चाहते है घर मे सुख-समृद्धि ? तो करें ये उपाय
Vastu tips for home for wealth and prosperity : वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसके लिए गृह निर्माण के समय हमेशा वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी गृह निर्माण करने जावास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसके लिए गृह निर्माण के समय हमेशा वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी गृह निर्माण करने जा रहे हैं।
मकान की लंबाई को 9 बराबर भागों में बांट दें। 5 भाग दाएं और 3 भाग बाएं छोड़कर शेष भाग में मुख्य द्वार बनाना चाहिए।
घर से निकास के लिए दाईं ओर प्रवेश द्वार बनवाएं।घर में प्रवेश हेतु एक द्वार ही रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर 3 दरवाजे शुभ नहीं होते हैं। घर में प्रवेश हेतु उत्तर और पूर्व की दिशा बेहतर होती है। दक्षिण की दिशा में भूलकर भी द्वार न दें। इससे घर में नकारात्मक शक्ति का आगमन होता है।
घर के बाहर उत्तर दिशा में गूलर, पाकड़ आदि वृक्ष न लगाएं। इससे नेत्र संबंधी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। साथ ही घर में बेर, केला, पीपल और अनार के पेड़ भी न लगाएं। इससे घर की बरकत गायब हो जाती है।घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बृहस्पति देव का वास होता है। इसके लिए इस दिशा में पूजा घर रखें। मंदिर में देवी-देवताओं का मुख पूर्व की दिशा में रखें।वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए। ऐसा करने पर घर में खुशहाली आती है। कहते हैं कि मां लक्ष्मी को साफ-सफाई पसंद होती है इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए घर के मुख्य दरवाजे को साफ रखें। घर के बाहर गंदगी फैली होने पर नकारात्मकता बढ़ती है।
वास्तु के अनुसार घर में मनी प्लांट का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। घर की उत्तर दिशा में मनी प्लांट लगाना लाभदायक होता है। इसके लिए हरे रंग के गमले का प्रयोग करें। अगर आप घर को हरा-भरा बनाना चाहते हैं तो इसी दिशा में कई और पौधे तथा लताएं लगा सकते हैं। इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि इसका रंग हरा ही हो।बता दें कि उत्तर दिशा में डस्टबिन, वॉशिंग मशीन, झाड़ू और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भूलकर भी इस दिशा में न रखें। ऐसा करने से धन की हानि होती है।वास्तु के अनुसार घर का रसोईघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। किचन की दीवारों पर लाल, नारंगी और गुलाबी रंग करें जबकि ड्राइंग रूम और काम करने का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए।