ग्रह विशेष

ग्रह विशेष

शुक्र का प्रभाव – ऐष्वर्या में वृद्धि या कैरियर में बाधक?-

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रमुखता प्राप्त है। कालपुरूष की कुंडली में शुक्र ग्रह दूसरे अर्थात् संपत्ति एवं सुख...
ग्रह विशेष

चरावेती-चरावेती प्रचलाम्ह निरंतरम् – केतु के अधीन पौरूष्र्य –

निरंतर चलायमान रहने अर्थात् किसी जातक को अपने जीवन में निरंतर उन्नति करने हेतु प्रेरित करने तथा बदलाव हेतु तैयार...
ग्रह विशेष

शनि है राजा!!!

आख्यान मिलता है कि शनि के प्रकोप से ही अपने राज्य को घोर दुर्भिक्ष से बचाने के लिये राजा दशरथ...
ग्रह विशेष

सप्तम भाव के ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति से बाधित वैवाहिक जीवन

सप्तमभाव लग्न कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। लग्न से सातवाॅ भाव ही दांपत्य व विवाह का ग्रह माना...
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