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21/10/2019 का पंचांग एवं राशिफल(सोमाष्टमी पुष्य का दुर्लभ संयोग !)

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  • दिनांक 21. 10.2019 का पंचाग
  • शुभ संवत 2076 शक 1941 …
  • सूर्य दक्षिणायन का …कार्तिक मास कृष्ण पक्ष…. सप्तमी.. प्रातः को 06 बजकर 45 मिनट तक … सोमवार….पुनवर्सु नक्षत्र.. शाम को 05 बजकर 32 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र… आज चन्द्रमा … मिथुन राशि में… आज का राहुकाल दिन को 07 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 55 मिनट तक होगा …

सोमाष्टमी पुष्य का दुर्लभ संयोग !

21 अक्टूबर 2019 को सर्वार्थ सिद्धि और अष्टमी के संयोग के साथ सोम पुष्य का दुर्लभ संयोग खरीदी के लिए उत्तम मुहूर्त संध्या 05 : 32 से पुष्य नक्षत्र प्रारम्भ, ज्योतिष के अनुसार इस बार पुष्य नक्षत्र के साथ कई ऐसे शुभ योग हैं जिसके  किया कार्य विशेष फलदायी होगा। इन मुहूर्त में भवन, भूमि, वाहन, आभूषण सहित अन्य खरीदारी करना श्रेष्ठ रहेगा। इस वर्ष का सर्व श्रेष्ठ पुष्य नक्षत्र है

मगर 22 अक्टूबर 2019 को संध्या 16 :39 तक पुष्य नक्षत्र में गृह शांति जैसे उपक्रम विशेष फलदायी होंगे असल में कार्तिक कृष्ण पक्ष नवमी मंगलवार में रिक्ता तिथि शुरू खरीदी शुभ नहीं परन्तु ग्रह शांति कर्म अत्यंत शुभ होंगे

अष्टमी को जया तिथि होने से यह मुहूर्त दुर्लभ

सर्वार्थ सिद्धि योग संध्या 17 : 32 से 30 : 02 तक सबसे उत्तम

पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का मुहूर्त 21 october 2019 सोमवार

खरीदारी का श्रेष्ठ समय – सोम पुष्य.. 21 october 2019 सोमवार, सर्वार्थ सिद्धि योग संध्या 17 : 32 से 30 : 02 तक सबसे उत्तम, संध्या 05 : 32 से पुष्य नक्षत्र प्रारम्भ, कृपया खरीदी करते समय इस समय का ध्यान रखें ,,,,

अभिजित मुहूर्त – 11:25 am- 12:11 pm

राहू काल – 07:29 am से 08:55 am

चौघडिया –

अमृत – 06:02 AM – 07:29 AM

शुभ- 08:35 – 10:22 AM

चर- 13:14 AM – 14:41 AM

लाभ- 14:41 AM – 16:07 PM

अमृत- 16 : 07 PM – 17 :34 PM

संध्या-

चर- 17:34 PM -19:07 PM

लाभ- 22:15 PM 23:48 PM

शुभ- 25:22- 26:55 अगले दिन

अमृत- 26:55-28 :29 अगले दिन

चर- 28:29 PM -30:03 अगले दिन

स्थिर लग्न

वृश्चिक- 08:28 am से 10:45 am

कुम्भ- 02:38 pm से 04:09 pm

वृषभ- 07:14 pm से 09:10 pm

सिंह- 01:42 am से 03:56 am

सर्वार्थ सिद्धि योग संध्या 17 : 32 से 30 : 02 तक सबसे उत्तम

पुष्य नक्षत्र पर करें ये काम, कार्य सिद्धि के साथ मिलेगी स्थायी समृद्धि : पुष्य नक्षत्र का दशा स्वामी शनि होने से इस नक्षत्र के दरमियान घर में आयी संपत्ति या समृद्धि चिरस्थायी रहती है। पुष्य नक्षत्र में किए गए कामों को हमेशा सफलता व सिद्धि मिलती है। इसलिए, विवाह को छोड़कर हर एक कार्यों के लिए पुष्य नक्षत्र को शुभ माना जाता है।

सोम-मंगलवार को पुष्य नक्षत्र की पावन निश्रा में इन ग्रहों की मंत्र उपासना देगी सुख-सौभाग्य

