंकराचार्य की अद्वैत अनुभूति

आपका श्रद्धा से परिपूर्ण आग्रह स्वीकार है। प्रस्तुत है — 🔱 "अमलेश्वर महाकाल और आदि शंकराचार्य की अद्वैत अनुभूति" (एक ऐतिहासिक-आध्यात्मिक गाथा) 🌿 भूमिका: भारत के आध्यात्मिक इतिहास में दो तत्व सर्वप्रमुख हैं: प्रतीकात्मकता और अनुभूति, और स्थान की दिव्यता एवं ऋषि-परंपरा। जब इन दोनों का संगम होता है, वहाँ जन्म लेती है — एक जीवित तीर्थ-कथा, जैसे अमलेश्वर महाकाल धाम की यह कथा। 📜 शंकराचार्य — ज्ञान की चैतन्य-ज्योति: आदि शंकराचार्य, जिनका जन्म केरल के कालड़ी ग्राम में हुआ, केवल ३२ वर्षों की अल्पायु में ही भारत की आत्मा...
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श्री महाकाल अमलेश्वर एवं सम्राट अशोक की दिव्य कथा

# 🕉️ *श्री महाकाल अमलेश्वर एवं सम्राट अशोक की दिव्य कथा* (एक ऐतिहासिक-आध्यात्मिक यात्रा) ## *🔱 भूमिका:* प्राचीन भारत की धरती वीरों, संतों और महायोगियों की भूमि रही है। ऐसी ही एक दिव्य भूमि है — *श्री महाकाल अमलेश्वर*, जो आज के छत्तीसगढ़ राज्य में, खारून नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान सदियों से शिवभक्तों, तपस्वियों और साधकों की साधना स्थली रहा है। *सम्राट अशोक, जिनका नाम इतिहास के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली सम्राटों में लिया जाता है, यहीं आकर अपने जीवन की एक **अद्भुत मोक्ष-यात्रा* पर निकलते हैं।...
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राहु को शांत कैसे रखें ? जानें राहु दोष से मुक्ति पाने के उपाय

राहु दोष को शांत करना और उससे मुक्ति पाना ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि राहु की...
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श्री महाकाल धाम में महाशिवरात्रि के दुर्लभ महायोग में होगा महारुद्राभिषेक

श्री महाकाल धाम में महाशिवरात्रि के दुर्लभ महायोग में होगा महारुद्राभिषेक    रायपुर। करीब तीन सौ साल के बाद इस...
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श्री महाकाल धाम में पुण्यात्माओं का करें नि:शुल्क तर्पण श्राद्ध कर्म,,,, 

श्री महाकाल धाम में पुण्यात्माओं का करें नि:शुल्क तर्पण श्राद्ध कर्म,,,,  इस पूजा में शामिल होने  के लिए पंजीयन 9893363928...
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रक्षाबंधन पर दोपहर तक भद्रा का साया,जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन पर दोपहर तक भद्रा का साया,जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों...
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श्री महाकाल धाम में कराएं कालसर्प दोष पूजा, सभी दोषों से मिलेगी मुक्ति…….

श्री महाकाल धाम में कराएं कालसर्प दोष पूजा, सभी दोषों से मिलेगी मुक्ति  ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष...
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क्या आप पितृ दोष और काल सर्प दोष से परेशान हैं? छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी पर करें ये उपाय

 क्या आप पितृ दोष और काल सर्प दोष से परेशान हैं ? छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी पर करें...
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