ग्रह का अर्थ पकड़ लेने वाला ,यदि आपकी कुंडली में राहु,शनि, शनि राहु जन्य दोषों पितृ दोषों,ग्रहण दोषों और अन्य बुरे ग्रह दोषो हों तो इस दिन जरूर करावें अपने बुरे ग्रहों की शांति, इस दिन पूजा से मिलेगा हजार गुना फल।

शास्त्रों में सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कामना पूरी करने के लिए ही देव गुरु बृहस्पति और शनिदेव की उपासना का महत्व बताया गया है। शनि भाग्य नियत करने वाले तो गुरु बृहस्पति की पूजा ज्ञान, सौभाग्य द्वारा वैभव देने वाली मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक पुष्य नक्षत्र के अधिपति ग्रह शनि तो स्वामी देवता गुरु माने गए हैं। इसलिए पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में गुरु-शनि के यहां बताए जा रहे विशेष और सरल मंत्र सफल व वैभवशाली जीवन की हर कामना को पूरी कर देंगे।

 इन विशेष मंत्र जप के पूर्व नवग्रह मंदिर में या घर पर भी भगवान बृहस्पति व शनि की विशेष सामग्रियों से पूजा करें। गुरु को पीली सामग्रियों जैसे केसरिया चंदन, पीले चावल, हल्दी, पीला वस्त्र व पील मिठाई तो शनि का काले तिल, काला गंध, फूल, तेल, लोहे के बर्तन, काल वस्त्र चढ़ाएं।

पश्चात सुख-समृद्धि व सौभाग्य की कामना से गुरु व शनि के नीचे लिखे मंत्रों में से कोई भी या सभी का स्मरण कम से कम 108 बार जरूर करें व बाद धूप, दीप व कर्पूर आरती कर प्रसाद ग्रहण करें –

गुरु मंत्र –

ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:

ऊँ बृं बृहस्पतये नम:

शनि मंत्र –

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:

ऊँ शं शनैश्चराय नम:

इसी तरह 22 अक्टूबर 2019 को पुष्य नक्षत्र मंगलवार के साथ पूर्ण योग बनेगा, किंतु

21 अक्टूबर 2019 सोमवार की शाम से ही पुष्य नक्षत्र के शुभ योग की शुरुआत हो जाएगी। शास्त्रों में जहां सोमवार चंद्र पूजा का दिन है तो ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक कर्क राशि का स्वामी भी चंद्रमा है। इस राशि के चार चरणों में भी पुष्य नक्षत्र का प्रभाव होता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में सफेद पूजा सामग्रियों जैसे सफेद चंदन, अक्षत, वस्त्र, फूल व दूध से बने पकवानों का भोग लगा मन के देवता चंद्र की पूजा करें व नीचे लिखे मंत्र का कम से कम 108 बार स्मरण करें तो सारी मानसिक या भावनात्मक परेशानियों के साथ पेट या आंखों से जुड़े रोग भी दूर होंगे।

ॐ इमं देवाSसपत् न ग्वं सुवध्वम् महते क्षत्राय महते ज्येष्ठयाय

महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय इमममुष्य पुत्रमुष्यै पुत्रमस्यै विश

एषवोSमी राजा सोमोSस्माकं ब्राह्मणानां ग्वं राजा॥

22 अक्टूबर 2019 सूर्योदय के साथ पुष्य नक्षत्र-मंगलवार का पूर्ण संयोग होगा। इसलिए मंगल देव की पूजा लाल सामग्रियों जैसे लाल चंदन, लाल अक्षत, लाल फूलों, लाल वस्त्र व लाल फलों या मिठाइयों का भोग लगाकर नीचे लिखे मंगल मंत्रों का स्मरण करने से संपत्ति, संतान, धन व दांपत्य से जुड़ी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं –

ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:

ॐ भौमाय नम:

दीपावली  के दिनों में चोपड़ा खरीदने के लिए व्यापारीगण पुष्य नक्षत्र को विशेष महत्व देते हैं। इसके अलावा, वर्ष के दौरान भी पुष्य नक्षत्र में जब गुरु पुष्यामृत योग बन रहा हो तब सोने, आभूषण और रत्नों को खरीदने की प्रथा सदियों से प्रचलित है। 

पुष्य नक्षत्र में किए जाने वाले मांगलिक कार्य :

इस मंगलकर्ता नक्षत्र के दौरान घर में आयी संपत्ति या समृद्धि चिरस्थायी रहती है।

ज्ञान और विद्याभ्यास के लिए पावन दिन।

इस दिन आध्यात्मिक कार्य किए जा सकते हैं।

मंत्रों, यंत्रों, पूजा, जाप और अनुष्ठान हेतु शुभ दिन।

माँ लक्ष्मी की उपासना और श्री यंत्र की खरीदी करके जीवन में समृद्धि ला सकते हैं।

इस समय के दौरान किए गए तमाम धार्मिक और आर्थिक कार्यों से जातक की उन्नति होती है।

 पुष्य नक्षत्र : मांगलिक कार्यों से शुभ फलों की प्राप्ति का पावन पर्व :

इस दिन पूजा या उपवास करने से जीवन के हर एक क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है।

कुंडली में विद्यमान दूषित सूर्य के दुष्प्रभाव को घटाया जा सकता है।

इस दिन किए कार्यों को सिद्धि व सफलता मिलती है।

धन का निवेश लंबी अवधि के लिए करने पर भविष्य में उसका अच्छा फल प्राप्त होता है।

काम की गुणवत्ता और असरकारकता में भी सुधार होता है।

इस शुभदायी दिन पर महालक्ष्मी की साधना करने से उसका विशेष व मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

पुष्य नक्षत्र को ब्रह्याजी का श्राप मिला था, इसलिए यह नक्षत्र शादी-विवाह के लिए वर्जित माना गया है।अन्यथा इस दिन किए गए सभी मांगलिक कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होते हैं। पुष्य नक्षत्र में दिव्य औषधियों को लाकर उनकी सिद्धि की जाती है। जीवन में संपत्ति और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए पुष्य नक्षत्र व्यक्ति को पूरा अवसर प्रदान करता है।

आज की राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल-

मेष राशि :

तांबे से बनी वस्तु की खरीदारी शुभ होगा. इसके अलावा भूमि या भवन की खरीद भी इस राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है।

वृषभ राशि:

इस राशि के जातक सबसे पहले शुभ मुहूर्त में चांदी या चावल की खरीदारी करें. इसके बाद चाहे किसी भी चीज की खरीद कर सकते हैं। शुभ होगा

मिथुन राशि:

मिथुन राशि वाले जातक इस दिन सबसे पहले सोने की खरीद करें या कांसा धातु की बनी गणेश जी मूर्ति या हंस के जोड़ा को खरीद सकते हैं. इनकी खरीदारी आपके लिए शुभ होगी।

कर्क राशि:

कर्क राशि वाले लोग स्फटिक और चांदी का श्रीयंत्र खरीद सकते हैं. इसके बाद जो भी खरीदें शुभ होगा

सिंह राशि:

इस राशि के जातक धनतेरस के दिन सबसे पहले पीतल से बनी किसी वस्तु की खरीदारी करें और उसके बाद किसी सोने की वस्तु की खरीद करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी।

कन्या राशि:

कांसे या हाथी दांत से बनी वस्तु खरीदें। इससे आपके धन में वृद्धि होगी और धन का निवेश करने पर आपको लाभ की प्राप्ति होगी

तुला राशि:

चांदी का श्रीयंत्र, आभूषण या सिक्का जरूर खरीदें।

वृश्चिक राशि:

इस राशि के जातक तांबा या पंचधातु से बनी वस्तुओं की खरीदारी करें। इसके बाद गेहूं और गुड़ की खरीदारी करें।

धनु राशि:

धनु राशि के लोग सबसे पहले इस दिन हल्दी और केसर की खरीदारी करें और इसके बाद चाहें तो सोने की खरीदारी कर सकते हैं।

मकर राशि:

इस राशि के जातकों को सबसे पहले अपने घर की सजावट के लिए कोई सामान खरीदना चाहिए। इसके बाद आप अपनी रुचि के अनुसार कुछ भी खरीदारी कर सकते हैं। इससे आपको लाभ प्राप्त होगा।

कुंभ राशि:

कुंभ राशि के जातक इस दिन लोहे की वस्तु के साथ नीलम की खरीद करें। भवन, भूमि, वाहन या कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी शुभ होगा।

मीन राशि:

मीन राशि के जातक इस दिन सबसे पहले घर की सजावट से संबंधित चीजें खरीदें। उनके लिए शुभ होगा